नई दिल्ली: दिल्ली की आबोहवा को साफ और स्वच्छ बनाने के साथ-साथ बारिश के दौरान होने वाली वॉटर लॉगिंग और बाढ़ जैसी समस्या से राजधानी को किस तरह से निजात दिलाई जा सके, इसको लेकर दिल्ली सरकार के साथ मिलकर दिल्ली विकास प्राधिकरण भी बड़ी योजना पर काम कर रहा है. डीडीए ने दिल्ली के यमुना रिवर फ्लड प्लेन एरिया के पुनरुद्धार और पुनर्जीवित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. इस कड़ी में डीडीए की ओर से दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में यमुना नदी के बाढ़ क्षेत्र में 10 नए बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं.
400 एकड़ में फैला है यमुना बायोडायवर्सिटी पार्कः वर्तमान में दिल्ली के सबसे बड़े बायोडायवर्सिटी पार्क की बात करें तो जगतपुर गांव में बना यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क करीब 400 एकड़ से ज्यादा के एरिया में फैला है, जोक न केवल पानी की समस्याओं का समाधान ढूंढता नजर आता है. बल्कि वायु गुणवत्ता में आई कमियों को भी दिखाने का काम करता है.
इसके बाद अब डीडीए ने 10 नए बायोडायवर्सिटी पार्क यमुना रिवर फ्लड प्लेन एरिया में बनाने में तेजी लाने का काम शुरू किया है. खास बात है कि इन 10 नए बायोडायवर्सिटी पार्क के कई पार्कों को अलग-अलग हिस्सों में भी विकसित किया जाएगा, प्रोजेक्ट्स के कई फेज को पूरा करने का काम भी हुआ है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को लगायी थी फटकारः दिल्ली हाईकोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल आदि कोर्ट ने यमुना नदी में एंक्रोचमेंट से लेकर अवैध निर्माण और उसकी बदहाली के साथ-साथ ड्रेनेज सिस्टम की विफलता आदि से जुड़े मामले विचाराधीन हैं. अदालतों की ओर से यमुना नदी के पुनरुद्धार और पुनर्जीवित करने में लापरवाही और लचर रवैये पर दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और डीडीए को कई बार फटकार भी लगाई जा चुकी है.
यमुना रिवर बैंक, रिवर बेड और ड्रेन्स आदि पर अवैध कंस्ट्रक्शन और एंक्रोचमेंट को नहीं हटाने को लेकर भी दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से गत 8 जुलाई को डीडीए को फटकार लगायी थी. इस संबंध में नोडल ऑफिसर की भी नियुक्ति की गई थी, जो एमसीडी, दिल्ली पुलिस, डीएमआरसी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और फॉरेस्ट विभाग, वाइस चेयरमैन डीडीए से कोऑर्डिनेशन बनाकर इस दिशा में काम करेंगे. साथ ही डीडीए को निर्देश दिया गया था कि एक एक्शन टेकन रिपोर्ट हाई कोर्ट में सबमिट की जाए जोकि 9 सितंबर 2024 से पहले दाखिल की जाएगी.
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डीडीए की ओर से इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए यमुना रिवर फ्लड प्लेन में 10 बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जिसका एक पूरा एक्शन प्लान भी टाइमलाइन के साथ तैयार किया गया है. उन सभी पेंडिंग प्रोजेक्ट्स की भी कंप्लीशन की टाइमलाइन तैयार की गई है जोकि अधूरे पड़े हैं.
- डीडीए की ओर से कालिंदी अविरल बायोडायवर्सिटी पार्क प्रोजेक्ट 263 हेक्टेयर में विकसित किया जा रहा है. इसके 100 हेक्टेयर में विकसित किए गए बायोडायवर्सिटी पार्क का काम कंप्लीट किया जा चुका है लेकिन एनसीआरटीसी कार्यों के चलते उसका कुछ हिस्सा डैमेज हुआ है. वहीं, इस प्रोजेक्ट का एक एक्सटेंशन पार्ट 163 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा. तकरीबन 50 हैकटेयर में विकसित बांसेरा नाम से प्रोजेक्ट को कंप्लीट किया जा चुका है, बाकी एरिया को विकसित करने का काम तेजी से किया जा रहा है.
