बदायूं: साइबर क्राइम के जाल से आम आदमी तो क्या सरकारी अधिकारी भी फसने से बच नहीं पा रहे हैं. सदर तहसील में तैनात तहसीलदार सुरेंद्र कुमार अब साइबर ठगी के शिकार हो गए हैं. तहसीलदार ने शिकायत साइबर सेल से की है. वहीं, पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने बैंक खाता फ्रीज कर दिया है.
तहसीलदार सुरेंद्र कुमार ने साइबर सेल को दी शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर रविवार को एक मैसेज आया. जिस नंबर से मैसेज आया, उस पर डीपी की जगह जिलाधिकारी का फोटो और नाम लिखा हुआ था. उन्होंने बताया कि वह कांवड़ यात्रा की ड्यूटी में लगे हुए थे. इस दौरान उन्होंने मैसेज पढ़ा तो उसमें 50 हजार रुपये अकाउंट में डालने को लिखा गया था. ज्यादा व्यस्तता के कारण मैसेज की तस्दीक करने की कोशिश नहीं की और बताये गये अकाउंट में 50 हजार रुपये भेज दिए. कुछ देर बाद फिर इस नंबर से कुछ और रुपए की मांग की गई. इस पर तहसीलदार को शक हुआ और जिलाधिकारी के सीयूजी नंबर पर कॉल कर उनसे बात की. जिलाधिकारी द्वारा कोई मैसेज या पैसे मांगने की बात से मना कर दिए. इस पर तहसीलदार को ठगी का एहसास हुआ.
शिकायत के आधार पर साइबर थाना पुलिस ने जांच की तो ठगी करने वाला मोबाइल नंबर श्रीलंका का निकला. फिलहाल पुलिस ने जिस खाते में पैसे ट्रांसफर करवाए गए थे उसे फ्रीज करवा दिया है. एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि तहसीलदार सदर से साइबर ठगों ने 50 हजार की ठगी की है. साइबर ठग ने जिला अधिकारी की फर्जी डीपी लगाकर कर मैसेज किया गया था. तहरीर के आधार पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर की विधिक कार्रवाई की जा रही है.