दमोह: शहर के कोतवाली थाना इलाके में पुलिस ने महिला बाल विकास विभाग की टीम के साथ पहुंचकर एक मकान में रहने वाले 12 नाबालिग बच्चे बरामद किए. प्रवीण शुक्ला के निवास पर ये कार्रवाई की गई. मानव अधिकार आयोग के पत्र के आधार पर जांच के लिए महिला बाल विकास विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची. बुधवार रातभर चली जांच के बाद सुबह करीब 4 बजे बच्चों को सरकारी छात्रावास भेज दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मकान में बच्चों को अवैध तरीके से रखने की शिकायत
शिकायतकर्ता दीपक तिवारी का कहना है "हमें जानकारी मिली थी कि कुछ बच्चे यहां के और कुछ बच्चे प्रदेश के बाहर के अवैधानिक तरीके से रखे गए हैं. इसी आधार पर शिकायत की थी. आयोग ने एक पत्र जारी कर पुलिस को जांच के लिए कहा था. यहां करीब 12 बच्चे मिले हैं, वैध या अवैध तरीके से रखे गए हैं, इसकी जांच होनी चाहिए. इस बारे में जिनका मकान है, वहीं बता पाएंगे कि इन बच्चों को किसलिए रखा गया था." वहीं, कोतवाली थाना प्रभारी आनंदराज का कहना है "मानवअधिकार आयोग की तरफ से पत्र की जरिए सूचना मिली थी. महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने विस्तृत जांच की है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल यहां 12 बच्चे मिले हैं और यह घर प्रवीण शुक्ला का है."
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बच्चों को रखने की जानकारी पुलिस को नहीं दी
वहीं इस मामले में मकान मालिक प्रवीण शुक्ला का कहना है "यहां 12 बच्चे रहते हैं. करीब 10 बजे पुलिस आई और यहां रहने वाले बच्चों से पूछताछ की. ये बच्चे यहां नव जागृति स्कूल में पढ़ते हैं. ये छात्रावास नहीं है, ये बच्चे मेरे घर में ही रहते हैं. किरायानामा बच्चों के परिजनों से कराया गया है, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी. इन बच्चों के रिश्तेदारों ने कहा कि इनको रख लो, तो हमने रख लिया. आरोप तो कुछ भी लगाए जा सकते हैं. ये जरूर है कि हमने कहीं जानकारी नहीं दी और ना ही रजिस्ट्रेशन कराया है."