नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की डासना जेल में मौजूद बंदी अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं. जेल प्रशासन जेल में मौजूद बंदियों को हुनरमंद बनाने का काम किया जा रहा है. डासना जेल में विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से कंप्यूटर लैब विकसित की गई है. कंप्यूटर लैब में कंप्यूटर और लैपटॉप के साथ ट्रेनर भी मौजूद है. जोकि बंदियों को न सिर्फ कंप्यूटर चलाना सीखा रहे हैं, बल्कि कंप्यूटर और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित प्रोफेशनल कोर्सेज भी करते हैं.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले संतोष सात महीने से गाजियाबाद की डासना जेल में है. संतोष जब डसना जेल में दाखिल हुए थे तो उन्हें कंप्यूटर के बारे में जरा भी नॉलेज नहीं थी. कंप्यूटर चलाना तो दूर संतोष को की बोर्ड माउस की भी जानकी नही थी, लेकिन अब संतोष जेल में रहकर ही सर्टिफाइड आईटी कोर्स कर चुके हैं. संतोष एक्सेल, पावरप्वाइंट, एमएस वर्ड आदि सीख चुके हैं. जेल में मौजूद कंप्यूटर लैब में संतोष ने ये सब सीखा है. संतोष को कोर्स पूर्ण करने पर NIIT द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया गया है.
संतोष बताते है कि जेल में मौजूद कंप्यूटर लैब में इंस्ट्रक्टर ने एक्सेल, पावर प्वाइंट, एमएस वर्ड आदि सिखाया है. माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल में हम बिल, सैलरी स्लिप, बिल, अटेंडेंस बना सकते हैं. शुरुआत में घबराहट हुई कि कंप्यूटर कभी इस्तेमाल ही नहीं किया तो ऐसे में कंप्यूटर कोर्स कैसे पूरा करूंगा, लेकिन धीरे-धीरे सब सीख लिया. जेल से रिहा होने के बाद खुद का जन सुविधा केंद्र खोलूंगा या फिर किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करूंगा.
अनस सैफी गाजियाबाद की डसना जेल में तीन महीने से हैं. अनस बताते हैं कंप्यूटर का बेसिक कोर्स जेल में रहकर पूरा कर लिया है. डासना जेल में इंस्ट्रक्टर के साथ कंप्यूटर और लैपटॉप मौजूद है जहां हम सीखने के साथ प्रैक्टिकल भी करते हैं. तीन महीने में कोर्स पूरा किया है. जेल की कंप्यूटर लैब में तीन घंटे रोज की क्लास होती थी. अनस का कहना है की जेल में कंप्यूटर कोर्स करने के बाद खुद पर भरोसा बढ़ गया है. रिहाई के बाद खुद की कंप्यूटर एकेडमी खोलूंगा. जेल में कुछ महीने और रुकना पड़ा तो इस दौरान एडवांस एस एक्सेल सीखूंगा.
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जेल अधीक्षक आलोक सिंह का कहना है कि जिला कारागार गाजियाबाद में महिला और पुरुष दोनों सेक्शन में कंप्यूटर लैब मौजूद है. इंडिया विजन फाउंडेशन और कल के सहयोग से कंप्यूटर और लैपटॉप उपलब्ध कराए गए हैं. जेल में मौजूद कंप्यूटर लैब में बंदियों को कंप्यूटर से संबंधित कोर्स कराए जाते हैं. कोर्स पूरा होने के बाद बंदियों की परीक्षा होती है. बंदियों का आकलन करने के लिए बाहर से टीम आती है. आकलन के बाद परीक्षा में सफल होने वाले बंदियों को सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाता है. कई कैदी ऐसे भी हैं जो जब जेल में दाखिल हुए थे तो कंप्यूटर के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं रखते थे लेकिन चंद महीनों में कोर्स पूरा कर सार्टिफिकेट हासिल चुके हैं.
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