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नोएडा की युवती को डिजिटल अरेस्ट कर 9 लाख 90 हजार रुपये की ठगी

नोएडा में साइबर जालसाजों ने युवती को जेल भिजवाने की धमकी देकर 9 लाख 90 हजार रुपये 12 खातों में ट्रांसफर करवाए हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

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जेल भिजवाने की धमकी देकर 9 लाख 90 हजार रुपये की ठगी (Etv Bharat)

नई दिल्ली/नोएडा: हाल ही में नोएडा में एक युवती निशाना बनी, जब साइबर जालसाजों ने उसे धोखे में रखकर लगभग नौ लाख 90 हजार रुपये ठग लिए. जालसाजों ने युवती को बताया कि उसके बैंक खाते का इस्तेमाल धन शोधन में हुआ है और इस मामले में उसे जेल जाना पड़ सकता है. यह पूरी घटना साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को दर्शाती है, जो लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं.

घटना का विवरण: दिल्ली के ओखला निवासी निदा शिरीन, नोएडा के सेक्टर-50 में एक निजी कंपनी में काम कर रही थीं. कुछ दिन पहले, जब वे ऑफिस में कार्यरत थीं, तब उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताते हुए कहा कि निदा के बैंक खाते का इस्तेमाल धन शोधन में किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में हैदराबाद में एक केस दर्ज है, जिससे निदा को गंभीर दुविधा में डाल दिया.

इस कथित सीबीआई अधिकारी ने निदा को बताया कि यदि वह इस मामले में सहयोग नहीं करती तो उसे जेल हो सकती है. यह डर दिखाकर, उन्होंने उसे ऑनलाइन पूछताछ का विकल्प दिया और इसे स्थगित करने के लिए स्काइप पर एक और व्यक्ति को जोड़ दिया, जो खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बताता था.

ठगी का तरीका: ठगी के दौरान, निदा को बताया गया कि उसका नाम प्रसिद्ध व्यवसायी नरेश गोयल के धन शोधन मामले में जुड़ा हुआ है. जालसाजों ने उससे कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इसका विवरण गोपनीय रखा जाना चाहिए. इसके बाद निदा को उसके व्हाट्सएप पर ईडी का नोटिस और गिरफ्तारी वारंट भेजा गया. इस प्रकार, 25 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया और उसके खाते में कुल मिलाकर नौ लाख 90 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए.

यह भी पढ़ें- एप्पल के रद ऑर्डर के रिफंड के नाम पर विदेशी लोगों से करते थे ठगी, नोएडा पुलिस ने 15 लोगों को पकड़ा

जब किसी भी तरह से निदा को ठगी का पता चला, तो उसने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत की. इसके अलावा, गृह मंत्रालय के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई है.

पुलिस की कार्रवाई: सूचना मिलने के बाद, साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस उन 12 खातों की जानकारी जुटा रही है, जिनमें रकम ट्रांसफर की गई थी. जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है, ताकि जल्दी से जल्दी जालसाजों को पकड़ा जा सके.

वहीं, यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि साइबर जालसाज किस तरह से लोगों को धोखे में रखकर उनके पैसे हथियाने की कोशिश करते हैं. सार्वजनिक जागरूकता और सतर्कता के माध्यम से, ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिल सकती है. इसलिए, सभी को इस बात के प्रति सजग रहना चाहिए कि वे किसी अनजान कॉल या संदेश से प्रभावित न हों और संदेह होने पर तत्काल सहायता प्राप्त करें.

यह भी पढ़ें- नोएडा: पांच-पांच हजार के 30 गिफ्ट कार्ड मंगवाकर महिला से 1.50 लाख की ठगी -

नई दिल्ली/नोएडा: हाल ही में नोएडा में एक युवती निशाना बनी, जब साइबर जालसाजों ने उसे धोखे में रखकर लगभग नौ लाख 90 हजार रुपये ठग लिए. जालसाजों ने युवती को बताया कि उसके बैंक खाते का इस्तेमाल धन शोधन में हुआ है और इस मामले में उसे जेल जाना पड़ सकता है. यह पूरी घटना साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को दर्शाती है, जो लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं.

घटना का विवरण: दिल्ली के ओखला निवासी निदा शिरीन, नोएडा के सेक्टर-50 में एक निजी कंपनी में काम कर रही थीं. कुछ दिन पहले, जब वे ऑफिस में कार्यरत थीं, तब उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का अधिकारी बताते हुए कहा कि निदा के बैंक खाते का इस्तेमाल धन शोधन में किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में हैदराबाद में एक केस दर्ज है, जिससे निदा को गंभीर दुविधा में डाल दिया.

इस कथित सीबीआई अधिकारी ने निदा को बताया कि यदि वह इस मामले में सहयोग नहीं करती तो उसे जेल हो सकती है. यह डर दिखाकर, उन्होंने उसे ऑनलाइन पूछताछ का विकल्प दिया और इसे स्थगित करने के लिए स्काइप पर एक और व्यक्ति को जोड़ दिया, जो खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बताता था.

ठगी का तरीका: ठगी के दौरान, निदा को बताया गया कि उसका नाम प्रसिद्ध व्यवसायी नरेश गोयल के धन शोधन मामले में जुड़ा हुआ है. जालसाजों ने उससे कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और इसका विवरण गोपनीय रखा जाना चाहिए. इसके बाद निदा को उसके व्हाट्सएप पर ईडी का नोटिस और गिरफ्तारी वारंट भेजा गया. इस प्रकार, 25 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया और उसके खाते में कुल मिलाकर नौ लाख 90 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए.

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जब किसी भी तरह से निदा को ठगी का पता चला, तो उसने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत की. इसके अलावा, गृह मंत्रालय के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई है.

पुलिस की कार्रवाई: सूचना मिलने के बाद, साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस उन 12 खातों की जानकारी जुटा रही है, जिनमें रकम ट्रांसफर की गई थी. जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है, ताकि जल्दी से जल्दी जालसाजों को पकड़ा जा सके.

वहीं, यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि साइबर जालसाज किस तरह से लोगों को धोखे में रखकर उनके पैसे हथियाने की कोशिश करते हैं. सार्वजनिक जागरूकता और सतर्कता के माध्यम से, ऐसे अपराधों को रोकने में मदद मिल सकती है. इसलिए, सभी को इस बात के प्रति सजग रहना चाहिए कि वे किसी अनजान कॉल या संदेश से प्रभावित न हों और संदेह होने पर तत्काल सहायता प्राप्त करें.

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