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40 दिन बाद भी परिजनों का इंतजार नहीं हुआ खत्म, सऊदी से नहीं आया प्रवासी मजदूर का शव, 8 दिसंबर को हुई थी मौत - GIRIDIH LABORER DIES IN SAUDI

गिरिडीह जिले में एक परिवार अपने परिजन के सऊदी अरब में मौत के बाद शव का 40 दिन से इंतजार कर रहा है.

GIRIDIH LABORER DIES IN SAUDI
मृतक प्रवासी मजदूर के परिजन (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 17, 2025, 8:00 PM IST

गिरिडीह: जिले में एक परिवार पिछले 40 दिनों से अपने ही परिजन के शव का इंतजार कर रहे हैं. न ही सरकार की तरफ से कोई पहल हुई है और न ही काम कराने वाली कंपनी कोई इंतजाम कर रही है. पिछले 40 दिनों से परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है. मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली ने कहा कि सरकार से मांग है कि मुआवजे के साथ-साथ शव को वापस भारत लाया जाए.

दरअसल, जिले के बगोदर थाना अंतर्गत खेतको गांव के प्रवासी मजदूर हीरामन महतो सऊदी अरब में मजदूरी करता था, हीरामन की 40 दिन पूर्व 8 दिसंबर 2024 को सऊदी अरब में मौत हो गई है. बावजूद अभी तक मजदूर का शव अपने वतन भारत नहीं लौटा है. जिसकी वजह से परिवार वाले काफी परेशान हैं. पिछले 40 दिनों से मृतक मजदूर के परिवार वाले शव का इंतजार कर रहे हैं.

संवाददाता धर्मेंद्र पाठक की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली ने बताया कि प्रवासी मजदूर का शव नहीं आने से परिजनों में काफी मायूसी है. एक तो मौत के सदमे से परिवार वाले उबर नहीं पा रहे हैं. वहीं शव का दीदार के लिए भी परिजनों को इंतजार करना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हीरामन के मौत के बाद न ही शव को भेजा जा रहा है और न ही मुआवजा दिया जा रहा है. बताया जाता है कि हीरामन महतो की 8 दिसंबर को सऊदी अरब में मौत हो गई है. पत्नी सोमरी देवी ने पति का शव घर वापस लाने में मदद करने की मांग सरकार से की है.

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दरअसल, जिले के बगोदर थाना अंतर्गत खेतको गांव के प्रवासी मजदूर हीरामन महतो सऊदी अरब में मजदूरी करता था, हीरामन की 40 दिन पूर्व 8 दिसंबर 2024 को सऊदी अरब में मौत हो गई है. बावजूद अभी तक मजदूर का शव अपने वतन भारत नहीं लौटा है. जिसकी वजह से परिवार वाले काफी परेशान हैं. पिछले 40 दिनों से मृतक मजदूर के परिवार वाले शव का इंतजार कर रहे हैं.

संवाददाता धर्मेंद्र पाठक की रिपोर्ट (ईटीवी भारत)

प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली ने बताया कि प्रवासी मजदूर का शव नहीं आने से परिजनों में काफी मायूसी है. एक तो मौत के सदमे से परिवार वाले उबर नहीं पा रहे हैं. वहीं शव का दीदार के लिए भी परिजनों को इंतजार करना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हीरामन के मौत के बाद न ही शव को भेजा जा रहा है और न ही मुआवजा दिया जा रहा है. बताया जाता है कि हीरामन महतो की 8 दिसंबर को सऊदी अरब में मौत हो गई है. पत्नी सोमरी देवी ने पति का शव घर वापस लाने में मदद करने की मांग सरकार से की है.

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