गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज जिले में इस सीजन के क्रॉप कटिंग का निरीक्षण शुरू हो गया है. इसी कड़ी में डीएम मो. मकसूद आलम ने कुयायकोट प्रखंड के कुचायकोट पंचायत में दौरा किया. इस दौरान वह खेतों में गए और गेहूं के फसलों का निरीक्षण किया. इसके बाद फसल कटनी के अंतर्गत खुद ही गेहूं की फसल की कटाई की. इस दौरान डीएम साहब ने किसान से बोये गए बीज, उर्वरक, कीटनाशकों आदि के संबंध में जानकारियां ली.
डीएम ने गेहूं फसल का किया निरीक्षण: जिला पदाधिकारी ने किसानों के खेत में पहुंचे और किसानों द्वारा किए गए गेंहू की खेती का निरीक्षण किया. इस दौरान किसान ओम प्रकाश पाठक के खेत में 10 मी. x 5 मी के आयताकार क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धति से सम्पादित इस प्रयोग में गेहूं का उपज 22 किलो 800 ग्राम प्राप्त हुआ अर्थात 45.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपजदर प्राप्त हुआ है.
![गोपालगंज में अधिकारियों को साथ गेहूं के खेत में पहुंचे डीएम](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-04-2024/bh-gpj-02-cropcating-pkg-bh10067_15042024180828_1504f_1713184708_1096.jpg)
कृषि योजनाओं का लिया फीडबैक: जिलाधिकारी ने क्रॉप कटिंग के दौरान निर्देश दिया कि विभाग कृषकों के साथ मिलकर उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ नई तकनीकों के उपयोग बढ़ाने का प्रयास करें, जिसका समय-समय पर विभागों द्वारा स्थलीय निरीक्षण भी किया जाय. जिलाधिकारी ने स्थानीय किसानों से बात कर उनकी समस्यायों की जानकारी ली. वहीं उनसे चल रही कृषि योजनाओं एवं कार्यक्रमों का फीड बैक भी लिया.
योजनाओं के लिए डाटा बेस होता है तैयार: जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में क्रॅाप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही फसलों के औसत उपज और उत्पादन के आंकड़ें तैयार किए जाते है. इसके माध्यम से फसल बीमा योजना एवं कृषि उत्पादित संबंधित विभिन्न योजनाओं के लिए डाटा बेस भी तैयार किया जाता हैं.इस दौरान जिला सांख्यिकी पदाधिकारी अलख निरंजन यादव, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी कुचायकोट, अंचलाधिकारी समेत कई अधिकारी उपस्थित थे.
![गोपालगंज में डीएम ने गेहूं फसल का किया निरीक्षण](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-04-2024/bh-gpj-02-cropcating-pkg-bh10067_15042024180828_1504f_1713184708_529.jpg)
"किसान हमारे अन्नदाता हैं. किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले एवं उनकी आय में वृद्धि हो. इसको लेकर पूरी गंभीरता से कार्य किया जा रहा है. क्रॉप कटिंग के बाद उपज का आकलन होता है. जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद फसलों के नुकसान और उपज में कमी का वास्तविक आकलन किया जा सकेगा."- मो. मकसूद आलम, डीएम
क्रॉप कटिंग की शुरुआत कराकर गिनाए फायदे: मो मकसूद आलम ने कहा कि क्राप कटिंग प्रयोगों के आधार पर ही जिले में फसलों की औसत उपज और उत्पादन के आंकड़े तैयार किए जाते हैं. जिससे जिले में हो रहे उत्पादन की सटीक जानकारी हासिल की जाती है. अंतिम आंकड़े परीक्षण के उपरांत राज्य स्तर पर कृषि निदेशालय जारी करता है. उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग के प्रयोगों से प्राप्त उत्पादन के आंकड़ों के आधार पर क्षतिपूर्ति और फसल बीमा की राशि निर्धारित की जाती है.
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