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बोकारो जनरल हॉस्पिटल के चिकित्सा प्रमुख हुए डिजिटल अरेस्ट, 21 लाख की हुई ठगी - CYBER CRIME

झारखंड में साइबर क्राइम के मामले थम नहीं रहे हैं. इस बार अपराधियों ने बोकारो जनरल हॉस्पिटल के चिकित्सा प्रमुख को डिजीटल अरेस्ट कर लिया.

Cyber fraud after digital arrest of doctor of Bokaro General Hospital
बोकारो जनरल हॉस्पिटल और साइबर क्राइम की प्रतीकात्मक तस्वीर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 20, 2025, 7:59 PM IST

बोकारोः साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर बोकारो जनरल हॉस्पिटल के चिकित्सा प्रमुख डॉक्टर विभूति भूषण करुणामय से 20 लाख 86 हजार 947 रुपये ठग लिए हैं. पीड़ित चिकित्सक ने साइबर थाना में लिखित शिकायत दी है.

बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू की गई है, पैसा जिस अकाउंट में गया है, उसको भी चिन्हित कर लिया गया है. बोकारो स्टील ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव अजय कुमार पांडे ने बताया कि कई महीनों से बोकारो स्टील के अधिकारियों के पास इस तरह के कॉल आ रहे हैं. उनके पास भी ऐसा ही कॉल आया था नंबर की जांच करने के बाद पता चला कि यह पाकिस्तान का नंबर है. उन्होंने बताया कि काम की व्यस्तता के कारण यह ठगी हो पाई है.

जानकारी देते एसपी (ETV Bharat)

करीब 2 घंटे तक किया डिजिटल अरेस्ट

पीड़ित डॉक्टर विभूति भूषण की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 15 जनवरी को वे अस्पताल के इकोकार्डियोग्राफी रूम में मरीज की जांच कर रहे थे, उसी समय उन्हें एक कॉल आया. फोन करने वाले ने अपना परिचय टेलीफोन विभाग के कर्मी के रूप में दिया. उस व्यक्ति ने कहा कि उनके नाम से निर्गत एक मोबाइल नंबर से अवैधानिक फोटो व वीडियो वायरल हुआ है. इसलिए उनके सभी मोबाइल नंबर को दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा. इस संबंध में विशेष जानकारी चाहिए तो मोबाइल के कीपैड की संख्या नौ को दबाएं.

इस पर डॉक्टर विभूति भूषण ने ऐसा ही किया. इसके बाद उसी कॉल पर किसी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर कहा कि शॉप संख्या जी-2 रेणुका नगर, नासिक, मुंबई के पते पर उनके नाम से मोबाइल नंबर लिया गया है. इसकी एफआईआर मुंबई के नासिक में हुई है. इसकी जानकारी वह खुद जाकर वहां लें या आनलाइन काउंटर एफआईआर कराएं. फोन करने वाले वाट्सएप वीडियो कॉल कर एकांत रूम में बात करने को कहा. जालसाज ने ढाई घंटे तक फोन पर बात की और नासिक आने को कहा.

मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डराया

इस पर भुक्तभोगी डॉक्टर ने कहा कि नासिक काफी दूर है, जालसाजों पर ऑनलाइन काउंटर एफआईआर कराई जाएगी. इसके बाद शातिर ने चिकित्सक को झांसे में लेने के लिए स्पीकर पर फोन रखकर किसी से बात कराई. कॉल में उधर से जवाब आया कि इस नंबर से पांच प्रदेशों में अवैधानिक कृत्य चल रहा है. इस नंबर के धारक का कनेक्शन नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है. केनरा बैंक में उनके नाम पर एटीएम कार्ड भी बना है.

डॉक्टर ने कहा कि उनका खाता कैनरा बैंक में एकाउंट नहीं है, तब शातिर ने बताया कि आधार कार्ड से फर्जीवाड़ा कर खाता खोलकर कार्ड लिया गया होगा. इसकी आरबीआई व ईडी से जांच के बाद ही सच्चाई का पता चल पाएगा, तब तक गैर जमानतीय वारंट जारी है. इसकी प्रति भी वाट्सएप पर जालसाजों ने डाक्टर को भेजी. इसके बाद डॉक्टर को केस में फंसने का डर सताने लगा.

केस में फंसने के डर से डॉक्टर ने दिए पैसे

इसी बीच कॉल पर साइबर ठगों ने कहा कि 247 संदिग्ध बैंक एकाउंट में से एक में उन्हें फंड आरटीजीएस करना होगा. रुपये तीन दिन में वापस एकाउंट में आ जाएगा. फोन करने वाले ने डाक्टर को भरोसा दिलाया कि आप सेफ हैं. अपराधियों ने 16 जनवरी को बैंक से 20 लाख 86 हजार 947 रुपये डॉक्टर से आरटीजीएस करवाया. साथ ही कहा कि इसे कोर्ट में जमा किया जा रहा है, 25 लाख रुपये और जमा करने को कहा गया.

डॉक्टर से अपराधियों ने नेशनल सिक्योरिटी एक्ट का हवाला देकर एक सादे कागज पर यह लिखवा कर मंगवाया कि वह इसकी जानकारी किसी स्वजन या अन्य किसी को भी नहीं देंगे. राशि मांगने पर डॉक्टर को संदेह हुआ तो उन्होंने नंबर ब्लाक कर दिया. इसके बाद दूसरे नंबर से फोन कर उन्हें धमकी दी गई. चिकित्सक ने इसके बाद पुलिस से मदद मांगी. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्द कर जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक चिकित्सक के कुछ कागजात डिटेल्स भी साइबर अपराधियों के पास उपलब्ध था. जिसे वीडियो कॉल के द्वारा उन्हें दिखाया गया था.

