दतिया: देशभर में सोमवार को बड़े ही धूमधाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया. इस दौरान कई जगहों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस के उपल्क्ष्य में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. वहीं दतिया में जन्माष्टमी महोत्सव पर हर वर्ष एक अनोखी रस्म निभाई जाती है. महोत्सव के दौरान यहां शहर भर में जुलूस निकाला जाता है. इस जुलूस के आगे पहले कई घोड़ों को डांस कराया जाता है. वहीं करीब एक दर्जन से अधिक घोड़ों को पूरे बाजार में घुमाया जाता है. घोड़े वाले ढोल-नगाड़ों पर घोड़ों को नचवाते हैं और घोड़े भी जमकर थिरकते.
राजा के समय से चल रही परंपरा
दतिया में जन्माष्टमी पर जुलूस के आगे घोड़ों को नृत्य करवाने की यह परंपरा करीब 60 वर्ष से अधिक पुरानी है. यह परंपरा यहां के राजाओं के द्वारा चलाई गई थी, जो आज भी कायम है. कई वर्षों से इस परंपरा के अंतर्गत जन्माष्टमी पर घोड़ों का नृत्य कराया जाता हैं. इस कंप्टीशन में भाग लेने के लिए दूरदराज से लोग अपने घोड़े लेकर पहुंचते हैं. जुलूस के आगे घोड़ों का नृत्य आकर्षण का केंद्र भी बनता है. वहीं घोड़ों का डांस देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा होती है.
यहां पढ़ें... पन्ना में हीरा व्यापारी भगवान कृष्ण को क्यों बनाते हैं बिजनेस पार्टनर, देना होता है इतना हिस्सा सेंट्रल जेल में जन्माष्टमी की धूम, भगवान कृष्ण को कैदियों ने अर्पित किया माखन और मि |
सबसे पहले घोड़ों को लगाया तिलक
जन्माष्टमी पर घोड़ों का डांस कंप्टीशन कराया जाता हैं. इस कंप्टीशन के लिए घोड़ों को अच्छे से तैयार किया जाता हैं. उनके पैरों में घुंघरू बांध दिए जाते हैं, जिससे डांस करते समय वो बजते हैं. जो भी घोड़ा अच्छा डांस करता है, उस घोड़े और घोड़े वाले का तिलक कर उसे इनाम दिया जाता हैं.