दमोह। दमोह नगर पालिका में जल विभाग सफाई विभाग सहित विभिन्न कार्यों के लिए आउटसोर्स से कर्मचारियों को रखा है. जिसका ठेका भारत सिक्योरिटीज के पास है. लेकिन इस कंपनी ने अपने 58 कर्मचारियों को 13 माह से अधिक समय से वेतन नहीं दिया है. कर्मचारी लगातार कलेक्टर को इस संबंध में ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. दूसरी ओर मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुषमा धाकड़ ने जिला प्रशासन को दिए गए लिखित पत्र में उल्लेख किया कि जिन कर्मचारियों द्वारा वेतन की मांग की जा रही है, वे नगर पालिका के हैं ही नहीं. इसलिए उनके भुगतान का सवाल ही नहीं उठता.
सीएमओ ने कहा- ये हमारे कर्मचारी नहीं
खास बात ये है कि दूसरी तरफ सीएमओ ने उन्हीं कर्मचारियों को ड्यूटी आदेश जारी करके विभिन्न कार्यों में लगाई दी. लोकसभा निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने से मतदान, मतगणना तथा अन्य विविध कार्यों के लिए इन कर्मचारियों को पत्र जारी कर उन्हें ड्यूटी पर लगाया गया. ताज्जुब यह है कि जिन्हें नगर पालिका अपना कर्मचारी मानती ही नहीं है तो किस हैसियत से और किस आधार पर उन्हें ड्यूटी पर लगाने के लिए बकायदा आदेश पत्र जारी किए गए. कर्मचारियों ने बताया कि वह वर्ष 2008 से लगातार नगर पालिका में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन कोरोना कार्यकाल में उन्हें आउटसोर्स में शिफ्ट कर दिया गया. जिसका ठेका स्थानीय भाजपा विधायक के एक खास कार्यकर्ता को दे दिया गया.
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कर्मचारियों का वेतन ठेकेदार नहीं दे रहा
कर्मचारियों ने बताया कि करीब 7000 से 7200 रुपए प्रति माह वेतन देना तय हुआ था. लेकिन आउटसोर्स कंपनी भारत सिक्योरिटीज उनसे 30 दिन काम लेने के बाद भी कभी 23 दिन कभी 26 दिन का भुगतान करती थी. कंपनी का कहना है कि जितने दिन की छुट्टी रही, उतने दिन का भुगतान नहीं मिलेगा. पिछले 13 माह से अधिक समय से करीब 60 लाख रुपए कर्मचारियों का भुगतान रुका हुआ है. इस मामले की शिकायत कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर से की तो उन्होंने सभी कर्मचारी के बयान दर्ज कराए तथा मामले की जांच के आदेश भी दिए. लेकिन अभी भी उनका भुगतान नहीं किया गया है.