देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून जिले में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने अंतरराज्यीय मानव तस्कर गिरोह के महिला समेत दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों के पास से पुलिस तीन नाबालिग बच्चियों को मुक्त कराया है. पुलिस ने दो आरोपियों को देहरादून शहर की पटेल नगर कोतवाली क्षेत्र से पकड़ा है.
पुलिस ने बताया कि गिरोह के तीन अन्य सदस्य तीन नाबालिग बच्चियों को बेचने के लिए दिल्ली से देहरादून लाए थे. पुलिस पूछताछ में गिरोह के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े होने की जानकारी मिली है. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस की टीमें अलग-अलग राज्यों में भेजी गई है.
आइएसबीटी पुलिस चौकी को मिली थी सूचना: पुलिस ने बताया कि देहरादून आइएसबीटी पुलिस चौकी को सूचना मिली थी कि तीन बालिकाएं जो किसी अन्य प्रदेश की लग रही है, वो संदिग्ध अवस्था में घूम रही है और किसी व्यक्ति के जरिए उन्हें खरीद-फरोख्त के लिए देहरादून लाने की बात बता रही है.
दिल्ली से लालच देकर देहरादून लाया गया था बच्चियों को: पुलिस तीनों बच्चियों को चौकी लेकर आ गई. इसके बाद पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और चाइल्ड लाइन की टीम को भी चौकी बुला लिया. टीम ने तीनों नाबालिक बच्चियों से जरूरी जानकारी हासिल की. तीनों बताया कि कुछ लोग उन्हें अच्छे पैसे और नौकरी दिलवाने का लालच देकर दिल्ली से देहरादून लाए थे और उन्हें देहरादून में एक फ्लैट में एक महिला और एक पुरुष के पास छोड़ दिया था.
बच्चियों के खरीद-फरोख्त की जानकारी भी मिली: पुलिस के मुताबिक तीनों लड़कियों ने उन्हें बताया कि उन्होंने फ्लैट में मौजूद महिला और पुरुष को ये कहते हुए सुना था कि वो उन तीनों को एक दस हजार रुपए में खरीदने और बेचने की बात कर रहे थे. घर में पहले से मौजूद एक लड़की ने आरोपियों द्वारा लडकियों की खरीद फरोख्त में शामिल होने और खरीद फरोख्त के लिए लायी गई युवतियों से गलत काम करवाने की जानकारी दी. जिस पर तीनों युवतियां घबरा गयी और रात को चादर के सहारे बालकनी से नीचे कूदकर वहां से भाग गई.
पुलिस ने फ्लैट में छापा मारा दो आरोपियों किया अरेस्ट: नाबालिक युवतियों से मिली जानकारी के बाद एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) और पटेल नगर पुलिस की संयुक्त टीम ने युवतियों द्वारा बताये गये स्थान पथरीबाग में वेद सिटी कॉलोनी स्थित एक फ्लैट में दबिश देते हुए मौके पर मौजूद एक महिला और एक पुरुष को हिरासत में लिया. जिनसे पूछताछ में महिला द्वारा अपना नाम बाला (तलाकशुदा) और पुरुष द्वारा अपना नाम दिग्विजय सिंह पुत्र रामपाल शर्मा निवासी जिला अमरोहा बताया.
दोनों आरोपियों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा तीनों नाबालिक युवतियों को बेचने के लिए गाजियाबाद निवासी अपने साथी पूनम, खुशी और एक अन्य व्यक्ति से खरीदना बताया गया, जो उक्त युवतियों को अच्छी नौकरी और पैसों का लालच देकर दिल्ली रेलवे स्टेशन से लेकर आये थे.
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों के नाबालिग बालिकाओं के मानव दुर्व्यापार जैसे गंभीर अपराध में शामिल होने पर पुलिस टीम द्वारा दोनों को मौके से गिरफ्तार करते हुए उनके खिलाफ कोतवाली पटेल नगर में बीएनएस की संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया. साथ ही दोनों आरोपियों के गिरोह के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े होने की पुलिस को जानकारी प्राप्त हुई है. जिसके संबंध में अन्य राज्यों से भी जानकारी जुटाई जा रही है. गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीमों को गैर प्रान्त रवाना किया गया है.
वहीं एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास रहा है. बाला साल 2013 में भी देहरादून के सहसपुर थाने से मानव तस्करी के मामले में भी जेल जा चुकी है. जिसके खिलाफ थाना सहसपुर में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा पंजीकृत है. जबकि आरोपी दिग्विजय के खिलाफ अमरोहा उत्तर प्रदेश में लूट, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के मुकदमा पंजीकृत हैं. साथ ही पुलिस द्वारा रेस्क्यू की गई तीन युवतियों में से एक युवती सिलीगुड़ी और 02 नाबालिक युवतियां मध्यप्रदेश की रहने वाली हैं, जिनके परिजनों से संपर्क किया जा रहा है.
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