नई दिल्ली: दिल्ली में करीब 2,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है. वहीं, अब रोहिणी सेक्टर-37 और बुराड़ी डिपो से चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों का संचालन नहीं हो रहा है. दरअसल, दो माह से चालकों का वेतन नहीं मिला है. ऐसे में वह बसें सड़क पर नहीं उतार रहे हैं. जिसकी वजह से दिल्ली में यात्रियों को बस के लिए स्टैंड पर इंतजार करना पड़ रहा है. बस चालकों का कहना है कि अगले महीने से मजलिस पार्क डिपो की बसों का संचालन बैन हो सकता है. क्योंकि वहां पर भी वेतन को लेकर को अनियमितता से चालक परेशान हैं.
दिल्ली के बुराड़ी और रोहिणी सेक्टर 37 डिपो से 300 इलेक्ट्रिक बेसों का संचालन होता है. इन दोनों डिपो के चालकों को करीब 2 महीने से वेतन नहीं मिला है. रोहिणी डिपो के इलेक्ट्रिक बस के चालक राकेश कुमार का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों में रोष है. पिछले कई दिनों से दोनों डिपो के चालक बसें नहीं चला रहे हैं. सुबह कर्मचारी करीब 4:00 बजे डिपो पर पहुंच जाते हैं और वह रात के करीब 11:00 बजे तक धरने पर बैठे रहते हैं.
राकेश कुमार का कहना है कि एक चालक को 21,216 रुपए का मासिक वेतन मिलता है. सुबह 4:00 बजे ड्यूटी करने आना पड़ता है. कम वेतन में परिवार नहीं चलता ऊपर से समय से वेतन भी नहीं मिलता है. ऐसे में चालक तनाव में हैं. परिवार चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसी तरीके से दशहरे का त्योहार बीत गया अब दीपावली का पर्व है. यदि वेतन नहीं मिला तो दीपावली का पर्व नहीं मना पाएंगे. ऐसे में दोनों डिपो पर कर्मचारी सुबह 4 बजे से रात के 11 बजे तक धरने पर बैठे रहते हैं. कोई भी चालाक बस नहीं चल रहा है.
यात्रियों पर पड़ रहा सीधा असर: बुराड़ी और रोहिणी डिपो से चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों का संचालन न होने से इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है. 300 इलेक्ट्रिक बसें एक तरीके से दिल्ली की सड़कों से हट गई है. ऐसे में यात्रियों को स्टैंड पर बस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. चालकों का कहना है कि सभी बसें जेबीएम कंपनी की हैं. बस चालक कंपनी अधिकारियों से बात करते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि दिल्ली सरकार की तरफ से कंपनी को पैसा नहीं मिला है, जिसकी वजह से वह वेतन नहीं दे पा रहे हैं.
बढ़ सकती है समस्या: चालक राकेश कुमार का कहना है कि जेबीएम कंपनी करीब 1000 बसें चलाती है. इन बसों का संचालन विभिन्न डिपो से होता है. वेतन देने की अनियमितता कई डिपो में हैं. मजलिस पार्क डिपो में भी बसों का संचालन बंद हो सकता है. इससे लोगों को और परेशानी होगी.
8000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का है लक्ष्य: दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली की सड़कों पर वर्ष 2025 के अंत तक 10000 बसें चलाने का लक्ष्य रखा है. इनमें से करीब 80 परसेंट बसे इलेक्ट्रिक होगी. यानी 8000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली में जो भी इलेक्ट्रिक बसें चल रही है. उसे बनाने वाली कंपनी संचालन कर रही है. बस में सिर्फ दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन का कंडक्टर रहता है. चालक भी बस बनाने वाली कंपनी की तरफ से रखा जाता है.
अभी दिल्ली में महज 2000 इलेक्ट्रिक बसे हैं, लेकिन अभी वेतन देने को लेकर समस्या आ रही है और बसों का संचालन ठप हो गया. यदि समय रहते इस समस्या पर काम नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में समस्या और बढ़ सकती है, जिसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को भुगतना पड़ेगा. बता दें, दिल्ली में रोजाना करीब 41 लाख लोग बसों में सफर कर गंतव्य तक पहुंचाते हैं.
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