इसे भी पढ़ें- 15 दिन में 5 करोड़ की ठगी, किसी को डिजिटल अरेस्ट किया तो किसी को मुनाफे का लालच देकर ठगा

इसे भी पढ़ें- झारखंड में डिजिटल अरेस्ट का विदेशी कनेक्शन, इन देशों के अपराधी दे रहे घटना को अंजाम!

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बोकारोः साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर बोकारो जनरल हॉस्पिटल के चिकित्सा प्रमुख डॉक्टर विभूति भूषण करुणामय से 20 लाख 86 हजार 947 रुपये ठग लिए हैं. पीड़ित चिकित्सक ने साइबर थाना में लिखित शिकायत दी है.

बोकारो एसपी मनोज स्वर्गियारी ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू की गई है, पैसा जिस अकाउंट में गया है, उसको भी चिन्हित कर लिया गया है. बोकारो स्टील ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव अजय कुमार पांडे ने बताया कि कई महीनों से बोकारो स्टील के अधिकारियों के पास इस तरह के कॉल आ रहे हैं. उनके पास भी ऐसा ही कॉल आया था नंबर की जांच करने के बाद पता चला कि यह पाकिस्तान का नंबर है. उन्होंने बताया कि काम की व्यस्तता के कारण यह ठगी हो पाई है.

जानकारी देते एसपी (ETV Bharat)

करीब 2 घंटे तक किया डिजिटल अरेस्ट

पीड़ित डॉक्टर विभूति भूषण की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 15 जनवरी को वे अस्पताल के इकोकार्डियोग्राफी रूम में मरीज की जांच कर रहे थे, उसी समय उन्हें एक कॉल आया. फोन करने वाले ने अपना परिचय टेलीफोन विभाग के कर्मी के रूप में दिया. उस व्यक्ति ने कहा कि उनके नाम से निर्गत एक मोबाइल नंबर से अवैधानिक फोटो व वीडियो वायरल हुआ है. इसलिए उनके सभी मोबाइल नंबर को दो घंटे में बंद कर दिया जाएगा. इस संबंध में विशेष जानकारी चाहिए तो मोबाइल के कीपैड की संख्या नौ को दबाएं.

इस पर डॉक्टर विभूति भूषण ने ऐसा ही किया. इसके बाद उसी कॉल पर किसी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर कहा कि शॉप संख्या जी-2 रेणुका नगर, नासिक, मुंबई के पते पर उनके नाम से मोबाइल नंबर लिया गया है. इसकी एफआईआर मुंबई के नासिक में हुई है. इसकी जानकारी वह खुद जाकर वहां लें या आनलाइन काउंटर एफआईआर कराएं. फोन करने वाले वाट्सएप वीडियो कॉल कर एकांत रूम में बात करने को कहा. जालसाज ने ढाई घंटे तक फोन पर बात की और नासिक आने को कहा.

मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डराया

इस पर भुक्तभोगी डॉक्टर ने कहा कि नासिक काफी दूर है, जालसाजों पर ऑनलाइन काउंटर एफआईआर कराई जाएगी. इसके बाद शातिर ने चिकित्सक को झांसे में लेने के लिए स्पीकर पर फोन रखकर किसी से बात कराई. कॉल में उधर से जवाब आया कि इस नंबर से पांच प्रदेशों में अवैधानिक कृत्य चल रहा है. इस नंबर के धारक का कनेक्शन नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है. केनरा बैंक में उनके नाम पर एटीएम कार्ड भी बना है.

डॉक्टर ने कहा कि उनका खाता कैनरा बैंक में एकाउंट नहीं है, तब शातिर ने बताया कि आधार कार्ड से फर्जीवाड़ा कर खाता खोलकर कार्ड लिया गया होगा. इसकी आरबीआई व ईडी से जांच के बाद ही सच्चाई का पता चल पाएगा, तब तक गैर जमानतीय वारंट जारी है. इसकी प्रति भी वाट्सएप पर जालसाजों ने डाक्टर को भेजी. इसके बाद डॉक्टर को केस में फंसने का डर सताने लगा.

केस में फंसने के डर से डॉक्टर ने दिए पैसे

इसी बीच कॉल पर साइबर ठगों ने कहा कि 247 संदिग्ध बैंक एकाउंट में से एक में उन्हें फंड आरटीजीएस करना होगा. रुपये तीन दिन में वापस एकाउंट में आ जाएगा. फोन करने वाले ने डाक्टर को भरोसा दिलाया कि आप सेफ हैं. अपराधियों ने 16 जनवरी को बैंक से 20 लाख 86 हजार 947 रुपये डॉक्टर से आरटीजीएस करवाया. साथ ही कहा कि इसे कोर्ट में जमा किया जा रहा है, 25 लाख रुपये और जमा करने को कहा गया.

डॉक्टर से अपराधियों ने नेशनल सिक्योरिटी एक्ट का हवाला देकर एक सादे कागज पर यह लिखवा कर मंगवाया कि वह इसकी जानकारी किसी स्वजन या अन्य किसी को भी नहीं देंगे. राशि मांगने पर डॉक्टर को संदेह हुआ तो उन्होंने नंबर ब्लाक कर दिया. इसके बाद दूसरे नंबर से फोन कर उन्हें धमकी दी गई. चिकित्सक ने इसके बाद पुलिस से मदद मांगी. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्द कर जांच शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक चिकित्सक के कुछ कागजात डिटेल्स भी साइबर अपराधियों के पास उपलब्ध था. जिसे वीडियो कॉल के द्वारा उन्हें दिखाया गया था.

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