अजमेर : 22 जनवरी मंगलवार को प्रदेश भर में कई शादियां संपन्न हुईं, लेकिन अजमेर जिले के श्रीनगर थाना इलाके के लवेरा गांव में हुई एक शादी ने खासा ध्यान आकर्षित किया. यहां एक दलित दूल्हे की शादी में बारातियों से कहीं ज्यादा पुलिसकर्मी नजर आए. इस विशेष सुरक्षा व्यवस्था के पीछे एक बड़ा कारण था, दूल्हे के पिता नारायण रैगर ने अपनी बेटी की शादी में प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी.
बारातियों से ज्यादा दिखे पुलिसकर्मी : नारायण रैगर ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार इस डर से लगाई थी कि कहीं उनकी शादी में कोई विघ्न न डालें, जैसा कि साल 2005 में हुआ था. तब उनकी बहन की शादी के दौरान कुछ प्रभावशाली लोगों ने दलित दूल्हे के घोड़ी पर बैठने पर हंगामा कर दिया था. उसी घटना को याद करते हुए नारायण ने इस बार बेटी की शादी में कोई भी समस्या न हो, इसके लिए प्रशासन से सुरक्षा की मांग की थी. इस वजह से जब दूल्हे की बारात घोड़ी पर निकली, तो पूरे लवेरा गांव में पुलिसकर्मियों का जाप्ता तैनात रहा. एसपी वंदिता राणा, एएसपी डॉ. दीपक कुमार सहित 75 पुलिस जवानों ने इस शादी की सुरक्षा व्यवस्था संभाली.
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पुलिस छावनी में तब्दील हुआ गांव : नसीराबाद क्षेत्र के विभिन्न थानों से पुलिस बल और यहां तक कि पुलिस लाइन से भी जाप्ता लवेरा गांव में तैनात किया गया. एसपी, एडिशनल एसपी, डीवाईएसपी, तहसीलदार सहित कई उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में शादी संपन्न हुई. इस दौरान समाजिक तनाव और दबंगों के हस्तक्षेप की आशंका को देखते हुए मानव विकास अधिकार केंद्र संस्थान के रमेश चंद्र बंसल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से दलित समुदाय के मानवाधिकारों की रक्षा की गुहार भी लगाई थी. इस पर एसपी ने एहतियातन पुलिस बल तैनात किया था, ताकि किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था न हो.
यह था मामला : दलित युवक के विवाह में व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए अंबेडकर समिति से जुड़े कुछ लोगों ने नसीराबाद प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी. ग्राम पंचायत श्रीनगर से बारात लवेरा जानी थी. लवेरा गांव गुर्जर बहुसंख्यक क्षेत्र है, लिहाजा अंबेडकर सेवा समिति ने दूल्हे के परिजनों के साथ मिलकर आशंका व्यक्त की थी कि दलित दूल्हे को घोड़ी पर गांव में नहीं चढ़ने दिया जाएगा. इस पर उपखंड अधिकारी देवी लाल यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण दीपक कुमार शर्मा, सीओ जनरल सिंह मौके पर पहुंचे, जहां गुर्जर समाज के पंच पटेलो के साथ उन्होंने बातचीत की.
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उपखंड अधिकारी देवी लाल यादव ने बताया कि अंबेडकर सेवा समिति की ओर से एक परिवाद पेश हुआ था कि दलित विजय रैगर की लवेरा गांव की अरुणा रैगर के साथ शादी है. 20 वर्ष पहले लवेरा में दलित युवक के घोड़ी चढ़ने को लेकर विवाद हो चुका है. ऐसे में विवाद की आशंका को देखते हुए समिति से जुड़े पदाधिकारी ने आशंका जताई थी कि घोड़ी पर चढ़ने और बिंदौरी निकालने के दौरान विवाद हो सकता है. ऐसे में सभी लोगों को साथ में बैठाकर बातचीत की गई. ग्रामीणों ने भरपूर सहयोग किया. हालांकि, असामाजिक तत्व कोई अप्रिय हरकत ना करें, इसके लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी गांव में मौजूद है.
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शांतिपूर्ण निकली बिंदौरी : अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि श्रीनगर से विजय नाम के युवक की बारात गांव लवेरा आई थी. इससे पहले दूल्हे के परिजन परिवाद लेकर आए थे. इस मामले को लेकर गांव के सभी पंच पटेलो को साथ बैठाकर बात की गई. सभी के बीच सहमति बन गई. सभी ने गांव की परंपरा को निर्वहन किया है. पंच पटेल भी बारात की अगुवानी में रहे. ऐतिहात के तौर पर जब्ता लगाया गया था, ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो. पंच पटेलों की मौजूदगी में गाजे बाजे के साथ दलित युवक की बिंदोली निकली है.