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सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल को साइबर अपराधियों ने किया डिजिटल अरेस्ट, 5 दिन में ठगे दो करोड़ रुपए - Fraud Case In Noida

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 28, 2024, 7:59 PM IST

Digital House Arrest: नोएडा में रिटायर्ड मेजर जनरल को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने दो करोड़ रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

सेवानिवृत्त मेजर जनरल से दो करोड़ की ठगी
सेवानिवृत्त मेजर जनरल से दो करोड़ की ठगी (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/नोएडा: साइबर अपराधियों ने नोएडा में एक रिटायर अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर दो करोड़ रुपये की ठगी कर ली. साइबर ठगों ने खुद को नारकोटिक्स, कस्टम, सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया था. पीड़ित ने मामले की शिकायत बुधवार को सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की. पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिनमें ठगी की रकम गई है.

सेक्टर-31 निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल एनके धीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बीते दस अगस्त को उनके पास डीएचएल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए अनजान नंबर से कॉल आई. उसके द्वारा बताया गया कि शिकायतकर्ता के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा है, जिसमें पांच पासपोर्ट, चार बैंकों के क्रेडिट कार्ड, कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए (ड्रग्स) और एक लैपटॉप सहित अन्य आपत्तिनजक सामान है.

शिकायतकर्ता से कहा गया कि अगर उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनके आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ हुई है, तो मुंबई क्राइम ब्रांच में शिकायत करनी होगी. इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिये अजय कुमार बंसल नाम के कथित मुंबई पुलिस के अधिकारी और शिकायतकर्ता को जोड़ा गया. कॉल पर मौजूद सामने वाला व्यक्ति तो शिकायतकर्ता को देख रहा था पर इधर से कुछ भी नहीं दिख रहा था.

पूछताछ के क्रम में शिकायतकर्ता के पास सीबीआई का एक लेटर भेजा गया. इसमें लिखा था कि अगर उसे जेल जाने से बचना है तो पूछताछ संबंधी कोई भी जानकारी परिवार के लोगों से साझा नहीं करनी होगी. कैमरे के जरिए ठग मेजर जनरल पर नजर जमाए रहे. इस दौरान दावा किया कि मेजर जनरल पर कभी भी हमला हो सकता है. डराने के लिए एक चिकित्सक दंपती का उदाहरण भी दिया गया, जिसकी चेन्नई में हत्या हुई थी. इसके बाद डीसीपी राजपूत बने ठग ने पीड़ित से सारी गतिविधि शेयर करने को कहा और वित्तीय जानकारियां पूछी जाने लगी.

म्यूच्यूअल फंड्स और एफडी को तोड़कर पूरी रकम ठगों ने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करने को कहा. जेल जाने से बचने के लिए शिकायतकर्ता ने बैंक जाकर विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर की. एफडी तुड़वाकर भी रकम ट्रांसफर कराई गई. इस दौरान शिकायतकर्ता से कहा गया कि जांच के बाद पूरी रकम फिर से उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. जब पीड़ित पर लोन लेकर पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा, तब उसे ठगी की आशंका हुई और उसने पुलिस से संपर्क किया. पैसे वापस मांगने पर ठगों ने पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया.

साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय कुमार का कहना है कि पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आईटी एक्ट सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिन जिन खातो मे पेसे गए हैं उन उनकी जांच की जा रही है. साइबर सेल के साथ ही सर्विलांस सेल की भी मदद ली जा रही है. जिन नंबर से काल आई थी उसकी भी जांच की जा रही है.

नई दिल्ली/नोएडा: साइबर अपराधियों ने नोएडा में एक रिटायर अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर दो करोड़ रुपये की ठगी कर ली. साइबर ठगों ने खुद को नारकोटिक्स, कस्टम, सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया था. पीड़ित ने मामले की शिकायत बुधवार को सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की. पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिनमें ठगी की रकम गई है.

सेक्टर-31 निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल एनके धीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बीते दस अगस्त को उनके पास डीएचएल कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए अनजान नंबर से कॉल आई. उसके द्वारा बताया गया कि शिकायतकर्ता के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा है, जिसमें पांच पासपोर्ट, चार बैंकों के क्रेडिट कार्ड, कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए (ड्रग्स) और एक लैपटॉप सहित अन्य आपत्तिनजक सामान है.

शिकायतकर्ता से कहा गया कि अगर उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनके आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ हुई है, तो मुंबई क्राइम ब्रांच में शिकायत करनी होगी. इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिये अजय कुमार बंसल नाम के कथित मुंबई पुलिस के अधिकारी और शिकायतकर्ता को जोड़ा गया. कॉल पर मौजूद सामने वाला व्यक्ति तो शिकायतकर्ता को देख रहा था पर इधर से कुछ भी नहीं दिख रहा था.

पूछताछ के क्रम में शिकायतकर्ता के पास सीबीआई का एक लेटर भेजा गया. इसमें लिखा था कि अगर उसे जेल जाने से बचना है तो पूछताछ संबंधी कोई भी जानकारी परिवार के लोगों से साझा नहीं करनी होगी. कैमरे के जरिए ठग मेजर जनरल पर नजर जमाए रहे. इस दौरान दावा किया कि मेजर जनरल पर कभी भी हमला हो सकता है. डराने के लिए एक चिकित्सक दंपती का उदाहरण भी दिया गया, जिसकी चेन्नई में हत्या हुई थी. इसके बाद डीसीपी राजपूत बने ठग ने पीड़ित से सारी गतिविधि शेयर करने को कहा और वित्तीय जानकारियां पूछी जाने लगी.

म्यूच्यूअल फंड्स और एफडी को तोड़कर पूरी रकम ठगों ने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करने को कहा. जेल जाने से बचने के लिए शिकायतकर्ता ने बैंक जाकर विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर की. एफडी तुड़वाकर भी रकम ट्रांसफर कराई गई. इस दौरान शिकायतकर्ता से कहा गया कि जांच के बाद पूरी रकम फिर से उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. जब पीड़ित पर लोन लेकर पैसे ट्रांसफर करने का दबाव बनाया जाने लगा, तब उसे ठगी की आशंका हुई और उसने पुलिस से संपर्क किया. पैसे वापस मांगने पर ठगों ने पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया.

साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय कुमार का कहना है कि पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आईटी एक्ट सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिन जिन खातो मे पेसे गए हैं उन उनकी जांच की जा रही है. साइबर सेल के साथ ही सर्विलांस सेल की भी मदद ली जा रही है. जिन नंबर से काल आई थी उसकी भी जांच की जा रही है.

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