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मोटी कमाई के लालच में रेवाड़ी के इस व्यक्ति ने गंवा दिए 28 लाख, सोशल मीडिया के ऐसे विज्ञापन से सावधान - रेवाड़ी में साइबर ठगी

Cyber Fraud in Rewari: अगर आप भी सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर मोटी कमाई करना चाहते हैं तो सावधान हो जाएं. रेवाड़ी के एक युवक को ये लालच भारी पड़ गई और उसने 28 लाख रुपये गंवा दिए. आइये आपको बताते हैं कि आखिर ये साइबर फ्रॉड कैसे हुआ.

Cyber Fraud in Rewari
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 29, 2024, 11:05 PM IST

रेवाड़ी: सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखकर एक लिंक को क्लिक करना रेवाड़ी के व्यक्ति को भारी पड़ गया. ऐप में निवेश की गई रकम को कई गुना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया और फिर 28 लाख रुपये उससे ठग लिये गये. रेवाड़ी की साइबर थाना पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.

रेवाड़ी साइबर थाना पुलिस को मिली शिकायत में बावल रोड स्थित सरस्वती विहार के अरविंद सिंह ने कहा कि वो प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है. उसने 5 फरवरी को अपने मोबाइल फोन में सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखा. लिंक पर क्लिक करते ही वो एक WhatsApp नंबर से जुड़ गया. WhatsApp पर चैटिंग होने लगी. इसके बाद एमसी स्टॉक क्लब नामक एक ग्रुप ने उसके पास एक एप लिंक भेजा, जिसे उसने इंस्टाल कर दिया. लोगों द्वारा इस एप में दर्शाए गए बैंक खाते में रुपये जमा कराने पर यूनिक आईडी से लगाया गया पैसा स्क्रीन पर दिखाया जाता था.

इसी को देखकर उसने भी 5 फरवरी को अपने बैंक खाते से 50 हजार रुपये जमा करा दिए. उसने इस ऐप द्वारा ट्रेडिंग की और 1 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. इसके बाद उसने फिर तीन बार में 2 लाख रुपये जमा कराए. अब उसके ऐप खाते में 12 लाख रुपये का मुनाफा दिखाई दे रहा था. इसी ऐप के माध्यम से उसने एक एस्कोनेट टेक्रोलोजिज नामक कंपनी के आईपीओ को सब्सक्राइब किया तो उसे 51200 शेयर मिले. एक शेयर की कीमत 80 रुपये थी. इसके अनुसार उसे 40.96 लाख रुपये जमा कराने थे.

16 फरवरी को उसने अपनी पत्नी के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 10.02 लाख रुपये जमा कराए. चैटिंग के दौरान उसे सब्सक्रिप्शन अमाउंट पूरा जमा कराने के लिए कहा गया. उसने 16 फरवरी से 23 फरवरी तक कुल 28 लाख 12 हजार रुपये जमा करा दिए. जब उसे ऐप स्क्रीन पर 1 करोड़ 41 लाख से अधिक की राशि दिखाई गई तो उसने 23 फरवरी को ही 80 लाख निकालने के लिए अप्लाई किया लेकिन उसे कोई राशि प्राप्त नहीं हुई.

चैटिंग में उसे बताया गया कि उसका खाता मनी लॉड्रिंग में फंस गया है. ये राशि निकलवाने के लिए 50 प्रतिशत रुपये जमा कराने पड़ेंगे. तब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हो गया है. आखिर में उसने इसकी शिकायत साइबर थाना पुलिस को दी. जांचकर्ता पुलिस अधिकारी गोविंद ने बताया कि मिली शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पीड़ित ने अपने खातों से जिन-जिन खातों में रुपये ट्रांसफर किए हैं, उनकी डिटेल निकाली जा रही है.

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रेवाड़ी साइबर थाना पुलिस को मिली शिकायत में बावल रोड स्थित सरस्वती विहार के अरविंद सिंह ने कहा कि वो प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है. उसने 5 फरवरी को अपने मोबाइल फोन में सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखा. लिंक पर क्लिक करते ही वो एक WhatsApp नंबर से जुड़ गया. WhatsApp पर चैटिंग होने लगी. इसके बाद एमसी स्टॉक क्लब नामक एक ग्रुप ने उसके पास एक एप लिंक भेजा, जिसे उसने इंस्टाल कर दिया. लोगों द्वारा इस एप में दर्शाए गए बैंक खाते में रुपये जमा कराने पर यूनिक आईडी से लगाया गया पैसा स्क्रीन पर दिखाया जाता था.

इसी को देखकर उसने भी 5 फरवरी को अपने बैंक खाते से 50 हजार रुपये जमा करा दिए. उसने इस ऐप द्वारा ट्रेडिंग की और 1 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. इसके बाद उसने फिर तीन बार में 2 लाख रुपये जमा कराए. अब उसके ऐप खाते में 12 लाख रुपये का मुनाफा दिखाई दे रहा था. इसी ऐप के माध्यम से उसने एक एस्कोनेट टेक्रोलोजिज नामक कंपनी के आईपीओ को सब्सक्राइब किया तो उसे 51200 शेयर मिले. एक शेयर की कीमत 80 रुपये थी. इसके अनुसार उसे 40.96 लाख रुपये जमा कराने थे.

16 फरवरी को उसने अपनी पत्नी के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से 10.02 लाख रुपये जमा कराए. चैटिंग के दौरान उसे सब्सक्रिप्शन अमाउंट पूरा जमा कराने के लिए कहा गया. उसने 16 फरवरी से 23 फरवरी तक कुल 28 लाख 12 हजार रुपये जमा करा दिए. जब उसे ऐप स्क्रीन पर 1 करोड़ 41 लाख से अधिक की राशि दिखाई गई तो उसने 23 फरवरी को ही 80 लाख निकालने के लिए अप्लाई किया लेकिन उसे कोई राशि प्राप्त नहीं हुई.

चैटिंग में उसे बताया गया कि उसका खाता मनी लॉड्रिंग में फंस गया है. ये राशि निकलवाने के लिए 50 प्रतिशत रुपये जमा कराने पड़ेंगे. तब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ फ्रॉड हो गया है. आखिर में उसने इसकी शिकायत साइबर थाना पुलिस को दी. जांचकर्ता पुलिस अधिकारी गोविंद ने बताया कि मिली शिकायत के आधार पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है. पीड़ित ने अपने खातों से जिन-जिन खातों में रुपये ट्रांसफर किए हैं, उनकी डिटेल निकाली जा रही है.

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