श्रीनगर: इन दिनों उत्तराखंड की हसीन वादियों में भरतनाट्यम का रंग जमा हुआ है. देश विदेश में भरतनाट्यम नृत्यांगना के रूप में अपना लोहा मनवा चुकीं मोमिता चटर्जी उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को इस नृत्य की बारीकियां सिखा रही हैं.
उत्तराखंड में भरतनाट्यम: इसी क्रम में मोमिता चटर्जी पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर भी पहुंचीं. यहां उन्होंने गढ़वाल केंद्रीय विवि के छात्र छात्राओं के बीच अपनी परफॉर्मेंस दी. उसके बाद उन्हें भरतनाट्यम की बारीकियों के बारे में बताया. इस प्रोग्राम को भारत सरकार का सांस्कृतिक मंत्रालय मदद कर रहा है. मोमिता भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भरतनाट्यम के बारे में बताती और सिखाती आ रही हैं.
मोमिता चटर्जी सिखा रही हैं भरतनाट्यम: मूल रूप से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की रहने वालीं मोमिता चटर्जी 3 साल की उम्र से ही भरतनाट्यम नृत्य कला में पारंगत हैं. वे पिछले 28 साल से देश के विभिन्न हिस्सों में भरतनाट्यम नृत्य शैली को आम जन मानस तक पहुंचाने का कार्य कर रही हैं. उन्होंने भरतनाट्यम की दीक्षा पद्मश्री गीता चंद्रन से ली है. वे दूरदर्शन की आर्टिस्ट भी हैं.
ऑस्ट्रेलिया में भी है मोमिता का भरतनाट्यम संस्थान: मोमिता देस विदेश के बड़े संगीत कार्यक्रमों में अपनी कला का जलवा बिखेर चुकी हैं. उन्होंने सिंगापुर, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में अपनी प्रस्तुति दी है. कोलकाता और ऑस्ट्रेलिया में भरतनाट्यम के दो संस्थानों का भी मोमिता सफल संचालन कर रही हैं. इन संस्थानों में वो देसी विदेशी कला के शौकीनों को भरतनाट्यम सिखाती हैं
उत्तराखंड के बच्चों की लगन से प्रभावित हैं मोमिता: मोमिता चटर्जी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि वे 3 साल की थीं, जब उन्होंने भरतनाट्यम सीखना शुरू किया था. उन्हें परफॉर्म करते और सिखाते आज 28 साल हो चुके हैं. मोमिता ने कहा कि उतराखंड के बच्चों से जब वे मिल रही हैं, तो उनमें भरतनाट्यम सीखने की बहुत ललक दिख रही है. इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. इससे बच्चे भारतीय संस्कृति के बारे में जान सकेंगे.
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