रायपुर: 14 नवंबर से पूरे छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी चल रही है. धान खरीदी को लेकर किसान जहां उत्साहित हैं वहीं कांग्रेस ने धान खरीदी पर सरकार को घेरा है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया. पर अब किसानों से तय धान की खरीदी नहीं की जा रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैच ने चेतावनी देते हुए कहा कि जरुरत पड़ी तो वो किसानों के हित में आंदोलन भी करेगी. पीसीसी चीफ ने आरोप लगाया कि प्रति क्विंटल पर 3100 रुपए देने का वादा किया गया है लेकिन किसानों को पूरे पैसे नहीं मिल रहे हैं.
धान खरीदी पर सियासी घमासान: पीसीसी चीफ ने कहा कि किसानों को छला जा रहा है. कांग्रेस किसानों के मुद्दे पर जल्द ही बड़ा आंदोलन करेगी. रायपुर के राजीव भवन में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में बैज ने कहा कि राज्य सरकार का खजाना खाली हो चुका है. धान खरीदी के नाम पर घोटाला किया जा रहा है. दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री केंद्र से 17500 करोड़ की मांग कर रहे हैं. बैज ने कहा कि खजाने में पैसा नहीं होने के चलते किसानों से धान खरीदी नहीं हो रही है. बैज ने कहा कि सरकार जानती है कि पैसा नहीं तो किसानों को कहां से पैसा दिया जाएगा.
अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा. किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा. सोसायटी में बारदाना की कमी है. किसान परेशान हो रहा है. सरकार ने कहा है कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का इस्तेमाल किया जाए. 50 प्रतिशत पुराने बारदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है. :दीपक बैज, पीसीसी चीफ, छत्तीसगढ़
''किसानों के खाते में नहीं आ रहा पूरा पैसा'': दीपक बैज ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटों में किसानों के खाते में पैसा आ जाएगा. जिन लोगों का धान 14 तारीख को खरीदा गया उनका भी अबतक पैसा नहीं आया है. जो रकम आ भी रही है वो पूरी रकम नहीं है. सिर्फ 2300 की दर से पैसा खाते में क्रेडिट हो रहा है.
राइस मिलर के बहाने कांग्रेस का हमला: दीपक बैज ने कहा कि धान मिलिंग के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का फैसला लिया था. जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश भर में 700 नई राइस मिलें खुलीं. अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है. इस फैसले से नाराज राइस मिलर्स हड़ताल पर चले गए. धान सोसायटी में जाम है.