देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की वजह से शहरवासियों की चिंताएं बढ़ गई थी. एक समय ऐसा था, जब देहरादून साफ-सुथरी हवा के लिए मशहूर था, लेकिन अब इस शहर की हवा भी प्रदूषण के जाल में फंसती नजर आ रही है. पिछले कुछ दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर काफी ज्यादा गिर गया था, जो इस ओर संकेत दे रहा था कि शहर की हवा में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है. भले ही अब देहरादून का एक्यूआई सामान्य होता हुआ दिखाई दे रहा हो, लेकिन पिछले कुछ दिनों से ये काफी नीचे गिर गया था. खासकर सुबह और शाम के समय एयर क्वालिटी सबसे खराब स्तर पर पहुंच रही थी.
देहरादून की आबोहवा क्यों हुई खराब? उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) के सदस्य सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि करीब एक हफ्ते पहले जो देहरादून की आबोहवा तो खराब हो गई थी, उसकी मुख्य वजह थर्मल इन्वर्जन थी. जिसके तहत ठंडी हवाएं नीचे थी. जबकि, ऊपर गर्म हवाएं थी. जिसने ठंडी हवाओं को प्रभावित कर दिया था. ऐसे में थर्मल इन्वर्जन के चलते सभी तरह के पोल्यूटेंट ट्रैप हो गए.
हालांकि, उस दौरान हवा का सर्कुलेशन भी काफी स्लो था. आगरा से लेकर देहरादून तक एक ही तरह का वातावरण था. इन सभी क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 दर्ज हुआ था, लेकिन अब बदलाव आया है. ऐसे में आने वाले समय में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार होगा. साथ ही बताया कि इस दौरान बारिश का न होने और हवा का सर्कुलेशन कम होने की वजह से एयर क्वालिटी का स्तर गिर गया था.
क्या बोले कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा? वहीं, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा का कहना है कि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देश के तमाम राज्यों में पॉल्यूशन की स्थिति काफी खराब है, लेकिन उत्तराखंड का 72 फीसदी हिस्सा फॉरेस्ट से कवर है. यही वजह है कि उत्तराखंड में इतना एयर पॉल्यूशन नहीं है, जितना अन्य राज्यों में है. अगर अपने भविष्य को सुरक्षित रखना है तो अभी से ही कदम उठाने होंगे और सतर्क रहना होगा.
साथ ही इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन, पराली जलाने से होने वाला पॉल्यूशन और कूड़ा जलाने से होने वाले पॉल्यूशन से बचने की जरूरत है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई राज्यों को अल्टीमेटम दिया है. साथ ही देश में तमाम पॉलिसी है, जिसे इंप्लीमेंट किया गया है, लेकिन उसको फॉलो करने और करवाने की जरूरत है. जिससे एयर पॉल्यूशन कम होगा.
देहरादून का एक्यूआई: दरअसल, देहरादून में एक हफ्ते पहले तक औसत एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया था. जिसके चलते सांस संबंधित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ गई थी, लेकिन पिछले 5 दिनों से औसत एक्यूआई 100 से नीचे पहुंच गया है. यानी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक हो गई है. आंकड़ों पर गौर करें तो देहरादून में 17 नवंबर को एक्यूआई 71 था. इसी तरह 18 नवंबर को 99, 19 नवंबर को एक्यूआई 88, 20 नवंबर को एक्यूआई 93 और 21 नवंबर को एक्यूआई 88 दर्ज किया गया.
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