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दिसंबर में ही निकाय चुनाव करा सकती है सरकार, प्रवर समिति ने ओबीसी आरक्षण से लिए मांगा समय - civic elections uttarakhand

प्रवर समिति की बैठक में ओबीसी आरक्षण सर्वे का नहीं निकला कोई हल, देहरादून विधानसभा भवन में हुई बैठक.

CIVIC ELECTIONS UTTARAKHAND
प्रवर समिति की बैठक (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 5, 2024, 4:21 PM IST

Updated : Oct 5, 2024, 10:32 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर तस्वीर कुछ हद तक साफ होती नजर आ रही है. शनिवार को निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रवर समिति की बैठक हुई थी. हालांकि बैठक में तो ओबीसी आरक्षण पर कोई हल नहीं निकाला, लेकिन निकाय चुनाव दिसंबर तक होने की उम्मीद अब जरूर की जा रही है. आगामी निकाय चुनाव भी 2011 की जनगणना के आधार पर ही कराए जा सकते हैं.

वहीं, धामी सरकार उत्तराखंड हाईकोर्ट में 9 नवंबर से पहले निकाय चुनाव कार्यक्रम जारी करने और 25 दिसंबर से पहले संपन्न कराने का एफिडेविट भी दे चुकी है. दरअसल, देहरादून विधानसभा भवन में आज पांच अक्टूबर शनिवार को निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर गठित की गई प्रवर समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली.

दिसंबर में ही निकाय चुनाव करा सकती है सरकार (Photo- ETV Bharat)

विधानसभा अध्यक्ष ने गठित की गई इस प्रवर समिति का शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सभापति बनाया है. समिति के सदस्य के रूप में विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, शहजाद अली, ममता राकेश और हरीश धामी हैं.

बैठक के बाद समिति के सभापति और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रवर समिति के सभी सदस्यों ने अपने विचार रखे और समिति इस फैसले पर पहुंची है कि निकाय चुनाव 2018 की तरह ही 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जा सकते हैं. हालांकि ओबीसी आरक्षण का विषय बेहद बड़ा है और यह केवल इस निकाय चुनाव के लिए नहीं, बल्कि भविष्य आने वाले चुनावों और तमाम अन्य विषयों में भी जहां-जहां पर ओबीसी आरक्षण लागू होता है, उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

इसलिए प्रवर समिति ने तय किया है कि वह अभी इस विषय पर और चर्चा करेंगी और तकरीबन एक महीने का समय और विधानसभा अध्यक्ष से लेंगे. वहीं कांग्रेस विधायक और प्रवर समीति के सदस्य हरीश धामी ने कहा कि निकाय चुनाव के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में दिसंबर तक का कार्यक्रम दिया है और यह सरकार ने एफिडेविट के रूप में कोर्ट में दिया है. इसलिए सरकार को निकाय चुनाव दिसंबर में करवाने होंगे.

कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि जहां तक बात ओबीसी आरक्षण की है, तो उससे चुनाव पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. चुनाव 2011 की जनगणना के अनुसार किया जा सकता है. इसी आधार पर 2018 में भी निकाय चुनाव हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर सरकार को फैसला लेना है और सरकार नवंबर में चुनाव कार्यक्रम जारी किए जाने को लेकर के कोर्ट में हलफनामा दे चुकी है.

बता दें कि नगर निगम संशोधन विधेयक पर गठित प्रवर समिति को अपनी रिपोर्ट नौ अक्टूबर से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को सौंपनी है, लेकिन अब समिति रिपोर्ट देने के लिए एक महीना और मांगने की बात कह रही है. गौरतलब हो कि नौ सितंबर को विधानसभा सचिवालय ने प्रवर समिति गठन की अधिसूचना जारी की थी. इसके बाद 18 सितंबर को गठित समिति की पहली बैठक की गई थी.

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देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर तस्वीर कुछ हद तक साफ होती नजर आ रही है. शनिवार को निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रवर समिति की बैठक हुई थी. हालांकि बैठक में तो ओबीसी आरक्षण पर कोई हल नहीं निकाला, लेकिन निकाय चुनाव दिसंबर तक होने की उम्मीद अब जरूर की जा रही है. आगामी निकाय चुनाव भी 2011 की जनगणना के आधार पर ही कराए जा सकते हैं.

वहीं, धामी सरकार उत्तराखंड हाईकोर्ट में 9 नवंबर से पहले निकाय चुनाव कार्यक्रम जारी करने और 25 दिसंबर से पहले संपन्न कराने का एफिडेविट भी दे चुकी है. दरअसल, देहरादून विधानसभा भवन में आज पांच अक्टूबर शनिवार को निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर गठित की गई प्रवर समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली.

दिसंबर में ही निकाय चुनाव करा सकती है सरकार (Photo- ETV Bharat)

विधानसभा अध्यक्ष ने गठित की गई इस प्रवर समिति का शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को सभापति बनाया है. समिति के सदस्य के रूप में विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, शहजाद अली, ममता राकेश और हरीश धामी हैं.

बैठक के बाद समिति के सभापति और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रवर समिति के सभी सदस्यों ने अपने विचार रखे और समिति इस फैसले पर पहुंची है कि निकाय चुनाव 2018 की तरह ही 2011 की जनगणना के आधार पर कराए जा सकते हैं. हालांकि ओबीसी आरक्षण का विषय बेहद बड़ा है और यह केवल इस निकाय चुनाव के लिए नहीं, बल्कि भविष्य आने वाले चुनावों और तमाम अन्य विषयों में भी जहां-जहां पर ओबीसी आरक्षण लागू होता है, उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

इसलिए प्रवर समिति ने तय किया है कि वह अभी इस विषय पर और चर्चा करेंगी और तकरीबन एक महीने का समय और विधानसभा अध्यक्ष से लेंगे. वहीं कांग्रेस विधायक और प्रवर समीति के सदस्य हरीश धामी ने कहा कि निकाय चुनाव के लिए सरकार ने हाईकोर्ट में दिसंबर तक का कार्यक्रम दिया है और यह सरकार ने एफिडेविट के रूप में कोर्ट में दिया है. इसलिए सरकार को निकाय चुनाव दिसंबर में करवाने होंगे.

कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने कहा कि जहां तक बात ओबीसी आरक्षण की है, तो उससे चुनाव पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. चुनाव 2011 की जनगणना के अनुसार किया जा सकता है. इसी आधार पर 2018 में भी निकाय चुनाव हुए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर सरकार को फैसला लेना है और सरकार नवंबर में चुनाव कार्यक्रम जारी किए जाने को लेकर के कोर्ट में हलफनामा दे चुकी है.

बता दें कि नगर निगम संशोधन विधेयक पर गठित प्रवर समिति को अपनी रिपोर्ट नौ अक्टूबर से पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को सौंपनी है, लेकिन अब समिति रिपोर्ट देने के लिए एक महीना और मांगने की बात कह रही है. गौरतलब हो कि नौ सितंबर को विधानसभा सचिवालय ने प्रवर समिति गठन की अधिसूचना जारी की थी. इसके बाद 18 सितंबर को गठित समिति की पहली बैठक की गई थी.

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Last Updated : Oct 5, 2024, 10:32 PM IST
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