लखनऊ : गोमती नगर विस्तार में स्थित एक निजी स्कूल के ऑडिटोरियम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भाजपा की ओर से प्रबुद्ध नागरिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत से पहले न्यायमूर्ति देवेंद्र अरोड़ा ने प्रबुद्धजनों को शत प्रतिशत मतदान की शपथ दिलाई. इसके बाद संगोष्ठी में आए लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'मैं जानता हूं कि राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाले नेताओं की प्रति स्वतंत्र भारत में एक विश्वास का संकट पैदा हुआ है. नेताओं की करनी और कथनी में लंबे समय से अंतर होने के कारण ही यह संकट उत्पन्न हुआ है. लेकिन हम लोग जिस दल में हैं, मैं उसकी बात करना चाहता हूं. हमने जो कहा है वह किया है. इलेक्शन मेनिफेस्टो के एक-एक कथन को हमने पूरा किया है'.
राजनाथ सिंह ने कहा कि 'हमने कहा था कि संसद के दोनों सदनों में जिस दिन हमको बहुमत प्राप्त हो जाएगा, उस दिन हम अनुच्छेद 370 को समाप्त करेंगे और हमने वह कर दिया. 1984 से बराबर हमने यह कहा कि जब हम सरकार बनाएंगे तो अयोध्या की धरती पर भव्य राम का मंदिर बनकर रहेगा. न्यायालय के आदेश से यह निर्णय हुआ. परमात्मा ने हम लोग की नीयत को पहचाना है कि हम लोग की नीयत में खोट नहीं है. इसलिए राम मंदिर निर्माण हुआ और रामलला अपनी झोपड़ी से निकाल कर अपने महल में प्रवेश कर चुके हैं'.
भारत में भी रामराज्य का आगाज होगाः राजनाथ सिंह ने कहा कि 'भारत में भी रामराज्य का आगाज होगा, जब लोगों के अंदर दायित्व बोध उत्पन्न होता है तो समझ लीजिए कि रामराज आ गया. केवल अधिकार बोध रहे. हमारा दायित्व नहीं है तो मान लीजिए कि रामराज नहीं आया, कलयुग ही है. मैं स्वयं भी अनुभव कर रहा हूं कि पहले के मुकाबले में कहीं ना कहीं लोगों के अंदर सेल्फ रिस्पांसिबिलिटी यानी दायित्व का बोध आया है कि देश के प्रति हमें क्या करना है यह बोध उत्पन्न हो रहा है.किसी की नागरिकता समाप्त करने का कोई प्रश्न नहीं होता'.
संघ ने कभी हिंदू मुसलमान की बात नहीं कीः राजनाथ सिंह ने कहा कि 'मैं मूलत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक हूं. किसी मंच पर बोलते हुए मुझे रंच मात्र भी संकोच नहीं हुआ. संघ ने कभी हिंदू मुसलमान की बात नहीं की. राजनीति दो शब्दों से मिलकर बना है राज और नीति. ऐसा राज्य जो समाज को सद्मार्ग की ओर ले जाने का कार्य करें. उसे ही हम राजनीति के कहते हैं. लेकिन यह दुर्भाग्य है कि राजनीति शब्द अपना भाव और अर्थ हो चुका है. उसे पुनः भारत की राजनीति में हम स्थापित करें यह हमारा कर्तव्य है.
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