रायपुर: बीते दिनों रायगढ़ के घरघोड़ा फॉरेस्ट इलाके में तीन हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई. चुहकीमार के जंगल में हुई हाथियों की मौत पर जहां वन विभाग अपनी जांच कर रहा है. वहीं अब सीएम ने भी घटना की रिपोर्ट मंगाई है. सीएम ने रायपुर में मीडिया से बातचीत में कहा है कि घटना काफी दुखद है. हाथियों की मौत कैसे हुई कहां चूक हुई इसकी जांच की जाएगी. सीएम ने कहा कि रिपोर्ट मंगाई गई है. रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले को गंभीरता के साथ देखा जाएगा.
तीन हाथियों की मौत की होगी जांच: रायगढ़ वन मंडल पहले से ही तीन हाथियों की मौत की जांच में जुटा है. सीएम के रिपोर्ट मंगाने के बाद जांच में और तेजी आएगी. छत्तीसगढ़ के घने जगंल हमेशा से ही हाथियों के लिए उपयुक्त जंगल रहे हैं. मध्य प्रदेश की सीमा से लगने के चलते हाथियों का झुंड अक्सर मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ आता और कुछ दिन यहां बिताकर फिर वापस लौट जाता है. सालों से हाथियों का ये आने जाने का सिलसिला जारी है. हाथियों और इंसानों के बीच कई बार संघर्ष भी होता है.
करंट लगने से बिलापुर में हाथी के बच्चे की मौत: बिलासपुर में हाथी के बच्चे की करंट से मौत हो गई. शक जताया जा रहा है कि हाथी के बच्चे की मौत शिकारियों के लगाए करंट की चपेट में आने से हुई है. वन विभाग के अधिकारी ने इस बात की जानकारी शुक्रवार को दी. वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक हाथी के बच्चे का शव तखतपुर रेंज के परसापारा गांव के करीब मिला है. वन विभाग के मुताबिक हाथी के बच्चे की उम्र तीन से चार साल की है. वन विभाग को शक है कि जंगली सूअर को मारने के लिए शिकारियों ने करंट लगाया था लेकिन उसकी जद में हाथी का बच्चा आ गया.
हाथियों और इंसानों का आमना सामना: आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 सालों में करीब सत्तर हाथियों की मौत हुई है. सूरजपुर, बलरामपुर, कोरबा, सरगुजा और रायगढ़ के जंगल में बड़ी संख्या में हाथी आते जाते रहते हैं. झारखंड की सीमा से सटे होने के चलते हाथियों के लिए एक बढ़िया कॉरिडोर भी बना हुआ है. जैसे किसी जंगल में खाने पीने की दिक्कत होती है हाथी दूसरे इलाके में मूव कर जाते हैं.