पलामू: विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय रिजर्व बल की तैनाती शुरू हो गई है. पलामू, गढ़वा और लातेहार में विधानसभा चुनाव को लेकर चार-चार कंपनियां सीआरपीएफ उपलब्ध करवाई गई हैं. सीआरपीएफ की टुकड़ी इलाके में कॉन्फिडेंस बिल्डिंग, डिमाइनिंग (लैंड माइन डिफ्यूजन) और एंटी नक्सल अभियान का नेतृत्व करेगी.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चलाया जाएगा अभियान
सीआरपीएफ की सभी कंपनियों की तैनाती नक्सल प्रभावित इलाकों में की जा रही है. पलामू में सीआरपीएफ को महूदंड, छतरपुर, मनातू और कसमार के इलाके में तैनात किया जा रहा है. पलामू के डीआआईजी वाईएस रमेश ने बताया कि पलामू, गढ़वा और लातेहार में सीआरपीएफ की अतिरिक्त कंपनियां मिली हैं. सीआरपीएफ की टीम कॉन्फिडेंस बिल्डिंग और फ्लैग मार्च करेगी.
सीआरपीएफ चलाएगा डिमाइमिंग अभियान
पलामू प्रमंडल के तीनों जिले नक्सल प्रभावित हैं. सीआरपीएफ की टीम बूढ़ापहाड़ से लेकर बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाके तक अभियान चलाएगी. पुलिस और सुरक्षाबलों ने संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया है. संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ लैंड माइन डिफ्यूजन अभियान चलाएगा. बूढ़ापहाड़ और बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की योजना है. डिमाइनिंग अभियान में स्पेशल बीडीडीएस टीम भी शामिल रहेगी.
पहली बार चुनाव में सीआरपीएफ की बटालियन नहीं!
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तक पलामू में एक बटालियन सीआरपीएफ की तैनाती रहती थी. पहली बार विधानसभा चुनाव के दौरान पलामू में सीआरपीएफ की बटालियन मौजूद नहीं है, बल्कि अलग-अलग कंपनियों को तैनात किया गया है. 2014 और 2019 की विधानसभा चुनाव में पलामू के इलाके में सीआरपीएफ की 134 बटालियन ने कमान संभाला था. 2022-23 में पलामू से सीआरपीएफ के बटालियन को क्लोज कर दिया गया है.
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