दंतेवाड़ा: जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य सहित बुनियादी सुविधा मुहैया कराने के लिए पोटाकेबिन खोले गए हैं. ताकि यहां रहकर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे पढ़ाई कर सकें. यहां मिलने वाली हर सुविधा राज्य सरकार की ओर से बच्चों को मुहैया कराई जाती है.
बच्चों ने कलेक्टर से की शिकायत: दरअसल दंतेवाड़ा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हितामेटा पोटाकेबिन है. यहां पहली से 12वीं तक के बच्चे आवासीय परिसर में रहकर पढ़ते हैं. यहां रहने वाले बच्चों को ना तो बेहतर शिक्षा मिल पा रही है, ना ही बुनियादी सुविधा मुहैया कराई जा रही है. परेशान बच्चे बुधवार को जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट पहुंचे. बच्चों ने कलेक्टर से शिकायत की. इसके बाद कलेक्टर ने बच्चों को समस्या के निपटारे का भरोसा दिया.
जानिए क्या कहते हैं पीड़ित बच्चे: पीड़ित बच्चों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. बच्चों ने बताया, "पोटाकेबिन में शौचालय, पानी, खाना की कोई सुविधा नहीं है. हमें शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. जमीन पर हम सोते हैं. पीने का पानी साफ नहीं है. खाने की उचित व्यवस्था नहीं है. पोटा केबिन में वायरिंग भी पूरी तरह से उखड़ गई है, जिसके कारण कभी भी किसी भी बच्चों के साथ अनहोनी हो सकती है. इन सब समस्याओं को लेकर बच्चे जब शिकायत करते हैं तो पोटा केबिन अधीक्षक बच्चों से दुर्व्यवहार करते हैं. यहां के प्यून भी बच्चों को डराती है. परेशान होकर हम कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं. "
"बच्चों ने अपनी समस्याएं यहां आकर बताई है.बच्चों की समस्या का जल्द से जल्द निराकरण किया जाएगा." -मयंक चतुर्वेदी, कलेक्टर
बता दें कि कलेक्टर से मुलाकात कर बच्चों ने पोटाकेबिन के अधीक्षक और प्यून को हटाने की मांग की है. वहीं, कलेक्टर ने भी बच्चों की समस्या को हल करने का भरोसा दिया है.