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आईसीयू-वेंटिलेटर में भर्ती मरीजों को संक्रमण की आशंका अधिक, ऐसे कर सकते बचाव - ICU ventilator Patients treatment

आईसीयू में जिंदगी बचाने के लिए मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है. इनमें 30 से 40 फीसदी मरीज संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. मरीजों को संक्रमण से कैसे बचाया जाए इसकी सलाह पीजीआई में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. तनमय घटक ने दी है.

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पीजीआई में क्रिटिकांन-2024 (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 7:22 AM IST

लखनऊ: आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को संक्रमण की आशंका अधिक रहती है. करीब 30 से 40 प्रतिशत मरीज संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. इन मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है. मरीज को छूने से पहले साबून से हाथ धोएं. यह नियम डॉक्टर और पैरामेडिकल समेत अन्य सभी पर लागू है. ऐसा कर हम मरीज को संक्रमण से काफी हद तक बचा सकते हैं. यह सलाह पीजीआई में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. तनमय घटक ने दी.

शुक्रवार को पीजीआई में इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन की तरफ से क्रिटिकांन-2024 का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ. तनमय घटक ने कहा, कि आईसीयू में जिंदगी बचाने के लिए मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है. इनमें 30 से 40 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर एसोसिएटेड निमोनिया, सेंट्रल लाइन एसोसिएटेड इंफेक्शन, यूटीआई हो जाता है. नतीजतन मरीजों को अस्पताल में अधिक समय तक भर्ती रखने की जरूरत पड़ती है.

इसे भी पढ़े-अब दो दिन में काम करने लगेंगी टूटी-फूटी, कटी अंगुलियां, लखनऊ के डाॅक्टरों ने खोजी नई तकनीक - SGPGI Lucknow New Invention

संक्रमण रोकने के लिए मरीजों को छूने से पहले हाथ धोएं. गैस्ट्रिक अल्सर और डीप वेन थ्रोम्बोसिस को रोकने के लिए पहले इलाज शुरू करना चाहिए. इसे प्रोफाइलेक्सिस कहते हैं. सुई जहां लगती है, उस जगह को स्प्रिट आदि से साफ करें. बेड का सिरहाना 30 डिग्री तक ऊंचा होना चाहिए. इन सलाह को अपनाकर मरीजों को संक्रमण से काफी हद तक बचा सकते हैं. कार्यशाला में 600 से अधिक डॉक्टर मौजूद थे. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने संक्रमण से बचाव के तौर-तरीके सीखे.

यह भी पढ़े-यूपी के इन छह मेडिकल कॉलेजों के 100 आईसीयू बेड लखनऊ पीजीआई से जुड़े, मिलेंगी ये सुविधाएं

लखनऊ: आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को संक्रमण की आशंका अधिक रहती है. करीब 30 से 40 प्रतिशत मरीज संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. इन मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है. मरीज को छूने से पहले साबून से हाथ धोएं. यह नियम डॉक्टर और पैरामेडिकल समेत अन्य सभी पर लागू है. ऐसा कर हम मरीज को संक्रमण से काफी हद तक बचा सकते हैं. यह सलाह पीजीआई में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ. तनमय घटक ने दी.

शुक्रवार को पीजीआई में इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन की तरफ से क्रिटिकांन-2024 का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉ. तनमय घटक ने कहा, कि आईसीयू में जिंदगी बचाने के लिए मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा जाता है. इनमें 30 से 40 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर एसोसिएटेड निमोनिया, सेंट्रल लाइन एसोसिएटेड इंफेक्शन, यूटीआई हो जाता है. नतीजतन मरीजों को अस्पताल में अधिक समय तक भर्ती रखने की जरूरत पड़ती है.

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संक्रमण रोकने के लिए मरीजों को छूने से पहले हाथ धोएं. गैस्ट्रिक अल्सर और डीप वेन थ्रोम्बोसिस को रोकने के लिए पहले इलाज शुरू करना चाहिए. इसे प्रोफाइलेक्सिस कहते हैं. सुई जहां लगती है, उस जगह को स्प्रिट आदि से साफ करें. बेड का सिरहाना 30 डिग्री तक ऊंचा होना चाहिए. इन सलाह को अपनाकर मरीजों को संक्रमण से काफी हद तक बचा सकते हैं. कार्यशाला में 600 से अधिक डॉक्टर मौजूद थे. इस दौरान छात्र-छात्राओं ने संक्रमण से बचाव के तौर-तरीके सीखे.

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