ETV Bharat / state

दलालों पर नकेल कसने के लिए एम्स ने जारी किया व्हाट्सऐप नंबर, करें शिकायत - दिल्ली एम्स में दलाली

दिल्ली एम्स ने मरीजों और उनके परिजनों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए व्हाट्सऐप नंबर जारी किया है. इस नंबर पर कॉल कर दलालों या एजेंटों के बारे में सूचना दिया जा सकता है.

d
d
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 22, 2024, 6:36 PM IST

नई दिल्लीः एम्स दिल्ली में इलाज कराने वाले मरीजों को दलालों या एजेंटों के जाल में फंसने से बचाने के लिए अच्छी पहल की गई है. एम्स डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास ने एक व्हाट्सऐप नंबर ( 9355023969) जारी कर पीड़ितों को उस पर शिकायत करने की अपील की है. साथ ही इसके लिए ऑफिस में प्रतिदिन रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है.

इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर बताया गया है कि मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ बातचीत के दौरान, यह पाया गया कि एम्स नई दिल्ली आने वाले कुछ मरीजों को दवाओं की आपूर्ति करने या एम्स के बाहर जांच में मदद करने, या उन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर करने की आड़ में दलाल या एजेंट उनसे ठगी कर रहे हैं. इस खतरे से निपटने के लिए मिशन मोड में विशेष उपाय शुरू किए जाएंगे ताकि किसी भी मरीज को दलाल या एजेंट के झांसे में आकर आर्थिक नुकसान का सामान ना करना पड़े.

29 फरवरी तक चालू होगा नंबरः रिश्वत मांगने से संबंधित शिकायतों और सबूतों के संदेश के लिए एक समर्पित व्हाट्सएप नंबर (9355023969) 29 फरवरी 2024 तक चालू हो जाएगा. ओपीडी, वार्ड, प्रतीक्षा क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में अंग्रेजी और हिंदी में साइनेज प्रमुखता से होंगे. स्टोर, फार्मेसी में भी इसे प्रदर्शित किया जाएगा. यदि कोई दलाल या एजेंट आपको धोखा दे रहा है या कोई एम्स नई दिल्ली में सेवाओं के लिए रिश्वत मांग रहा है, तो इस नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो या वीडियो साक्ष्य और स्थान के बारे में सूचित कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को कम कर सकती है 'मास्टेक्टॉमी' सर्जरी: शोध

चौबीस घंटे नंबर पर भेजी शिकायतों की होगी निगरानीः यह नंबर दलालों या एजेंटों द्वारा मरीजों से की जाने वाली धोखाधड़ी या ऐसे मामलों की शिकायतों का संज्ञान लेगा जहां एम्स नई दिल्ली से कोई व्यक्ति एम्स में किसी भी सेवा के बदले रिश्वत मांग रहा है. इस नंबर की चौबीस घंटे निगरानी की जाएगी. शिकायतों का तुरंत निपटारा सुनिश्चित करने और तत्काल आधार पर अपेक्षित कार्रवाई करने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों की एक टीम चौबीस घंटे एम्स नियंत्रण कक्ष (कक्ष संख्या 12, पुराना निजी वार्ड) के बगल में पेजिंग रूम में तैनात की जाएगी.

जारी व्हाट्सएप नंबर पर कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत को सत्यापित करने के लिए नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी अधिकारी के परामर्श से तुरंत एक टीम काम पर लग जायेगी. यदि प्रारंभिक सत्यापन पर शिकायत वास्तविक पाई जाती है तो ड्यूटी अधिकारी संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक प्रभारी और डायरेक्टर के परामर्श से तत्काल कार्रवाई करेगा.

सभी शिकायतों की तैयार होगी लॉग शीटः सुरक्षा विभाग प्राप्त सभी शिकायतों की एक लॉग बुक तैयार करेगा. इसमें शिकायत का समय, सत्यापन का समय और उसके निष्कर्ष, उक्त शिकायत के संबंध में की गई कार्रवाई आदि शामिल है. साथ ही लॉग का सारांश डायरेक्टर के कार्यालय और अतिरिक्त प्रशासनिक निदेशक कार्यालय में भी दैनिक आधार पर सुबह नौ बजे तक भेजा जाएगा.

दोषी स्टाफ की होगी छुट्टीः हालांकि, सुरक्षा विभाग सीधे तौर पर इसे रोकने के लिए जिम्मेदार है. ऐसी गतिविधियों में किसी भी क्षेत्र से मरीजों या उनके तिमारदारों से लूटपाट या रिश्वत लेने की सत्यापित शिकायतों के मामले में तैनात पूरे आउटसोर्स सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा और उक्त क्षेत्र में तैनात प्रभारी नियमित एम्स सुरक्षा कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा.

