देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून जू में वन्यजीवों के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं. यह व्यवस्था बढ़ते तापमान को देखते हुए की जा रही है. इस बार अप्रैल महीने में ही तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. इससे न केवल इंसान बल्कि, वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं. देहरादून जू यानी चिड़ियाघर में भी कुछ इसी तरह की स्थितियां दिखाई दे रही है. इसलिए जू प्रबंधन ने वन्यजीवों को राहत देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय पर काम किया है. इसमें जू में मौजूद तमाम प्रजातियों की चिड़िया के साथ रेंगने वाले वन्यजीव और मछलियों के लिए भी व्यवस्था की जा रही है.
पक्षियों के लिए किया गया ये प्रबंध: देहरादून जू में गर्मियों को लेकर सबसे ज्यादा संवेदनशील विभिन्न प्रजातियों की पक्षियों को माना जा रहा है. इसलिए गर्मियों से राहत देने के लिए जू प्रबंधन की ओर से सबसे ज्यादा ध्यान भी पक्षियों पर ही दिया जा रहा है. यहां पक्षियों के पिंजरों को बेहतर वेंटिलेशन के लिहाज से कई जगह से शेड हटाई गई है. ताकि, पिंजरों के अंदर हवा आसानी से आ सके और तापमान भी संतुलित रह सके.
इसके अलावा तमाम वन्यजीवों के बाड़ों में पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है. इसके लिए इन कर्मचारियों को दिन में दो बार पानी का छिड़काव करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसका मकसद दिन में तेज धूप से राहत देना है और बाड़े में तापमान को नियंत्रित रखना भी है. वहीं, उनके खाने-पीने में भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. यहां विभिन्न प्रजातियों की पक्षियों को मौसमीय फल दिए जा रहे हैं. ऐसे फल जिससे इनमें पानी की कमी को दूर किया सके.
मगरमच्छ, घड़ियाल और मछलियों के पानी को भी बदला जा रहा: खासकर उन्हें खीरा दिया जा रहा है. साथ ही तरबूज, पपीता और सेब भी दिया जा रहा है. उधर, मगरमच्छ और घड़ियाल समेत मछलियों के लिए भी समय-समय पर पानी बदलने का काम हो रहा है. मगरमच्छ और घड़ियाल के लिए जहां पहले 20 दिन बाद पानी बदल जाता था तो वहीं अब हर हफ्ते पानी बदलकर उन्हें गर्मी से राहत दी जा रही है.
प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार कहते हैं कि गर्मियों में वन्यजीवों को परेशानी आती है और इसलिए चिड़ियाघर प्रबंधन अलग से व्यवस्था करते हुए इन दिनों वन्यजीवों पर विशेष ध्यान देता है. जू में मौजूद एक्वेरियम में भी तापमान को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं. यहां भी मछली की प्रजाति के आधार पर तापमान का ध्यान रखा जा रहा है.
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