नई दिल्ली: अयोध्या में बने प्रभु श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर सनातन धर्म का प्रचार करने के लिए दिल्ली के एथलीट शास्वत शर्मा ने अनोखा संकल्प लिया है. शास्वत ने भारत और श्रीलंका के बीच के महासागर रामसेतु को तैरकर पार करने का संकल्प लिया है. वे रामसेतु को बिना रुके पानी के अंदर तैरकर लगभग 32 किलोमीटर की दूरी को पार करेंगे. शास्वत इंटरनेशनल लेवल के स्विमर हैं और वे देश के लिए अब तक कई मेडल जीत चुके हैं. शास्वत के इस संकल्प में उनके दोस्त भारत सचदेव भी उनके साथ रहेंगे. आइए जानते हैं इस बारे में उन्होंने क्या कहा..
सवाल: आपने भारत और श्रीलंका के बीच 32 किलोमीटर की दूरी महासागर में तैरकर पार करने का संकल्प लिया है, इसकी प्रेरणा कहां से मिली?
जवाब: मैं और मेरा साथी भारत सचदेव हम दोनों प्रभु श्री राम के भक्त हैं. हम प्रधानमंत्री से इंस्पायर हैं. पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में अपना योगदान दिया, उसे देखते हुए हमने सोचा कि क्यों न हम दोनों कुछ खास कर भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा को दर्शाएं. हमने प्रधानमंत्री की स्पीच सुनी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब प्रभु श्री राम आए तो एक काल का चक्र बदला.
सवाल: 32 किलोमीटर की दूरी पानी में तैरकर जाने को लेकर आपकी किस तरह की तैयारी है? आप कब इसे करने वाले हैं ?
जवाब: हमारे साथ एक प्रोफेशनल लोगों की टीम होगी. नाव होगी, जिसमें रेस्क्यू ऑपरेटर और नेविगेटर सवार होंगे. वे हमें बताएंगे कि पानी में बहाव किस तरफ है, पानी में बवंडर बनने की कोई संभावना तो नहीं आ रही और डायरेक्शन भी बताएंगे कि किस डायरेक्शन में हमें जाना है. इसके साथ ही हम लोगों को भारत और श्रीलंका सरकार से परमिशन भी लेनी पड़ेगी. हम कोशिश कर रहे थे कि जनवरी में इस काम को करेंगे, लेकिन वहां साइक्लोन की स्थिति बनी हुई है जिसे देखते हुए जनवरी महीने में जाने की संभावना नहीं है. हम मार्च या अप्रैल तक इस काम को पूरा करेंगे. जैसे ही हमें परमिशन मिलेगी, मार्च अप्रैल के महीने में हम 32 किलोमीटर की दूरी को तैरकर पार करेंगे और हमने जो प्रण लिया है उसे पूरा करेंगे.
सवाल: आपने स्विमिंग की शुरुआत कैसे की? आप कब से आप स्विमिंग कर रहे हैं?
जबाव: मैं चौथी कक्षा में पढ़ता था और मेरे पिताजी एक रणजी क्रिकेट प्लेयर रह चुके हैं. उन्होंने मुझे नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में क्रिकेट खेलने के लिए भेजा. वहीं पर एक समर कैंप स्विमिंग का लगा था. वहीं से मैंने स्विमिंग की शुरुआत की और मेडल भी जीता. वहीं से मेरा इंटरेस्ट स्विमिंग की तरफ बढ़ गया. इसके बाद मैनें ऑल इंडिया आईपीएससी में कई टूर्नामेंट खेले और कई रिकॉर्ड्स भी बनाए. मैं 13-14 साल की उम्र से ही स्विमिंग कर रहा हूं. दिल्ली वॉटर पोलो टीम का भी मैं कप्तान रह चुका हूं. मैंने स्विमिंग में दिल्ली स्टेट को रिप्रेजेंट भी किया है. पहले पिताजी ने मुझे क्रिकेटर बनाने की कोशिश की थी, लेकिन मेरी दिलचस्पी उसमें नहीं थी. पिताजी ने देखा कि स्विमिंग में रिजल्ट्स अच्छे आ रहे हैं, जिसके बाद पिताजी ने कुछ नहीं कहा और फैसला मेरे ऊपर छोड़ दिया. मेरे माता-पिता का मेरे करियर में बहुत सहयोग रहा है.
सवाल: हमारे देश में क्रिकेट ज्यादा खेली जाती है, स्विमिंग को लेकर अभी भी बहुत कम लोग जागरूक है. जो यूथ स्विमिंग में आना चाहते हैं उनको क्या संदेश देंगे?
जवाब: मैं उन युवाओं के लिए यही कहना चाहता हूं कि अगर आपको जिस चीज में इंटरेस्ट है अगर आप उसे करेंगे तो वह जरूर पूरा होता है. आप सच्ची लगन और मेहनत से हर मुकाम को हासिल कर सकते है. एक स्विमर की लाइफ अलग होती है. उसमें एक हफ्ते में 14-14 सेशन होते हैं. रोज छह किलोमीटर से लेकर 10 किलोमीटर तक हमें पानी में स्विमिंग करनी पड़ती है. उसके लिए मेहनत सबसे ज्यादा जरूरी है.
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