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डिजिटल युग के साथ ही बढ़ रही साइबर ठगी, साइबर थाना प्रभारी ने धोखाधड़ी से बचने की दी ये टिप्स - Tips to avoid cyber fraud

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 27, 2024, 7:07 PM IST

डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने के साथ ही साइबर ठग भी नई-नई तकनीक से लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. ऐसे में भीलवाड़ा साइबर थाना प्रभारी ने लोगों को ठगी से बचने की टिप्स दी हैं.

Tips to avoid cyber fraud
साइबर ठगी से बचने के टिप्स (ETV Bharat Bhilwara)

साइबर ठगी के शिकार ऐसे बचाएं अपना पैसा (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. देश में जैसे-जैसे तकनीकी व डिजिटाइजेशन तकनीकी बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर फ्रॉड की वारदात भी बढ़ती जा रही है. इस मामले को लेकर भीलवाड़ा साइबर थाने के प्रभारी हरजीलाल ने कहा कि कोई भी बैंक या संस्था आपसे ओटीपी या आपके गुप्त कोड नहीं मांगती है. ऐसे में आप किसी को भी ओटीपी नहीं बताएं. ओटीपी के माध्यम से ही साइबर फ्रॉड हो रहे हैं. अगर भूलवश ओटीपी बता भी दी है, तो आप 1930 नंम्बर पर शिकायत दर्ज करवा कर इस पर लगाम लग सकते हैं.

साइबर थाने के प्रभारी हरजीराम ने बताया कि भीलवाड़ा में 4 फरवरी, 2023 से साइबर थाने की शुरुआत हुई. साइबर थाने में एक लाख से ऊपर जितनी भी ठगी होती है, उनके संबंध में प्रकरण दर्ज किए जाते हैं. वही आल इंडिया में 1930 हेल्पलाइन नंबर है, जहां कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत कर सकता है. जैसे ही साइबर ठगी का शिकार व्यक्ति 1930 नंबर पर शिकायत करता है, तो आल इंडिया में बैंकों के नोडल अधिकारी शिकायत के आधार पर खाते को फ्रिज करवा देते हैं, जिससे पैसा रुक जाता है.

पढ़ें: साइबर अपराध : ठगों ने 3 साल में राजस्थान में ठग लिए 1 अरब 65 करोड़ रुपये, जानिए कितनों को वापस मिले पैसे - Cyber ​​fraud

साइबर थाना प्रभारी ने कहा कि भीलवाड़ा में वर्ष 2023 में 34 एफआईआर दर्ज हुई है और 175 ऑनलाइन कंप्लेंट आई हैं. वहीं 2024 में अब तक 16 एफआईआर दर्ज हुई है और 109 कंप्लेंट आई हैं. साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि वर्ष 2023-24 में सबसे बड़ी एफआईआर फ्रॉड ट्रेडिंग को लेकर दर्ज हुई. इसमें व्हाट्सएप ग्रुप व टेलीग्राम के माध्यम से लिंक भेज कर प्रलोभन देने के साथ ही ठगी की गई. पीड़ित ने 2 करोड़ 6 लाख की ठगी की एफआईआर दर्ज करवाई. मामले की जांच की जा रही है.

साइबर थाना प्रभारी ने कहा कि आज हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है. वह हर काम फोन से करता है. फोन से ही आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक होता है. वर्तमान में ट्रांजेक्शन, पेटीएम, फोनपे, एटीएम व क्रेडिट कार्ड के जरिए हो रहा है. इसके चलते ऑनलाइन ठगों को मौका मिल जाता है. ठग ओटीपी, व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से लिंक भेज कर लोगों के साथ फ्रॉड करते हैं.

