भोपाल। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने शराब घोटाले के मामले में गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया. अब गिरफ्तारी को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. इस मामले में सीएम मोहन यादव का कहना है "पद का इतना मोह शोभा नहीं देता. केजरीवाल द्वारा जेल से सरकार चलाने पर सीएम ने कहा "अरविन्द केजरीवाल को पद का मद है. मुख्यमंत्री के रूप में जेल जाना बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है, आज तक कभी ऐसा समय नहीं आया."
आरोप लगने के बाद इस्तीफा देने की परंपरा है देश में
सीएम यादव ने कहा "अपने देश का इतिहास है कि जब किसी पर कोई आरोप लगता है तो वह सबसे पहले अपने पद से इस्तीफा देता है. जब तक आरोप से बरी ना हो जाए, तब तक वह अपना दायित्व नहीं संभालता. जब उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का एक डायरी में झूठा नाम आया था, तब उन्होंने तुरंत सभी पदों से इस्तीफा दिया था. यहां तक कि सांसद से भी इस्तीफा दे दिया था और कोर्ट को फेस किया. कोर्ट को फेस करने के बाद ही ये डिसाइड हुआ कि वह चुनाव लड़ें और बाद में वे पदाधिकारी चुने गए."
शराब घोटाले में आप के कई नेता जेल में बंद
मुख्यमंत्री ने कहा "मैं मानकर चलता हूं कि लोकतंत्र में अगर किसी के ऊपर उंगली उठ रही है और उसके ही पार्टी के ही दो-दो मंत्री इसी आरोप में जेल में बंद हैं. जिन्हें लगातार प्रयास करने के बाद भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिली. शराब कांड के मामले में जब केजरीवाल के पास 9 बार समन गए, वह हाईकोर्ट गए और जब हाई कोर्ट ने रिलीफ नहीं दी तो ऐसे में स्वतः इस्तीफा देकर पहले अपने ऊपर लगे आरोप को फेस करते और बरी होने तक इंतजार करना चाहिए था."
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दिग्विजय सिंह ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का किया विरोध
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा. दिग्विजय सिंह ने कहा "केजरीवाल की गिरफ्तारी के पीछे उनका कसूर ये भी था कि वह इंडिया एलायंस के हिस्सा थे और दिल्ली में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इतिहास में पहली बार दो सिटिंग चीफ मिनिस्टर को जेल भेजा गया है."