इस बात पर जोर दिया गया है कि दलाल मुक्त और रिश्वत मुक्त एम्स सुनिश्चित करना एम्स के प्रत्येक स्टाफ सदस्य की संयुक्त जिम्मेदारी है. इसमें केंद्रों के प्रमुख, चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ अधिकारी, फैकल्टी शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः सांस से अल्कोहल, अस्थमा व मधुमेह का पता लगाने वाला पहला 'मेक इन इंडिया' सेंसर

नई दिल्लीः एम्स दिल्ली में इलाज कराने वाले मरीजों को दलालों या एजेंटों के जाल में फंसने से बचाने के लिए अच्छी पहल की गई है. एम्स डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास ने एक व्हाट्सऐप नंबर ( 9355023969) जारी कर पीड़ितों को उस पर शिकायत करने की अपील की है. साथ ही इसके लिए ऑफिस में प्रतिदिन रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है.

इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर बताया गया है कि मरीजों और उनके रिश्तेदारों के साथ बातचीत के दौरान, यह पाया गया कि एम्स नई दिल्ली आने वाले कुछ मरीजों को दवाओं की आपूर्ति करने या एम्स के बाहर जांच में मदद करने, या उन्हें अन्य अस्पतालों में रेफर करने की आड़ में दलाल या एजेंट उनसे ठगी कर रहे हैं. इस खतरे से निपटने के लिए मिशन मोड में विशेष उपाय शुरू किए जाएंगे ताकि किसी भी मरीज को दलाल या एजेंट के झांसे में आकर आर्थिक नुकसान का सामान ना करना पड़े.

29 फरवरी तक चालू होगा नंबरः रिश्वत मांगने से संबंधित शिकायतों और सबूतों के संदेश के लिए एक समर्पित व्हाट्सएप नंबर (9355023969) 29 फरवरी 2024 तक चालू हो जाएगा. ओपीडी, वार्ड, प्रतीक्षा क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में अंग्रेजी और हिंदी में साइनेज प्रमुखता से होंगे. स्टोर, फार्मेसी में भी इसे प्रदर्शित किया जाएगा. यदि कोई दलाल या एजेंट आपको धोखा दे रहा है या कोई एम्स नई दिल्ली में सेवाओं के लिए रिश्वत मांग रहा है, तो इस नंबर पर व्हाट्सएप के माध्यम से ऑडियो या वीडियो साक्ष्य और स्थान के बारे में सूचित कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु दर को कम कर सकती है 'मास्टेक्टॉमी' सर्जरी: शोध

चौबीस घंटे नंबर पर भेजी शिकायतों की होगी निगरानीः यह नंबर दलालों या एजेंटों द्वारा मरीजों से की जाने वाली धोखाधड़ी या ऐसे मामलों की शिकायतों का संज्ञान लेगा जहां एम्स नई दिल्ली से कोई व्यक्ति एम्स में किसी भी सेवा के बदले रिश्वत मांग रहा है. इस नंबर की चौबीस घंटे निगरानी की जाएगी. शिकायतों का तुरंत निपटारा सुनिश्चित करने और तत्काल आधार पर अपेक्षित कार्रवाई करने के लिए सुरक्षा कर्मचारियों की एक टीम चौबीस घंटे एम्स नियंत्रण कक्ष (कक्ष संख्या 12, पुराना निजी वार्ड) के बगल में पेजिंग रूम में तैनात की जाएगी.

जारी व्हाट्सएप नंबर पर कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत को सत्यापित करने के लिए नियंत्रण कक्ष में ड्यूटी अधिकारी के परामर्श से तुरंत एक टीम काम पर लग जायेगी. यदि प्रारंभिक सत्यापन पर शिकायत वास्तविक पाई जाती है तो ड्यूटी अधिकारी संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक प्रभारी और डायरेक्टर के परामर्श से तत्काल कार्रवाई करेगा.

सभी शिकायतों की तैयार होगी लॉग शीटः सुरक्षा विभाग प्राप्त सभी शिकायतों की एक लॉग बुक तैयार करेगा. इसमें शिकायत का समय, सत्यापन का समय और उसके निष्कर्ष, उक्त शिकायत के संबंध में की गई कार्रवाई आदि शामिल है. साथ ही लॉग का सारांश डायरेक्टर के कार्यालय और अतिरिक्त प्रशासनिक निदेशक कार्यालय में भी दैनिक आधार पर सुबह नौ बजे तक भेजा जाएगा.

दोषी स्टाफ की होगी छुट्टीः हालांकि, सुरक्षा विभाग सीधे तौर पर इसे रोकने के लिए जिम्मेदार है. ऐसी गतिविधियों में किसी भी क्षेत्र से मरीजों या उनके तिमारदारों से लूटपाट या रिश्वत लेने की सत्यापित शिकायतों के मामले में तैनात पूरे आउटसोर्स सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया जाएगा और उक्त क्षेत्र में तैनात प्रभारी नियमित एम्स सुरक्षा कर्मचारियों को निलंबित कर दिया जाएगा.

इस बात पर जोर दिया गया है कि दलाल मुक्त और रिश्वत मुक्त एम्स सुनिश्चित करना एम्स के प्रत्येक स्टाफ सदस्य की संयुक्त जिम्मेदारी है. इसमें केंद्रों के प्रमुख, चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ अधिकारी, फैकल्टी शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः सांस से अल्कोहल, अस्थमा व मधुमेह का पता लगाने वाला पहला 'मेक इन इंडिया' सेंसर

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.