जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, जयपुर-प्रथम ने विक्रय अनुबंध की शर्तों की अवहेलना कर ग्राहक को अपार्टमेंट का कब्जा देरी से देने को सेवा दोष माना. साथ ही विपक्षी रहेजा डेवलपर्स और रहेजा नवोदया अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन गुड़गांव, हरियाणा पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं, विपक्षी डेवलपर्स को निर्देश दिया कि वे परिवादी को 1 दिसंबर, 2016 तक जमा कराई राशि पर अपार्टमेंट का कब्जा देने की तारीख 23 जनवरी, 2021 तक की अवधि पर 6 फीसदी वार्षिक ब्याज का भुगतान करें. आयोग के अध्यक्ष डॉ. सूबेसिंह यादव व सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश आस्था गुप्ता व अन्य के परिवाद पर दिया.
परिवाद में कहा गया कि उन्होंने दिसंबर 2011 में विपक्षी की गुरुग्राम स्थित आवासीय योजना रहेजा संपदा टावर्स में एक अपार्टमेंट खरीदने के लिए संपर्क किया था. वहीं, बाद में 23 दिसंबर, 2011 को उनके बीच एक अपार्टमेंट विक्रय का अनुबंध हुआ. विपक्षी को अपार्टमेंट का कब्जा 36 महीने में देना था. परिवादी ने अपार्टमेंट खरीदने के लिए बैंक से 25 लाख रुपए का लोन भी लिया. उसने दिसंबर 2016 तक अपार्टमेंट की पूरी राशि दे दी, लेकिन विपक्षी डेवलपर्स ने उसे जनवरी 2021 में कब्जा दिया. इसे परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए अपार्टमेंट का कब्जा देरी से देने पर विपक्षी से हर्जाना व जमा राशि पर ब्याज दिलवाए जाने का आग्रह किया.
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उपभोक्ता आयोग ने माना कि विपक्षी ने अनुबंध की शर्तों की अवहेलना कर परिवादी को अपार्टमेंट का कब्जा देने में देरी की है. ऐसे में उस पर हर्जाना लगाना उचित होगा. वहीं, आयोग ने जमा राशि पर देरी की अवधि का ब्याज भी देने का निर्देश दिया है.