ETV Bharat / state

मौसम की बेरुखी से बर्बाद होने की कगार पर फसलें, किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें - Haldwani News

Uttarakhand Weather उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी ना होने से किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. किसानों का कहना है कि समय से बारिश नहीं हुई तो उनकी फसल बर्बाद हो सकती है. वहीं उद्यान विभाग ने कर्मियों को सूखे जैसी स्थिति सामने आने पर सिंचाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 27, 2024, 9:26 AM IST

मौसम की बेरुखी से बर्बाद होने की कगार पर फसलें

हल्द्वानी: उत्तराखंड में इस बार खेती-बागवानी के लिए मौसम बेरहम बना हुआ है. रबी के फसल के साथ पहाड़ के सेब,पुलम, खुबानी की पैदावार पर भी संकट मंडरा रहा है. बारिश और बर्फबारी नहीं होने से फसल सूखने लगी है. पहाड़ों पर बागवानी और खेत पर मौसम का असर साफ देखने को मिल रहा है. पूरे शीतकाल में बारिश सामान्य से 80 फीसद कम हुई और जनवरी माह में ही पहाड़ों का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. जिससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है.

उत्तराखंड में लंबे समय से बारिश और बर्फबारी नहीं होने से किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है.बर्फबारी और बारिश नहीं होने के कारण कुमाऊं मंडल के साथ पहाड़ों पर सूखा पड़ना शुरू हो गया है. किसानों और मंडी कारोबारी का कहना है कि समय पर बर्फबारी और बारिश न होने से सेब बागवानी और मटर व गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है. काश्तकारों के अनुसार रबी की फसल और पहाड़ों के सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के लिए के लिए जनवरी माह में बारिश और बर्फबारी बेहद जरूरी है. ऐसा न होने पर उत्पादन में गिरावट और गुणवत्ता में भी कमी आने की आशंका बनी हुई है.
पढ़ें-बारिश और बर्फबारी न होने से किसान मायूस, मसूर और मटर की फसल चौपट

हल्द्वानी मंडी के फल- सब्जी संगठन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि मंडी का कारोबार पहाड़ के अधिकतर फसलों पर निर्भर है. लेकिन पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से फसल बर्बाद होने के कगार पर आ चुकी है. सबसे ज्यादा नुकसान मटर की फसल और सेब की पैदावार पर होने जा रहा है. क्योंकि सेब की पैदावार के लिए बर्फबारी के साथ ही तापमान माइनस डिग्री में होना बहुत जरूरी है. लेकिन इस बार बर्फबारी नहीं होने से सेब की पैदावार पर असर पड़ सकता है. मैदानी क्षेत्र के मटर खत्म होने के बाद पहाड़ पर भारी मात्रा में मटर की पैदावार होती है. लेकिन पहाड़ों रक मटर की फसल तैयार होने के कगार पर है, लेकिन बारिश नहीं होने के चलते मटर की फसल में रोग पकड़ लिया है. जिसके चलते किसानों को मटर में भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है.
पढ़ें-टमाटर की खेती से मुंह मोड़ रहे किसान, हर साल उठाना पड़ रहा नुकसान

वहीं कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश बर्फबारी नहीं होने पर पहाड़ के फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई गई है. जिसको देखते हुए सभी कृषि अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि कहीं भी सूखे जैसी स्थिति सामने आती है तो वहां पर सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए.

मौसम की बेरुखी से बर्बाद होने की कगार पर फसलें

हल्द्वानी: उत्तराखंड में इस बार खेती-बागवानी के लिए मौसम बेरहम बना हुआ है. रबी के फसल के साथ पहाड़ के सेब,पुलम, खुबानी की पैदावार पर भी संकट मंडरा रहा है. बारिश और बर्फबारी नहीं होने से फसल सूखने लगी है. पहाड़ों पर बागवानी और खेत पर मौसम का असर साफ देखने को मिल रहा है. पूरे शीतकाल में बारिश सामान्य से 80 फीसद कम हुई और जनवरी माह में ही पहाड़ों का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. जिससे फसलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है.

उत्तराखंड में लंबे समय से बारिश और बर्फबारी नहीं होने से किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है.बर्फबारी और बारिश नहीं होने के कारण कुमाऊं मंडल के साथ पहाड़ों पर सूखा पड़ना शुरू हो गया है. किसानों और मंडी कारोबारी का कहना है कि समय पर बर्फबारी और बारिश न होने से सेब बागवानी और मटर व गेहूं की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है. काश्तकारों के अनुसार रबी की फसल और पहाड़ों के सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के लिए के लिए जनवरी माह में बारिश और बर्फबारी बेहद जरूरी है. ऐसा न होने पर उत्पादन में गिरावट और गुणवत्ता में भी कमी आने की आशंका बनी हुई है.
पढ़ें-बारिश और बर्फबारी न होने से किसान मायूस, मसूर और मटर की फसल चौपट

हल्द्वानी मंडी के फल- सब्जी संगठन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि मंडी का कारोबार पहाड़ के अधिकतर फसलों पर निर्भर है. लेकिन पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से फसल बर्बाद होने के कगार पर आ चुकी है. सबसे ज्यादा नुकसान मटर की फसल और सेब की पैदावार पर होने जा रहा है. क्योंकि सेब की पैदावार के लिए बर्फबारी के साथ ही तापमान माइनस डिग्री में होना बहुत जरूरी है. लेकिन इस बार बर्फबारी नहीं होने से सेब की पैदावार पर असर पड़ सकता है. मैदानी क्षेत्र के मटर खत्म होने के बाद पहाड़ पर भारी मात्रा में मटर की पैदावार होती है. लेकिन पहाड़ों रक मटर की फसल तैयार होने के कगार पर है, लेकिन बारिश नहीं होने के चलते मटर की फसल में रोग पकड़ लिया है. जिसके चलते किसानों को मटर में भारी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है.
पढ़ें-टमाटर की खेती से मुंह मोड़ रहे किसान, हर साल उठाना पड़ रहा नुकसान

वहीं कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश बर्फबारी नहीं होने पर पहाड़ के फसलों को नुकसान होने की संभावना जताई गई है. जिसको देखते हुए सभी कृषि अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि कहीं भी सूखे जैसी स्थिति सामने आती है तो वहां पर सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.