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फर्जी ED अधिकारी बनकर रिटायर्ड बैंककर्मी को 11 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 1 करोड़ - CYBER FRAUD IN PANIPAT

क्रेडिट कार्ड में अवैध ट्रांजेक्शन बताकर साइबर अपराधी ने पानीपत के एक सेवानिवृत्त बैंककर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ रुपये ठग लिए.

CYBER FRAUD IN PANIPAT
पानीपत में साइबर ठगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

पानीपत: जिले में एक सेवानिवृत्त बैंककर्मी से एक करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. क्रेडिट कार्ड से दो करोड़ के अवैध ट्रांजेक्शन का डर दिखाकर आरोपी ने बैंककर्मी को डिजिटल अरेस्ट रखा और फिर ईडी का अधिकारी बताकर एक करोड़ रुपए में समझौते करने का ऑफर दिया, रिटायर्ड ऑफिसर उसके झांसे में आ गया और अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी.

11 घंटे से ज्यादा रखा डिजिटल अरेस्ट : पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उसे वीडियो कॉल कर 11 घंटे 37 मिनट तक बेड से हिलने तक नहीं दिया. ठगी की आशंका होने पर उसने 1930 पर सूचना दी. पुलिस ने तुरंत 22 लाख रुपये होल्ड कराए. फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. डिजिटल अरेस्ट से इतनी बड़ी ठगी का पानीपत में यह पहला मामला है.

पानीपत में साइबर ठगी (ETV Bharat)

खुद को RBI & ED का अधिकारी बता रहा था शातिर : बुजुर्ग ने बताया कि वह घर पर पत्नी के साथ रहता है. बच्चे बाहर रहते हैं. सात दिसंबर को दोपहर 12:15 बजे उसके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को आरबीआई से बताते हुए कहा कि उसके नाम से बने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्रेडिट कार्ड से दो करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद कॉल कट गई. अगले दिन रात 10:09 बजे दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आई. कॉल करने वाले ने मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि इस 2 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. इसके बाद खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताते हुए उसने एक करोड़ में समझौता करने का बात कही.

परिवार को जान से मारने की भी दी धमकी : बुजुर्ग ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसे 11 घंटे 37 मिनट तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा. बेड से हिलने तक नहीं दिया. साथ ही धमकी दी कि रुपये नहीं दिए तो पूरे परिवार को भी जान से मार देंगे. बुजुर्ग ने बताया कि उसके पास एक पत्र भी आया, जिस पर नेशनल एंबलम का चित्र था. पत्र के अंत में मुंबई पुलिस का जिक्र था, जिस कारण वह डर गया.

अलग-अलग बार में 1 करोड़ रुपए बुजुर्ग ने भेजे : बुजुर्ग ने बताया कि उसने अपनी एफडी तुड़वाकर डीबीएस बैंक खाते में आरटीजीएस से 65 लाख रुपये भेजे. इसके बावजूद 9 और 10 दिसंबर को भी उसे वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा गया. 12 दिसंबर को इंडसइंड बैंक में 23 लाख आरटीजीएस कराए. फिर भी वीडियो कॉल आती रही. 16 दिसंबर को 12 लाख रुपये और जमा कराए. इसके बाद ठगी की आशंका होने पर बुजुर्ग ने 1930 पर कॉल कर आपबीती बताई. साइबर अपराध थाने के प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस के पास डिजिटली व वर्चुअली अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है.

क्या है डिजिटल अरेस्ट : डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग आपको ईमेल, फोन कॉल और मैसेज के जरिए धमकी देते हैं. गैरकानूनी गतिविधियों की जांच चलने, पहचान से जुड़े दस्तावेज चोरी होने या फिर मनी लॉन्ड्रिंग का भय पीड़ित को दिखाया जाता है. साइबर ठग पीड़ित को जल्द गिरफ्तार करने की धमकी देकर उसे सोचने का मौका तक नहीं देते.

इसे भी पढ़ें : शिमला की महिला प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट कर हड़प लिए करोड़ों रुपये, अहमदाबाद से आरोपी गिरफ्तार

पानीपत: जिले में एक सेवानिवृत्त बैंककर्मी से एक करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. क्रेडिट कार्ड से दो करोड़ के अवैध ट्रांजेक्शन का डर दिखाकर आरोपी ने बैंककर्मी को डिजिटल अरेस्ट रखा और फिर ईडी का अधिकारी बताकर एक करोड़ रुपए में समझौते करने का ऑफर दिया, रिटायर्ड ऑफिसर उसके झांसे में आ गया और अपनी मेहनत की कमाई गंवा दी.

11 घंटे से ज्यादा रखा डिजिटल अरेस्ट : पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने उसे वीडियो कॉल कर 11 घंटे 37 मिनट तक बेड से हिलने तक नहीं दिया. ठगी की आशंका होने पर उसने 1930 पर सूचना दी. पुलिस ने तुरंत 22 लाख रुपये होल्ड कराए. फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. डिजिटल अरेस्ट से इतनी बड़ी ठगी का पानीपत में यह पहला मामला है.

पानीपत में साइबर ठगी (ETV Bharat)

खुद को RBI & ED का अधिकारी बता रहा था शातिर : बुजुर्ग ने बताया कि वह घर पर पत्नी के साथ रहता है. बच्चे बाहर रहते हैं. सात दिसंबर को दोपहर 12:15 बजे उसके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को आरबीआई से बताते हुए कहा कि उसके नाम से बने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्रेडिट कार्ड से दो करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद कॉल कट गई. अगले दिन रात 10:09 बजे दूसरे नंबर से वीडियो कॉल आई. कॉल करने वाले ने मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और कहा कि इस 2 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में आपको डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. इसके बाद खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताते हुए उसने एक करोड़ में समझौता करने का बात कही.

परिवार को जान से मारने की भी दी धमकी : बुजुर्ग ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसे 11 घंटे 37 मिनट तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा. बेड से हिलने तक नहीं दिया. साथ ही धमकी दी कि रुपये नहीं दिए तो पूरे परिवार को भी जान से मार देंगे. बुजुर्ग ने बताया कि उसके पास एक पत्र भी आया, जिस पर नेशनल एंबलम का चित्र था. पत्र के अंत में मुंबई पुलिस का जिक्र था, जिस कारण वह डर गया.

अलग-अलग बार में 1 करोड़ रुपए बुजुर्ग ने भेजे : बुजुर्ग ने बताया कि उसने अपनी एफडी तुड़वाकर डीबीएस बैंक खाते में आरटीजीएस से 65 लाख रुपये भेजे. इसके बावजूद 9 और 10 दिसंबर को भी उसे वीडियो कॉल पर बंधक बनाकर रखा गया. 12 दिसंबर को इंडसइंड बैंक में 23 लाख आरटीजीएस कराए. फिर भी वीडियो कॉल आती रही. 16 दिसंबर को 12 लाख रुपये और जमा कराए. इसके बाद ठगी की आशंका होने पर बुजुर्ग ने 1930 पर कॉल कर आपबीती बताई. साइबर अपराध थाने के प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि अज्ञात पर केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस के पास डिजिटली व वर्चुअली अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है.

क्या है डिजिटल अरेस्ट : डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग आपको ईमेल, फोन कॉल और मैसेज के जरिए धमकी देते हैं. गैरकानूनी गतिविधियों की जांच चलने, पहचान से जुड़े दस्तावेज चोरी होने या फिर मनी लॉन्ड्रिंग का भय पीड़ित को दिखाया जाता है. साइबर ठग पीड़ित को जल्द गिरफ्तार करने की धमकी देकर उसे सोचने का मौका तक नहीं देते.

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