पटनाः बिहार के बेगूसराय में डिजिटल अरेस्ट की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. साइबर अपराधियों ने मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जेडीयू विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह के बेटे सुमन सौरभ को निशाना बनाया है. शुक्रवार दोपहर बाद से पूरे दिन सुमन गायब थे. जिस वजह से परिवार में कोहराम मचा रहा. सूचना मिलते ही पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी. करीब 9 घंटे बाद शहर के एक होटल से उनको बरामद कर लिया गया.
बोगो सिंह के बेटे 9 घंटे डिजिटल अरेस्ट : जानकारी के अनुसार केशावे गांव निवासी सुमन सौरभ स्कूल का संचालन करते हैं. परिजनों के मुताबिक सुमन रोज घर से सुबह 8 बजे स्कूल जाते थे. लंच के समय एक बजे घर खाना खाने के लिए आते थे, लेकिन 13 सितंबर को सुमन घर नहीं आए. जब परिजनों ने फोन किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. इसके बाद अनहोनी की आशंका होने लगी.
"रोज सुबह 8 बजे निकलता था. दोपहर एक बजे खाना खाने के लिए आता था लेकिन घटना के दिन नहीं आया. इसके बाद परिजनों ने फोन किया तो फोन भी नहीं उठाया. देर शाम तक कुछ पता नहीं चलने पर अनहोनी की आशंका हुई तो पुलिस को सूचना दी गयी. उसके साथ साइबर फ्रॉड हो गया था. अब सब ठीक है." - गोपाल सिंह, सुमन सौरभ के चाचा
पुलिस वर्दी में डरा रहा था साइबर अपराधी : इससे पहले बेटे की गुमशुदगी की खबर जब पिता बोगो सिंह को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी जिले के एसपी और स्थानीय थानाध्यक्ष को जानकारी दी. सूचना मिलने के बाद ही पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर छानबीन शुरू की. लेकिन बीच-बीच में मोबाइल लोकेशन बदल रहा था. जिस कारण पता नहीं चल पा रहा था कि सुमन सौरभ आखिर कहां हैं.
9 घंटे बंधक, होटल से बरामद : दोपहर एक बजे से संपर्क नहीं हो पा रहा था. पूरे दिन खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चला. इसी दौरान रात के 10 बजे पुलिस को एक होटल का लोकेशन मिला. जब होटल की तलाशी ली गई तो होटल के एक कमरे में सुमन सौरभ मिले. इस दौरान सुमन सौरभ एक वीडियो कॉल पर बैठे थे. सकुशल बरामदगी के बाद पुलिस घटना की छानबीन में जुट गयी है.
"सुमन सौरभ शुक्रवार से ही लापता थे, जानकारी मिली थी की उनके साथ साइबर फ्रॉड किया गया है, तब से लापता हो गए थे. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर के होटल से बरामद किया है. पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि उन्हें फॉर्म ऑफ डिजिटल अरेस्टिंग की गई थी." - भास्कर रंजन, डीएसपी सदर
गिरफ्तारी के वक्त वीडियो कॉल पर बैठे थे सुमन : डीएसपी ने बताया कि जब कमरे में पुलिस घुसी तो सुमन सौरभ मोबाइल के सामने वीडियो कॉल पर बैठे थे. सामने कॉल पर कोई शख्स था. जिस नंबर से कॉल आया था उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. डीएसपी के मुताबिक किसी भी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नहीं हुई है.
वीडियो कॉल के माध्यम से धमकीः सुमन सौरभ के चाचा गोपाल कुमार ने बताया कि उनके भतीजा को साइबर ठगो के द्वारा मोबाइल के सामने हाथ आगे रखकर बैठने को कहा गया था. जैसे जैसे कहा जाय वैसे वैसे करने की बात कहकर डरा धमका रहा था. छोड़ने के बदले रुपए की डिमांड की जा रही थी. हालांकि पुलिस का कहना है कि साइबर अपराधी ठगी नहीं कर पाए.
क्या है डिजिटल अरेस्टः साइबर अपराध का एक नया फॉर्म हैं. अपराधियों के द्वारा बताया जाता है कि आपके नाम का कूरियर आया हैं, जिसमे गांजा, अफीम आदि नशीली पदार्थ है. तस्करी के नाम पर फंसाकर जेल भेजने की बात करते हैं. अपराधी पुलिसिया कार्रवाई की बात कह डराता धमकाता है. साइबर अपराधियों के द्वारा पीड़ित को अकेले मे वीडियो कॉल पर रहने के लिए कहा जाता है.
DIGITAL ARREST: Where to Report?
— DoT UPW LSA (@dot_upw) August 23, 2024
The Government of India has issued warnings & guidelines to help citizens recognize and avoid falling victim to #DigitalArrest
Report such incidents to the Cybercrime Helpline at 1930 or visit https://t.co/iY3Z407VVW @DoT_India #CyberSecurity pic.twitter.com/NLtvgpkmFE
बिहार में यह दूसरी घटनाः बता दें कि बिहार में यह दूसरी घटना है जब किसी को साइबर अपराधियों के द्वारा डिजिटल अरेस्ट किया गया है. इससे पहले गया में एक डॉक्टर के साथ इसी तरह की घटना हुई थी. डॉक्टर से अपराधियों ने सीबीआई अधिकारी बनकर 4 करोड़ 40 लाख रुपए खाते से ट्रांसफर करवा लिए थे.
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