लखनऊ: रायबरेली के लालगंज में रहने वाले हाई स्कूल के छात्र शौर्य के पिता को कॉल आई और कहा गया कि आपके बेटे की कॉपी चेक होने उनके पास आई है बेटा फेल हो रहा है, पास करवाना हो तो पैसे ट्रांसफर कर दो. शौर्य के पिता को आश्चर्य हुआ और यह पता भी चल गया कि ये हरकत साइबर अपराधियों की है, क्योंकि वे खुद अध्यापक थे और उन्हे पता था कि अभी कॉपी चेक होना शुरू नही हुई है.
न सिर्फ शौर्य बल्कि यूपी के कई छात्रों के पास इस तरह की कॉल जा रही है. इसके द्वारा साइबर अपराधी ठगी का प्रयास कर रहे है. ऐसे में आइए जानते है कि साइबर जालसाजों ने ठगी का यह तरीका कैसे और क्यों निकाला . इतना ही नहीं इस तरह की ठगी से कैसे बचा जाए.
साइबर ठग कर रहे 5 हजार की डिमांड: यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा समाप्त हो चुकी है. बोर्ड परीक्षा 22 फरवरी से 9 मार्च के बीच 12 दिनों में आयोजित की गई थी. अब मूल्यांकन 16 मार्च से शुरू होगा जो 31 मार्च तक चलेगा. लेकिन इससे पहले ही साइबर अपराधियों ने अपना जाल बिछाना और उसमें लोगों को फंसाना शुरू कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हाई स्कूल और इंटरमेडियट के छात्रों और उनके परिजनों के पास कॉल आ रही है. जिसमें उन्हें छात्र का रोल नंबर बताते हुए कहा जा रहा है कि, आपके बेटे की कॉपी चेक होने आई है, इसमें तो वह फेल हो रहा है. यदि उसे पास करवाना है तो 5 हजार से लेकर 15 हजार तक की डिमांड की जा रही है, जो UPI के जरिए ट्रांसफर करने के लिए जालसाज कह रहे है.
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने किया सतर्क: सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद दिव्यकांत शुक्ला ने कहा कि, हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा देने वाले सभी 52 लाख छात्र छात्राओं और उनके परिजनों को इस तरह की कॉल से सतर्क रहना होगा. यह पूरी तरह से फर्जी कॉल है, जो साइबर जालसाजों के द्वारा की जा रही है. पहले तो आप इस कॉल को अनदेखा करें और फिर इसकी शिकायत साइबर हेल्प लाइन 1930 में कर दे.
सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद के मुताबिक, अभी पेपर समाप्त ही हुआ है, 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू होगा. ऐसे में जब कॉपी सेंटर तक पहुंची ही नही तो कैसे पता चलेगा कि छात्र पास होगा या फेल. दूसरी बात किसी भी मुलायंकन करने वाले अध्यापक को यह पता नही होता है कि किस रोल नंबर की कॉपी किस छात्र की है. ऐसे में उसका मोबाइल नंबर निकाल लेना असंभव है. ऐसे में सतर्क रहे.
साइबर एक्सपर्ट को भी सुनना है जरूरी: साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे कहते है कि, यह सच है कि बोर्ड परीक्षा की कॉपी का मूल्यांकन करने वाले अध्यापक को यह नही मालूम होता है कि वह किस छात्र की कॉपी चेक कर रहे है. ऐसे में यह साफतौर पर साइबर अपराधियों द्वारा ही किया जा रहा अपराध है. अमित दुबे कहते है कि, आमतौर पर साइबर अपराधी उन्हे ही कॉल कर ठगी करने की कोशिश करते है, जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत जानकारियां सोशल मीडिया में पोस्ट की होती है जैसे kf बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्र द्वारा अपना एडमिट कार्ड या रोल नंबर सोशल मीडिया में पोस्ट किया जाता है.
यहीं से साइबर अपराधी पूरी डिटेल निकालते है और फिर ठगी शुरू कर देते है. साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक, यदि ऐसी आपके पास कॉल आए तो तत्काल अपने स्थानीय थाने या फिर पास के किसी भी थाने में जाकर मौजूद साइबर हेल्प डेस्क या साइबर थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराए. इसके अलावा ऐसी कॉल को बिलकुल इंटरटेन न करें.
यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं संपन्न:
- 10वीं और 12वीं की 22 फरवरी से 9 मार्च तक हुई थी
- हाई स्कूल और इंटर को मिलाकर कुल 55 लाख 25 लाख 308 परीक्षार्थी पंजीकृत थे
- 3 लाख 24 हजार 8 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी थी
- कुल 52,01,300 छात्र छात्राओं ने दी थी परीक्षा
- कॉपियों का मूल्यांकन 16 मार्च से 31 मार्च के बीच किया जाएगा
- यूपी बोर्ड परीक्षा रिजल्ट अप्रैल के आखिर तक या मई के पहले सप्ताह में जारी हो सकते है
- बीते वर्ष 25 अप्रैल को जारी हुआ था रिजल्ट