रांचीः दल बदल मामले में आरोपों के घेरे में आए दो विधायक जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम के मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण द्वारा जल्द फैसला सुनाए जाने की संभावना है. मंगलवार को दोनों केस में एक बार फिर स्पीकर कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई होने के बाद बुधवार यानी 24 जुलाई की अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है.
पूर्व निर्धारित समय के अनुसार स्पीकर न्यायाधिकरण में मंगलवार को दिन के 12.30 बजे सबसे पहले विधायक जेपी पटेल के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट के समक्ष बीजेपी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने पक्ष रखते हुए कहा कि जिस तरह से 20 मार्च 2024 को भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल होकर हजारीबाग क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा वह कहीं ना कहीं विधानसभा के 10वीं अनुसूची के तहत दल बदल के दायरे में आता है. उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों में खबर आने के बाद न्यायाधिकरण के समक्ष नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने लिखित शिकायत की.
स्पीकर कोर्ट के द्वारा दोनों पक्षों की ओर से जवाब भी मांगा गया और नेता प्रतिपक्ष की ओर से जवाब दाखिल भी की गई लेकिन आरोपी विधायक जेपी पटेल की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दाखिल किया जाना कहीं ना कहीं समय का जाया करना है. क्योंकि आने वाले दो-तीन महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. अधिवक्ता विनोद कुमार साहू द्वारा कोर्ट से इस केस में फैसला आने तक आरोपी विधायक जेपी पटेल को मिलने वाली विधायक की सारी सुविधा को तत्काल वापस लेने का आग्रह किया गया.
शिकायतकर्ता की मांग पर जवाब देते हुए विधायक जेपी पटेल की अधिवक्ता अदिति ने कहा कि चूंकि न्यायाधिकरण के समक्ष जिस तरह से शिकायत सामान्य रूप से बगैर कोई साक्ष्य का किया गया है उससे यह प्रमाणित नहीं होता है कि जेपी पटेल ने कोई दल बदल किया है. इस दौरान जेपी पटेल की ओर से कोर्ट के समक्ष एक लिखित आपत्ति दर्ज की गई. दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई होने के पश्चात स्पीकर न्यायाधिकरण ने मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को निर्धारित की है.
लोबिन हेम्ब्रम मामले में हुई सुनवाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंम्ब्रम पर लगे दल बदल के आरोप मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण में सुनवाई हुई. कोर्ट के समक्ष लोबिन हेम्ब्रम के अधिवक्ता अनुज कुमार ने पक्ष रखते हुए कहा कि जिस तरह से आरोप लगाए गए हैं वह कहीं ना कहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के संविधान के खिलाफ है. उन्होंने पार्टी संविधान की धारा 19(7) का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कोर कमिटी को शक्ति प्रदान की गई है. लोबिन हेम्ब्रम को बगैर नोटिस और जवाब का समय दिए कार्रवाई की गई है. उन्होंने 1995 में जेएमएम में रहते हुए लोबिन हेम्ब्रम के द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कहते हुए कहा कि उस समय तो कोई कारवाई नहीं की गई. यह मामला दल बदल का नहीं बल्कि पार्टी की अंदरूनी मामला है.
जेएमएम की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता अंकितेश कुमार झा ने समाचार पत्र में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए कहा कि लोबिन हेम्ब्रम ने पार्टी लाइन से बाहर हटकर लोकसभा चुनाव लड़ने का काम किया. पार्टी अध्यक्ष द्वारा उनपर कारवाई करते हुए न्यायाधिकरण के समक्ष शिकायत भी दाखिल की गई है. ऐसे में लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता खत्म की जाए. दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई होने के बाद न्यायाधिकरण ने अगली सुनवाई की तारीख 24 जुलाई निर्धारित की है.
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