देहरादून: स्पेशल प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) यानी ईडी जज (जिला न्यायाधीश) प्रेम सिंह खिमाल की कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स माफिया बनमीत नरूला की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. बचाव पक्ष की ओर से यह कहकर जमानत मांगी थी कि बनमीत अमेरिका में अपने गुनाह की सजा भुगत चुका है. इसीलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए, लेकिन ईडी ने जमानत को विरोध करते हुए मजबूत तर्क रखे और कहा कि बनमीत ने भारत आने के बाद भी अपराध किया है. इसी के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया है.
बता दें कि नैनीताल जिला मुख्यायल हल्द्वानी के रहने वाले बनमीत नरूला को ईडी ने बीती 29 मई को गिरफ्तार किया था. ईडी ने सात दिनों तक बनमीत से पूछताछ की थी. उसके बाद कोर्ट ने बनमीत नरूला को न्यायिका हिरासत में जेल भेज दिया था. हालांकि बाद में ईडी ने फिर कोर्ट से आदेश लेकर बनमीत नरूला की दो दिन की हिरासत ली थी. इस दौरान भी बनमीत नरूला से लंबी पूछताछ की गई थी.
ईडी ने बनमीत से अमेरिका और यूरोप में किए गए अवैध ड्रग्स के धंधे और भारत में उसके निवेश के संबंध में जानकारी जुटाई है. अब बनमीत की ओर से स्पेशल ईडी कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. बनमीत की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार और गौरव सेठ ने अदालत को बताया कि ईडी ने बनमीत को गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार किया है.
उनका कहना है कि बनमीत ने अपराध भारत के बाहर किया और इसकी सजा उसने अमेरिका में पांच साल की भुगत ली है. बनमीत के भाई के पास से जो बिटकॉइन मिले हैं, उनका बनमीत से लेना देना नहीं है. यह न तो बनमीत ने स्वीकार किया और न ही उसके भाई ने अपने बयानों में बताया.
वहीं, ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह और विधिक परामर्शी शालिनी ने जमानत का विरोध किया. उन्होंने अदालत को बताया कि बनमीत ने विदेश में जो अपराध किया उसकी सजा उसे वहां मिली इसे भारत में समायोजित नहीं किया जा सकता. बनमीत के खिलाफ मुकदमा भारत में किए अपराध के संबंध में दर्ज हुआ है. बनमीत 25 अप्रैल को भारत लौटा था और इसके बाद उसके खाते में 10 करोड़ रुपये से अधिक विदेशों से ट्रांसफर किए गए, जबकि 4250 बिटकॉइन भी उसके भाई के पास से मिले हैं. यह सब उसने ड्रग्स तस्करी से ही अर्जित किए हैं. ऐसे में ईडी की यह कार्रवाई तर्क संगत है. ईडी की ओर से पेश किए गए इन तर्कों के आधार स्पेशल ईडी की कोर्ट ने बनमीत को जमानत देने से इन्कार कर दिया.
पढ़ें--