- असिता ईस्ट पार्ट-ए (डीडीए लैंड) 93 हैकटेयर में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया गया है. जबकि, इसका पार्ट बी उत्तर प्रदेश पोर्शन 107 हैकटेयर क्षेत्र में विकसित किया जाना बाकी है. जिसकी डेडलाइन 30 सितंबर 2024 ते की गई है.
- अमृत बायोडायवर्सिटी पार्क को 116.5 हेक्टेयर में तीन पार्ट में विकसित किया जा रहा है. पार्ट-ए 90 हेक्टेयर पार्ट-बी 18 हेक्टेयर और पार्ट-सी को 8.25 हेक्टेयर में तैयार किया जाएगा. पार्ट-सी के बायोडायवर्सिटी पार्क का जिम्मा सीपीडब्ल्यूडी को सौंपा है.
- असिता वेस्ट/यमुना वाटिका पार्ट-बी 107 हेक्टेयर में तैयार की जा रही है, जिसके फेज वन का कार्य कंप्लीट किया जा चुका है.
- कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क 115 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा है. एनएचएआई प्रोजेक्ट के कंप्लीशन के बाद इसको 9 महीनों के भीतर विकसित करने का काम किया जा सकेगा.
- घाट एरिया 66 हेक्टेयर में चार हिस्सों में विकसित किया जाएगा. इसके लिए पार्ट-ए में कुदेशिया घाट/वासुदेव घाट 16 हैकटेयर, पार्ट-बी सूर घाट 13.6 हेक्टेयर, पार्ट-सी इको ट्रायल 33 हैकटेयर और यमुना बाजार 3.4 हेक्टेयर में विकसित करने का काम किया जा रहा है. कुदेशिया घाट को छोड़ दें तो बाकी तीन हिस्सों का काम 30 जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
- यमुना वनस्थली 336.5 हेक्टेयर में तैयार की जाएगी जिसके फेज वन के कार्य को पूरा कर लिया गया है.
- मयूर नेचर पार्क 397. 75 हैकटेयर एरिया में डेवलप किया जा रहा है. यह पूर्वी दिल्ली की आबोहवा को अच्छा बनाने में बड़ा मददगार साबित हो सकेगा. इसको विकसित करने का काम दो हिस्सों में किया जाएगा. पार्ट-ए में 335 हेक्टेयर और पार्ट-बी में 162.75 हेक्टेयर के एरिया में बायोडायवर्सिटी पार्क मयूर नेचर पार्क के रूप में विकसित होगा जिसका लक्ष्य 31 मार्च 2026 निर्धारित है.
- हिंडन सरोवर 45 हेक्टेयर में तैयार किया जाएगा, जो पार्ट-ए और पार्ट-बी में विकसित किया जाएगा. पार्ट-ए में 15 हेक्टेयर और पार्ट-बी में 30 हेक्टेयर भूमि पर बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने की योजना है जिसको 30 अप्रैल 2025 तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है.
- दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से इको टूरिज्म एरिया 30 हेक्टेयर में विकसित करने की भी योजना बनाई गई है जिसके दो हिस्से होंगे. पार्ट-ए में 22.7 हेक्टेयर और पार्ट-बी प्रोजेक्ट में 7.3 हेक्टेयर भूमि को विकसित कर इको टूरिज्म एरिया के रूप में डेवल्प किया जाएगा. जिसका प्लान डीडीए की ओर से हाल ही में बनाया गया है. चीफ सेक्रेटरी ने पिछले दिनों इस सबको लेकर एक अहम मीटिंग भी डीडीए और तमाम विभागों के साथ की थी और डीडीए को निर्देश भी दिए कि वह कोऑर्डिनेशन के साथ कार्यों में तेजी लाते हुए यमुना फ्लड प्लेन एरिया के पुनरुद्धार करने की दिशा में काम करें.
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