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आपने दर्ज करवाई है FIR तो हो जाएं सावधान! साइबर ठग एसएचओ और एसपी बनकर कर रहे ठगी - CYBER FRAUD

साइबर अपराधियों ने ठगी का नया तरीका खोजा है. अब पुलिस विभाग में ही सेंध लगाकर एफआईआर दर्ज कराने वाले और आरोपी से ठगी कर रहे हैं. आइए जानते हैं, ऐसे ठगों से कैसे बचें?

यूपी में एफआईआर के नाम पर ठगी.
यूपी में एफआईआर के नाम पर ठगी. (Concept Image)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 12, 2024, 5:13 PM IST

लखनऊ: सावधान...यदि आपके खिलाफ या फिर आपने किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आपके पास विवेचना अधिकारी या पुलिस का कॉल आता है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि साइबर अपराधियों ने FIR में सेंध मार ली है और कॉल कर मुकदमे से नाम हटाने, सख्त करवाई करने के नाम पर वसूली कर रहे हैं. अपराधियों के इस तरीके ने यूपी पुलिस के साथ साथ टेक्निकल विभाग की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि FIR ओपन प्लेटफार्म पर है. ऐसे में उन्हें कैसे रोका जाए, इस पर विमर्श शुरू हो गया है.


कैसे कॉल कर हो रही ठगीः शामली जिले के याकूब को कॉल आई और सामने वाले ने कहा कि वो झिंझाना थाने से बोल रहा है. इसके बाद कहा कि क्या तुमने मारपीट की FIR दर्ज करवाई है. इसके साथ ही कहा क्या आरोपियों पर सख्त कार्रवाई चाहते हो. याकूब ने सहमति जताई तो तथाकथित एसपी से बात कराई. कॉलर ने किसी से जय हिंद कर बात करने लगा और याकूब के केस की पूरी जानकारी दे दी. इसके बाद कॉलर पूछता है कि सर कितने पैसे ले लूं. बस इसके बाद ओके जय हिंद बोलता है. फिर याकूब से कॉलर ने कहा कि पांच हजार रुपए गूगल पे कर दो. याकूब पूछता है कि आप कौन है तो वह खुद को थाना प्रभारी बताता है. जिस पर याकूब थाने पर आने की बात कह कॉल काट देता है.

COP एप्लीकेशन से डाउनलोड करते हैं एफआईआरः याकूब के साथ हुई यह घटना सिर्फ बानगी भर है. यूपी के पश्चिमी जिलों में इस तरह की ठगी आम हो गई है. जिसने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है. साइबर अफसरों की जांच में सामने आया है कि मुकदमों की जानकारी साइबर अपराधी यूपी COP एप्लीकेशन से निकाल रहे हैं. यहां से एफआईआर डाऊनलोड करते है और फिर शिकायतकर्ता की डिटेल निकाल कर उन्हें कॉल करते हैं.

सिर्फ वादी से नहीं आरोपी को भी कॉल कर हो रही ठगीः साइबर सेल में कार्यरत शिशिर यादव के मुताबिक, साइबर अपराधियों द्वारा इस तरह की ठगी की कोशिश सिर्फ FIR दर्ज करवाने वालों के साथ नहीं बल्कि उसमें जिन्हें आरोपी बनाया जाता है, उनके साथ भी हो रही है. अपराधी शिकायतकर्ता से कार्रवाई करवाने और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर पैसे ठग रहे हैं.

पुलिस ऐसे नहीं करती है कॉलः एसीपी साइबर अभिनव ने बताया कि सबसे पहले सभी के यह जानना जरूरी है कि पुलिस या विवेचक कभी भी किसी भी शिकायतकर्ता और आरोपी को इस तरह कॉल नहीं करता है. ऐसे में यदि कोई रुपए मांगता है तो तत्काल संबंधित थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर पर कॉल कर सूचित करें. यदि ठगी हो चुकी हो तो तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और समीप के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं. उन्होंने बताया कि हम इस पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कैसे एफआईआर की डिटेल अपराधियों तक बचाई जा सके.

लखनऊ: सावधान...यदि आपके खिलाफ या फिर आपने किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. आपके पास विवेचना अधिकारी या पुलिस का कॉल आता है तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि साइबर अपराधियों ने FIR में सेंध मार ली है और कॉल कर मुकदमे से नाम हटाने, सख्त करवाई करने के नाम पर वसूली कर रहे हैं. अपराधियों के इस तरीके ने यूपी पुलिस के साथ साथ टेक्निकल विभाग की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि FIR ओपन प्लेटफार्म पर है. ऐसे में उन्हें कैसे रोका जाए, इस पर विमर्श शुरू हो गया है.


कैसे कॉल कर हो रही ठगीः शामली जिले के याकूब को कॉल आई और सामने वाले ने कहा कि वो झिंझाना थाने से बोल रहा है. इसके बाद कहा कि क्या तुमने मारपीट की FIR दर्ज करवाई है. इसके साथ ही कहा क्या आरोपियों पर सख्त कार्रवाई चाहते हो. याकूब ने सहमति जताई तो तथाकथित एसपी से बात कराई. कॉलर ने किसी से जय हिंद कर बात करने लगा और याकूब के केस की पूरी जानकारी दे दी. इसके बाद कॉलर पूछता है कि सर कितने पैसे ले लूं. बस इसके बाद ओके जय हिंद बोलता है. फिर याकूब से कॉलर ने कहा कि पांच हजार रुपए गूगल पे कर दो. याकूब पूछता है कि आप कौन है तो वह खुद को थाना प्रभारी बताता है. जिस पर याकूब थाने पर आने की बात कह कॉल काट देता है.

COP एप्लीकेशन से डाउनलोड करते हैं एफआईआरः याकूब के साथ हुई यह घटना सिर्फ बानगी भर है. यूपी के पश्चिमी जिलों में इस तरह की ठगी आम हो गई है. जिसने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है. साइबर अफसरों की जांच में सामने आया है कि मुकदमों की जानकारी साइबर अपराधी यूपी COP एप्लीकेशन से निकाल रहे हैं. यहां से एफआईआर डाऊनलोड करते है और फिर शिकायतकर्ता की डिटेल निकाल कर उन्हें कॉल करते हैं.

सिर्फ वादी से नहीं आरोपी को भी कॉल कर हो रही ठगीः साइबर सेल में कार्यरत शिशिर यादव के मुताबिक, साइबर अपराधियों द्वारा इस तरह की ठगी की कोशिश सिर्फ FIR दर्ज करवाने वालों के साथ नहीं बल्कि उसमें जिन्हें आरोपी बनाया जाता है, उनके साथ भी हो रही है. अपराधी शिकायतकर्ता से कार्रवाई करवाने और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के नाम पर पैसे ठग रहे हैं.

पुलिस ऐसे नहीं करती है कॉलः एसीपी साइबर अभिनव ने बताया कि सबसे पहले सभी के यह जानना जरूरी है कि पुलिस या विवेचक कभी भी किसी भी शिकायतकर्ता और आरोपी को इस तरह कॉल नहीं करता है. ऐसे में यदि कोई रुपए मांगता है तो तत्काल संबंधित थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर पर कॉल कर सूचित करें. यदि ठगी हो चुकी हो तो तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और समीप के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं. उन्होंने बताया कि हम इस पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कैसे एफआईआर की डिटेल अपराधियों तक बचाई जा सके.

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