मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी भरतपुर: तीन साल का बकाया भुगतान किए जाने की मांग अब एमसीबी के राइस मिलरों ने किया है. राइस मिलरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका बकाया भुगतान नहीं किया जाता है तो मिलिंग बंद कर सकते हैं. राइस मिलरों का दावा है कि उनकी आर्थिक स्थिति लगातार बकाया राशि नहीं मिलने से खराब हो रही है. मजदूरों को देने के लिए और ट्रांसपोर्ट तक के लिए उनके पास पैसा नहीं बचा. कुछ राइस मिलरों का तो यहां तक दावा है कि उनका 80 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया है.
राइस मिलरों ने दी चेतावनी: मंगलवार को इस मुद्दे पर कलेक्टर के साथ राइस मिलरों की बैठक भी हुई. लंबी चली चर्चा के बाद भी कोई समाधान बकाया भुगतान को लेकर नहीं बनी. मिलरों ने कलेक्टर से साफ साफ कहा है कि जबतक बकाया भुगतान नहीं किया जाता तबतक मिलिंग शुरु नहीं करेंगे. कस्टम मिलिंग शुरु नहीं करने की चेतावनी देने के बाद अब धान खरीदी पर भी खतरा मंडरा सकता है.
नई कस्टम मिलिंग नीति मिलरों के लिए बेहद नुकसानदायक है.कस्टम मिलिंग की राशि आधी कर दी गई है।. बारदाना की सुविधा भी समाप्त कर दी गई है.धान और चावल की ट्रांसपोर्टिंग न्यूनतम भाड़े पर हम कर रहे हैं. जबतक पिछले सीजन का भुगतान नहीं किया जाता है हम आगे काम करने की स्थिति में नहीं है. :गौतम दुग्गड़, सचिव, राइस मिल एसोसिएशन
लंबे समय से बकाया भुगतान न होने के कारण मिलर गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. मजदूरी और ट्रांसपोर्ट भाड़ा चुकाने तक में हम असमर्थ हैं. :प्रियम केजरीवाल, राइस मिलर
जिला प्रशासन जल्द निकालेगा समाधान: राइस मिलरों का अगर बकाया भुगतान नहीं किया जाता है और मिलिंग का काम रुकता है तो धान खरीदी पर असर पड़ सकता है. खरीदे गए धान के भंडारन पर भी असर पड़ेगा. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान जिला प्रशासन की टीम निकाल लेगी.