नई दिल्ली: पुस्तकों की दुनिया काफी रोचक होती हैं. तकनीक के बदलते दौर ने पुस्तकों की दुनिया को कई नए रूप दिए. कोरोना काल के बाद से ऑनलाइन बुक रीडिंग और सेल पर काफी प्रभाव पड़ा. लेकिन, क्या अब 5 वर्षों बाद भी पुस्तक प्रेमी ऑनलाइन किताबें पढ़ना पसंद करते हैं? इस सिलसिले में ETV भारत ने कुछ प्रकाशकों से बातचीत कर जानकारी ली. आइए, जानते हैं उन्होंने क्या बताया?
विदेशों में ऑनलाइन बुक रीडिंग बढ़ी: रूपा पब्लिकेशन से सदस्य पंकज अरोरा ने बताया, "आज भी भारतीय लोग किताबों को हाथ में लेकर पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं, न की ऑनलाइन. लेकिन विदेशों में ऑनलाइन बुक रीडिंग बढ़ी है. भारतीय पुस्तक प्रेमियों का मनाना है कि जो आनंद हाथ में किताब लेकर पढ़ने का है वह ऑनलाइन में नहीं है. हम बीते कई वर्षों से एमेजॉन पर बुक की सॉफ्ट कॉपी सेल करते हैं. लेकिन पाठकों का रुझान किताबों की हार्ड कॉपी की ओर ज्यादा है."
हार्ड बुक पढ़ना पसंद करते हैं बच्चे: ओसवाल बुक्स पब्लिश के सदस्य जय सिंह ने बताया, "उनका प्रकाशन छोटे बच्चों के लिए रोचक किताबें छापता है. वहीं कई मार्केटिंग वेब साइट पर इन किताबों को ऑनलाइन भी सेल करते हैं. लेकिन बच्चों और अभिभावकों दोनों का रुझान ऑनलाइन की ओर कम है. क्योंकि स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे कहीं भी बैठ कर किताबों पढ़ सकते हैं. वहीं बच्चों के अभिभावक भी उनको हार्ड बुक ही पढ़ने की सलाह देते हैं. ओसवाल बुक की लगभग सभी किताबें ऑनलाइन मौजूद हैं. कई बार ई बुक पर अच्छा खासा डिस्काउंट देने के बाद भी किताबों की उतनी सेल नहीं होती, जितनी हार्ड बुक्स की होती है."
कोरोना के बाद ई-बुक रीडरशिप घटी: कोरोना महामारी के समय कई लोगों ने नए काम करने शुरू किए थे. इसी तरह सुनालिका पब्लिशर ने भी कोरोना काल में किताबों को ऑनलाइन सेल करना शुरू किया था. सुनालिका प्रकाशक के सदस्य मधुसूदन दधीचि ने बताया कि जब 2019 में उन्होंने पुस्तकों को ऑनलाइन सेल करना शुरू किया था, तब से लेकर करीब 2 वर्षों तक लोगों ने ऑनलाइन ई बुक पढ़ी, लेकिन जैसे जैसे कोरोना महामारी का प्रभाव कम हुआ. ई बुक की रीडरशिप भी घट गई. पुस्तक प्रेमियों का मनाना है कि हार्ड बुक्स को पढ़ने में जो आनंद आता है वह ई बुक पढ़ने में नहीं आता है.
राजधानी में आयोजित : बता दें, उपरोक्त सभी प्रकाशकों ने राजधानी में आयोजित 28वें दिल्ली पुस्तक मेले में अपने बुक स्टाल लगाए हैं. प्रगति मैदान के हाल नंबर 12 और 12ए में देशभर से आए प्रकाशकों ने बुक स्टाल लगाए हैं. यह मेला आगामी 11 अगस्त तक चलेगा. मेले का विषय 'भारतीय पुस्तकों का वैश्विक प्रभाव' है. वहीं, मेले का आकर्षण स्टेशनरी मेला, ऑफिस ऑटोमेशन और कॉर्पोरेट उपहार रहेगा. दिल्ली पुस्तक मेले में जाने के लिए प्रवेश मुख्य रूप से गेट नंबर 10 (सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन) से होगा, जो सभी के लिए निःशुल्क है. यहां लोग सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक मेले में जा सकते हैं.