नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को संज्ञान लेने पर फैसला सुरक्षित रख लिया. एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने दलीलें सुनीं, इसके बाद उन्होंने संज्ञान लेने के मामले पर 16 दिसंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया है.
दरअसल, सत्येंद्र जैन ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि बांसुरी स्वराज ने 5 अक्टूबर 2023 को एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इस इंटरव्यू को लाखों लोगों ने देखा था. उन्होंने दावा किया है कि ये टिप्पणियां स्वराज ने उन्हें बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए की थी. जैन ने आरोप लगाया है कि बांसुरी स्वराज ने झूठा दावा किया कि उनके घर से 3 करोड़ रुपये और घर से 1.8 किलोग्राम सोना और 133 सोने के सिक्के बरामद किए गए.
ये है आरोपः अपमानजनक अभियान को आगे बढ़ाते हुए, सत्येंद्र जैन ने उन्हें 'भ्रष्ट' और 'धोखाधड़ी करने वाला' कहकर और बदनाम किया. जैन ने आरोप लगाया, "मेरे खिलाफ कई झूठे, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं." याचिका में यह भी कहा गया है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ किया है और बदनामी अभियान ने शिकायतकर्ता के पति, पिता, भाई, दोस्त और समाज के एक आम व्यक्ति के रूप में उनके राजनीतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.
सत्येंद्र जैन ने याचिका में कहा है कि बांसुरी स्वराज का ये बयान उन्हें बदनाम करने के लिए दिया गया था. इस बयान के जरिये बांसुरी स्वराज बेजा राजनीतिक लाभ लेना चाहती थीं. बता दें, ये बयान शिकायतकर्ता के घर पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी के संदर्भ में दिए गए थे. इस मामले में वह जमानत पर हैं और यह मामला अदालत में लंबित है. गौरतलब है कि जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने और मनी लांड्रिंग के मामले चल रहे हैं. सत्येंद्र जैन को इस मामले में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था. जैन को 18 अक्टूबर को जमानत मिली थी.
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