दमोह। तेंदूखेड़ा ब्लॉक में अतिथि शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम में शिक्षका अनीता अहिरवार मास्टर ट्रेनर नियुक्त की गई हैं. जब वह अतिथि शिक्षकों को प्रशिक्षण दे रही थी, उसी दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में जो मूर्ति स्थापित की गई है वह भगवान राम की नहीं बल्कि एलन मस्क की है. इसी तरह उन्होंने महाभारत की द्रोपदी के बारे में गलत बात कही. उन्होंने मानस मर्मज्ञ तुलसीदास के लिए भी कुछ अपशब्द कहे. अतिथि शिक्षक और स्कूल के छात्र जब घर पहुंचे तो उन्होंने पूरा घटनाक्रम सुनाया. घटना से गुस्साए हिंदू संगठनों के लोग दूसरे ही दिन स्कूल पहुंच गए.
शिक्षा विभाग के अफसरों से की कार्रवाई की मांग
हिंदू संगठन के लोगों का आरोप है कि शिक्षिका ने उनके धर्म, उनके आराध्य और भगवान का अपमान किया है. उन्हें इसके लिए तुरंत माफी मांगना चाहिए. साथ ही शिक्षा विभाग को भी तुरंत उन पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. जिस दौरान हिंदू संगठन के लोग स्कूल में मौजूद थे, उस समय मास्टर ट्रेनर इसे स्वीकार किया. हालांकि महिला शिक्षक ने ये भी कहा कि उन्होंने विरोध नहीं किया. एक सर ने मीराबाई, दूसरे सर ने तुलसीदास, तीसरे सर ने भगवान राम और चौथे सर ने द्रोपदी के बारे में जो विचार व्यक्त किए थे, उन पर मैंने केवल सहमति दी.
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ट्रेनिंग के दौरान इस प्रकार के विषय उठाने पर आपत्ति
हिंदू संगठन के लोगों का आरोप था कि उन्होंने कहा है कि वह भगवान राम को नहीं मानती है. यह हमारी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ है. यदि वह नास्तिक हैं तो रहें. हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन हमारे धर्म और सनातन के बारे में गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हिंदू संगठनों का यह भी कहना था क्या मास्टर ट्रेनिंग में भगवान राम, तुलसीदास द्रोपदी और मीरा सब्जेक्ट में शामिल हैं या नहीं? यदि शामिल नहीं है तो उनका जिक्र यहां पर क्यों किया गया. काफी देर तक वाद विवाद चला. मास्टर ट्रेनर अनीता अहिरवार बार-बार सफाई द और बाद में माफी मांग ली.