पढ़ें: बड़ी कार्रवाई : 3 थानों की पुलिस ने दबोचे 8 साइबर ठग, CBI अधिकारी बनकर लोगों को करते थे ब्लैकमेल - Cyber Crime

ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले भोली-भाली जनता से ट्रांजेक्शन के जरिए ओटीपी मांगते हैं और लोगों के साथ ठगी करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर आप टीवी का रिचार्ज करवा रहे हैं, तो आपकी ओटीपी जा रही है. ऐसे में जनता से अपील है कि बैंक किसी भी तरह की किसी भी ग्राहक से ओटीपी नहीं मांगता है. वहीं देश व दुनिया में कोई टेलीग्राम लिंक नहीं है, जिससे आदमी घर बैठे मोबाइल से पैसा कमा सकता है. यह गलत है. पैसा कमाने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है.

पढ़ें: साइबर ठगी की अंतरराज्यीय गैंग के दो और आरोपी गिरफ्तार, डूंगरपुर के युवक से की थी 16 लाख से अधिक की ठगी - cyber fraud in dungarpur

मोबाइल की ओटीपी बता कर आपको कोई लाखों-करोड़ों का व्यापार नहीं करवा सकता है, ना फायदा दे सकता है. ऐसे में लोग इस तरह के फ्रॉड से बचें. भोली-भाली जनता ओटीपी बता देती है, तो परिवार में पूरा डाटा चला जाता है. मेरी जनता से अपील है कि कोई भी ओटीपी नहीं बताएं. कोई ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं करें, अगर भूलवश ऑनलाइन सीक्रेट कोड या ओटीपी बता देते हैं, तो आपके साथ फ्रॉड हो सकता है. ऐसे में आप 1930 नंबर पर फोन कर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं.

किस तरह ऑनलाइन फ्रॉड करते हैं:

  1. ओटीपी या गुप्त 16 डिजीट के एटीएम नंबर पूछकर
  2. पैसे कमाने का झांसा या लालच देकर
  3. व्हाट्सएप व टेलीग्राम पर व्यापार से जुड़ने का लिंक भेज कर

ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें:

  1. गुप्त ओटीपी व अपने 16 डिजीट के एटीएम नंबर को किसी को नहीं बताएं.
  2. कोई भी बैंक आपसे ओटीपी नहीं मांगता, ऐसे में ओटीपी नहीं बताएं.
  3. व्हाट्सएप ग्रुप में आए लिंक को कभी नहीं खोलें.
  4. भूलवश ओटीपी बता भी दिया, तो 1930 नंबर पर तुरंत शिकायत दर्ज करवाएं.

साइबर ठगी के शिकार ऐसे बचाएं अपना पैसा (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. देश में जैसे-जैसे तकनीकी व डिजिटाइजेशन तकनीकी बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर फ्रॉड की वारदात भी बढ़ती जा रही है. इस मामले को लेकर भीलवाड़ा साइबर थाने के प्रभारी हरजीलाल ने कहा कि कोई भी बैंक या संस्था आपसे ओटीपी या आपके गुप्त कोड नहीं मांगती है. ऐसे में आप किसी को भी ओटीपी नहीं बताएं. ओटीपी के माध्यम से ही साइबर फ्रॉड हो रहे हैं. अगर भूलवश ओटीपी बता भी दी है, तो आप 1930 नंम्बर पर शिकायत दर्ज करवा कर इस पर लगाम लग सकते हैं.

साइबर थाने के प्रभारी हरजीराम ने बताया कि भीलवाड़ा में 4 फरवरी, 2023 से साइबर थाने की शुरुआत हुई. साइबर थाने में एक लाख से ऊपर जितनी भी ठगी होती है, उनके संबंध में प्रकरण दर्ज किए जाते हैं. वही आल इंडिया में 1930 हेल्पलाइन नंबर है, जहां कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत कर सकता है. जैसे ही साइबर ठगी का शिकार व्यक्ति 1930 नंबर पर शिकायत करता है, तो आल इंडिया में बैंकों के नोडल अधिकारी शिकायत के आधार पर खाते को फ्रिज करवा देते हैं, जिससे पैसा रुक जाता है.

