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हरियाणा से उत्तराखंड का फर्जी MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, झोलझाल कर पाई थी नौकरी, प्रमोशन से पहले ही फंसा - Fake MBBS Doctor Arrested - FAKE MBBS DOCTOR ARRESTED

Fake MBBS Doctor Arrested, Dehradun Police Arrested Fake MBBS Doctor उत्तराखंड के फर्जी MBBS डॉक्टर को देहरादून पुलिस ने करनाल से गिरफ्तार किया है. आरोपी 3 साल से फरार था. इससे पहले आरोपी उत्तराखंड में 5 साल नौकरी भी कर चुका है.

Fake MBBS Doctor Arrested
हरियाणा से उत्तराखंड का फर्जी MBBS डॉक्टर गिरफ्तार (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 8, 2024, 4:40 PM IST

देहरादूनः थाना रायपुर पुलिस ने पिछले तीन सालों से फरार इनामी फर्जी एमबीबीएस डिग्री धारक आरोपी को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि आरोपी ने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाकर राजकीय अस्पताल में नौकरी प्राप्त की थी. आरोपी के खिलाफ उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल द्वारा साल 2021 में थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी लगातार फरार चल रहा था. पुलिस पहले ही न्यायालय से कुर्की वारंट से आरोपी की संपत्ति कुर्की की कार्रवाई कर चुकी है.

रायपुर पुलिस के मुताबिक, 22 अक्टूबर 2021 को डॉक्टर डीडी चौधरी, रजिस्ट्रार, उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल व ऑफिस डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ उत्तराखंड ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अनिल कुमार निवासी डोईवाला ने उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर (ओडिशा) से फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाकर उत्तराखंड स्वास्थ विभाग में उप जिला अस्पताल रुड़की में चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति ली है.

फर्जी डिग्री से ली नौकरी: पुलिस ने जांच की तो पता चला कि अनिल कुमार द्वारा रजिस्ट्रार उत्तराखंड मेडिकल कांउसिल और उत्तराखंड आयुर्विज्ञान परिषद में एमबीबीएस डिग्री पंजीकरण के लिए उपलब्ध कराए गए एमबीबीएस डिग्री के सभी प्रमाण पत्र फर्जी हैं. साथ ही सामने आया कि अनिल कुमार ने एमबीबीएस डिग्री के फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए उत्तराखंड मेडिकल काउंसलिंग में बतौर डॉक्टर अपना गलत पंजीकरण करवाया और स्वास्थ विभाग में अवैध तरीके से नौकरी प्राप्त की.

प्रमोशन के समय सामने आया फर्जीवाड़ा: जांच में ये भी सामने आया कि अनिल कुमार ने बतौर डॉक्टर पांच साल से अधिक समय तक उत्तरकाशी और रुड़की में नौकरी की. साल 2021 में आरोपी का प्रमोशन होना था. लेकिन प्रमोशन की कार्रवाई चली तो फर्जीवाड़ा सामने आया. पुलिस ने तुरंत आरोपी अनिल कुमार के खिलाफ 553/2021, 420, 467, 468, 471 में मुकदमा दर्ज किया गया.

2022 में हुई कुर्की: वहीं, मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी अनिल कुमार फरार चल रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से भी प्रचार प्रसार किया गया. लेकिन फिर भी आरोपी अनिल कुमार पुलिस या कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ. जिस पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय से कुर्की वारंट प्राप्त कर 10 मई 2022 को आरोपी के घर की चल संपत्ति की कुर्की की गई थी.

थाना रायपुर प्रभारी प्रदीप नेगी ने बताया आरोपी अनिल कुमार के लगातार फरार रहने पर एसएसपी द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी पर 5 हजार रुपए का ईनाम घोषित करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए थाना स्तर पर पुलिस टीम गठित की गई. गठित पुलिस टीम ने आरोपी के संबंध में मैनवली जानकारी प्राप्त करते हुए आरोपी अनिल कुमार को करनाल हरियाणा से गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ में चोरी की घटनाओं का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार, भारी मात्रा में जेवरात बरामद

देहरादूनः थाना रायपुर पुलिस ने पिछले तीन सालों से फरार इनामी फर्जी एमबीबीएस डिग्री धारक आरोपी को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार कर लिया है. आरोप है कि आरोपी ने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाकर राजकीय अस्पताल में नौकरी प्राप्त की थी. आरोपी के खिलाफ उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल द्वारा साल 2021 में थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरोपी लगातार फरार चल रहा था. पुलिस पहले ही न्यायालय से कुर्की वारंट से आरोपी की संपत्ति कुर्की की कार्रवाई कर चुकी है.

रायपुर पुलिस के मुताबिक, 22 अक्टूबर 2021 को डॉक्टर डीडी चौधरी, रजिस्ट्रार, उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल व ऑफिस डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ उत्तराखंड ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अनिल कुमार निवासी डोईवाला ने उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर (ओडिशा) से फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाकर उत्तराखंड स्वास्थ विभाग में उप जिला अस्पताल रुड़की में चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति ली है.

फर्जी डिग्री से ली नौकरी: पुलिस ने जांच की तो पता चला कि अनिल कुमार द्वारा रजिस्ट्रार उत्तराखंड मेडिकल कांउसिल और उत्तराखंड आयुर्विज्ञान परिषद में एमबीबीएस डिग्री पंजीकरण के लिए उपलब्ध कराए गए एमबीबीएस डिग्री के सभी प्रमाण पत्र फर्जी हैं. साथ ही सामने आया कि अनिल कुमार ने एमबीबीएस डिग्री के फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए उत्तराखंड मेडिकल काउंसलिंग में बतौर डॉक्टर अपना गलत पंजीकरण करवाया और स्वास्थ विभाग में अवैध तरीके से नौकरी प्राप्त की.

प्रमोशन के समय सामने आया फर्जीवाड़ा: जांच में ये भी सामने आया कि अनिल कुमार ने बतौर डॉक्टर पांच साल से अधिक समय तक उत्तरकाशी और रुड़की में नौकरी की. साल 2021 में आरोपी का प्रमोशन होना था. लेकिन प्रमोशन की कार्रवाई चली तो फर्जीवाड़ा सामने आया. पुलिस ने तुरंत आरोपी अनिल कुमार के खिलाफ 553/2021, 420, 467, 468, 471 में मुकदमा दर्ज किया गया.

2022 में हुई कुर्की: वहीं, मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी अनिल कुमार फरार चल रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से भी प्रचार प्रसार किया गया. लेकिन फिर भी आरोपी अनिल कुमार पुलिस या कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ. जिस पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय से कुर्की वारंट प्राप्त कर 10 मई 2022 को आरोपी के घर की चल संपत्ति की कुर्की की गई थी.

थाना रायपुर प्रभारी प्रदीप नेगी ने बताया आरोपी अनिल कुमार के लगातार फरार रहने पर एसएसपी द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी पर 5 हजार रुपए का ईनाम घोषित करते हुए उसकी गिरफ्तारी के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए. आरोपी की गिरफ्तारी के लिए थाना स्तर पर पुलिस टीम गठित की गई. गठित पुलिस टीम ने आरोपी के संबंध में मैनवली जानकारी प्राप्त करते हुए आरोपी अनिल कुमार को करनाल हरियाणा से गिरफ्तार किया गया.

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