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हल्द्वानी हिंसा को दून शहर काजी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, धर्मस्थल तोड़ने को बताया साजिश - हल्द्वानी हिंसा

Haldwani violence हल्द्वानी हिंसा को लेकर तरह तरह के बयान आ रहे हैं. देहरादून शहर काजी और मुस्लिम सेवा संगठन ने हल्द्वानी हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताने के साथ ही प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ा किया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 12, 2024, 4:57 PM IST

देहरादून: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर सोमवार 12 फरवरी को देहरादून शहर काजी मुहम्मद अहमद काजमी ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने हल्द्वानी हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. साथ ही कहा कि हल्द्वानी हिंसा प्रशासन और शासन की नाकामी दर्शाता है.

इसी के साथ मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि हल्द्वानी में जिस प्रकार से धर्म स्थल को ध्वस्त किया गया, वो किसी साजिश की तरफ इशारा करता है. नईम कुरैशी का कहना है कि पुलिस ने जिस तरह के भीड़ पर गोलाबारी की यह न्यायोचित नहीं है.

वहीं, शहर काजी का कहना है कि राज्य और देश संविधान से चलता है, इसलिए प्रदेश में संविधान संगत कार्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो हल्द्वानी हिंसा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन उनसे मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है.
पढ़ें- हल्द्वानी हिंसा में डीएम ने की बड़ी कार्रवाई, बनभूलपुरा क्षेत्र के 127 शस्त्र लाइसेंस निरस्त

शहर काजी ने हल्द्वानी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि जब नगर आयुक्त का तबादला हो चुका था तो वह प्रशासनिक निर्णय कैसे ले सकते थे? और जब यह मामला कोर्ट में था और 14 फरवरी की तारीख लगी हुई थी तो फिर ध्वस्तीकरण किस आदेश के तहत किया गया?

उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन ने कानून के खिलाफ काम किया, जो मुनासिब नहीं है, इससे सभी का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि इंसाफ से काम होना चाहिए और सबकी बातें सुनी जानी चाहिए. वहीं, जमात ए इस्लामी के महासचिव शफी मदनी ने कहा कि हमने हल्द्वानी में हिंसा पीड़ित लोगों से बात की, जिन्होंने बताया कि वहां के हालत बहुत खराब हैं. जल्द से जल्द वहां से कर्फ्यू हटाया जाए और सहायता सामग्री भिजवाई जाए.

देहरादून: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर सोमवार 12 फरवरी को देहरादून शहर काजी मुहम्मद अहमद काजमी ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने हल्द्वानी हिंसा की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. साथ ही कहा कि हल्द्वानी हिंसा प्रशासन और शासन की नाकामी दर्शाता है.

इसी के साथ मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि हल्द्वानी में जिस प्रकार से धर्म स्थल को ध्वस्त किया गया, वो किसी साजिश की तरफ इशारा करता है. नईम कुरैशी का कहना है कि पुलिस ने जिस तरह के भीड़ पर गोलाबारी की यह न्यायोचित नहीं है.

वहीं, शहर काजी का कहना है कि राज्य और देश संविधान से चलता है, इसलिए प्रदेश में संविधान संगत कार्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो हल्द्वानी हिंसा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन उनसे मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है.
पढ़ें- हल्द्वानी हिंसा में डीएम ने की बड़ी कार्रवाई, बनभूलपुरा क्षेत्र के 127 शस्त्र लाइसेंस निरस्त

शहर काजी ने हल्द्वानी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि जब नगर आयुक्त का तबादला हो चुका था तो वह प्रशासनिक निर्णय कैसे ले सकते थे? और जब यह मामला कोर्ट में था और 14 फरवरी की तारीख लगी हुई थी तो फिर ध्वस्तीकरण किस आदेश के तहत किया गया?

उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन ने कानून के खिलाफ काम किया, जो मुनासिब नहीं है, इससे सभी का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि इंसाफ से काम होना चाहिए और सबकी बातें सुनी जानी चाहिए. वहीं, जमात ए इस्लामी के महासचिव शफी मदनी ने कहा कि हमने हल्द्वानी में हिंसा पीड़ित लोगों से बात की, जिन्होंने बताया कि वहां के हालत बहुत खराब हैं. जल्द से जल्द वहां से कर्फ्यू हटाया जाए और सहायता सामग्री भिजवाई जाए.

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