नई दिल्लीः साउथ ईस्ट जिला पुलिस की मनमानी और लापरवाही की वजह से सामूहिक दुष्कर्म की एक पीड़िता करीब डेढ़ साल से न्याय के लिए भटक रही है. कोर्ट के कहने पर पुलिस ने अब जाकर मुकदमा दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी भी मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है. पीड़िता का आरोप है कि केस को एक्सीडेंट दिखाने और वो किसी को कुछ न बता पाए इसलिए आरोपियों ने उसकी जीभ काटकर सड़क पर फेंक दिया था. वारदात दिसंबर 2022 की है, शिकायत जुलाई 2023 में हुई.
ये है पूरा मामला
29 दिसंबर 2022 को गोविंदपुरी थाना इलाके की घटना है. पीड़िता को उसकी मालकिन ने यह कहकर बुलाया था कि उसकी बेटी का जन्मदिन है और घर पर कुछ मेहमान आएंगे इसलिए सबके लिए खाना बनाना है, जब वह अपने मालकिन के घर पहुंची और काम कर रही थी, इस दौरान उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला दिया गया, जिससे वह बेहोश हो गई और अगले दिन जब उसकी आंख खुली तो वह गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती थी. उसके बाद उसे पता चला कि उसकी जीभ काट दी गई है.
पीड़िता का आरोप
पीड़ित युवती का आरोप है कि उससे पहले गोविंदपुरी इलाके से महिपालपुर ले जाया गया, जहां चलती कार में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ. इस दौरान उसके साथ मारपीट भी की गई. पीड़िता द्वारा पुलिस को दिए बयान में यह बताया गया कि वह संध्या नाम की महिला के पास डॉमेस्टिक हेल्प के तौर पर काम करती थी. इसके पीछे वजह क्या थी. इसका पता नही चल पाया है.
दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस ने माना हादसा
इस मामले को दिल्ली पुलिस के साथ-साथ गुरुग्राम पुलिस ने भी एक हादसा माना. पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने उसे सड़क पर फेंक दिया और रोड एक्सीडेंट दिखाने की कोशिश की. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल भी नहीं कराया था.
पीड़िता का यह भी आरोप है कि साकेत कोर्ट से आदेश के बाद मामला दर्ज किया गया है, लेकिन तब शिकायत और तमाम आरोप लगाने के बाद भी मामला दर्ज नहीं किया गया था. बता दें कि कोर्ट के दबाव के बाद पुलिस ने मामला तो दर्ज किया. जानकारी के अनुसार, इसमें तीन लोगों के साथ-साथ घर की मालकिन भी शामिल है. अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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