पटना : बिहार में वज्रपात से 7 जिलों में 12 लोगों की मौत हो गई है. जिन जिलों में वज्रपात की घटना हुई है उसमें जमुई में तीन, कैमूर में तीन, रोहतास में दो, सहरसा में एक, सारण में एक, भोजपुर में एक और गोपालगंज में एक व्यक्ति की मौत हुई है. वज्रपात से हुई मौत को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है.
'लोगों को सतर्क रहने की जरूरत' : वज्रपात की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ने आज ही मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रूपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिये हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें. खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये, सुझावों का अनुपालन करें, खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें.
रविवार को 10 की मौत : एक दिन पहले 9 जिलों में 10 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने के कारण हो गई थी. जिसमें नालन्दा में 02, वैशाली में 01, भागलपुर में 01, सहरसा में 01, रोहतास में 01, सारण में 01, जमुई में 01, भोजपुर में 01 एवं गोपालगंज में 01 व्यक्ति की मौत शामिल है. बिहार में लगातार वज्रपात की घटनाएं हो रही है.
बिहार में ठनका से लगातार हो रही मौत : 6 जुलाई को भी 6 जिलों में नौ लोगों की मौत वज्रपात के कारण हो गई थी. जिसमें जहानाबाद में 03, मधेपुरा में 02, पूर्वी चम्पारण में 01, रोहतास में 01, सारण में 01 एवं सुपौल में 01 व्यक्ति की मौत हुई थी. 3 जुलाई को 4 जिलों में वज्रपात से चार लोगों की मौत हुई थी जिसमें भागलपुर में एक पूर्वी चंपारण में एक दरभंगा में एक और नवादा में एक व्यक्ति की मौत हुई थी.
8 दिन में 42 लोगों की गई जान : 1 जुलाई को भी 6 जिलों में 7 लोगों की मौत बजे पद के कारण हुई थी. इसमें औरंगाबाद में 02, बक्सर में 01, भोजपुर में 01, रोहतास में 01, भागलपुर में 01 और दरभंगा में 01 व्यक्ति की मौत हुई थी. इस तरह इस महीने आठ दिनों में 42 लोगों की मौत वज्रपात से हो चुकी है.
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