पढ़ें: साइबर अपराध : ठगों ने 3 साल में राजस्थान में ठग लिए 1 अरब 65 करोड़ रुपये, जानिए कितनों को वापस मिले पैसे - Cyber ​​fraud

साइबर थाना प्रभारी ने कहा कि भीलवाड़ा में वर्ष 2023 में 34 एफआईआर दर्ज हुई है और 175 ऑनलाइन कंप्लेंट आई हैं. वहीं 2024 में अब तक 16 एफआईआर दर्ज हुई है और 109 कंप्लेंट आई हैं. साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि वर्ष 2023-24 में सबसे बड़ी एफआईआर फ्रॉड ट्रेडिंग को लेकर दर्ज हुई. इसमें व्हाट्सएप ग्रुप व टेलीग्राम के माध्यम से लिंक भेज कर प्रलोभन देने के साथ ही ठगी की गई. पीड़ित ने 2 करोड़ 6 लाख की ठगी की एफआईआर दर्ज करवाई. मामले की जांच की जा रही है.

साइबर थाना प्रभारी ने कहा कि आज हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है. वह हर काम फोन से करता है. फोन से ही आधार कार्ड और बैंक खाता लिंक होता है. वर्तमान में ट्रांजेक्शन, पेटीएम, फोनपे, एटीएम व क्रेडिट कार्ड के जरिए हो रहा है. इसके चलते ऑनलाइन ठगों को मौका मिल जाता है. ठग ओटीपी, व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से लिंक भेज कर लोगों के साथ फ्रॉड करते हैं.

पढ़ें: बड़ी कार्रवाई : 3 थानों की पुलिस ने दबोचे 8 साइबर ठग, CBI अधिकारी बनकर लोगों को करते थे ब्लैकमेल - Cyber Crime

ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले भोली-भाली जनता से ट्रांजेक्शन के जरिए ओटीपी मांगते हैं और लोगों के साथ ठगी करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर आप टीवी का रिचार्ज करवा रहे हैं, तो आपकी ओटीपी जा रही है. ऐसे में जनता से अपील है कि बैंक किसी भी तरह की किसी भी ग्राहक से ओटीपी नहीं मांगता है. वहीं देश व दुनिया में कोई टेलीग्राम लिंक नहीं है, जिससे आदमी घर बैठे मोबाइल से पैसा कमा सकता है. यह गलत है. पैसा कमाने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है.

पढ़ें: साइबर ठगी की अंतरराज्यीय गैंग के दो और आरोपी गिरफ्तार, डूंगरपुर के युवक से की थी 16 लाख से अधिक की ठगी - cyber fraud in dungarpur

मोबाइल की ओटीपी बता कर आपको कोई लाखों-करोड़ों का व्यापार नहीं करवा सकता है, ना फायदा दे सकता है. ऐसे में लोग इस तरह के फ्रॉड से बचें. भोली-भाली जनता ओटीपी बता देती है, तो परिवार में पूरा डाटा चला जाता है. मेरी जनता से अपील है कि कोई भी ओटीपी नहीं बताएं. कोई ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं करें, अगर भूलवश ऑनलाइन सीक्रेट कोड या ओटीपी बता देते हैं, तो आपके साथ फ्रॉड हो सकता है. ऐसे में आप 1930 नंबर पर फोन कर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं.

किस तरह ऑनलाइन फ्रॉड करते हैं:

  1. ओटीपी या गुप्त 16 डिजीट के एटीएम नंबर पूछकर
  2. पैसे कमाने का झांसा या लालच देकर
  3. व्हाट्सएप व टेलीग्राम पर व्यापार से जुड़ने का लिंक भेज कर

ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें:

  1. गुप्त ओटीपी व अपने 16 डिजीट के एटीएम नंबर को किसी को नहीं बताएं.
  2. कोई भी बैंक आपसे ओटीपी नहीं मांगता, ऐसे में ओटीपी नहीं बताएं.
  3. व्हाट्सएप ग्रुप में आए लिंक को कभी नहीं खोलें.
  4. भूलवश ओटीपी बता भी दिया, तो 1930 नंबर पर तुरंत शिकायत दर्ज करवाएं.
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