ETV Bharat / state

धान की फसल पर गर्मी की मार; नहरों में नहीं आ रहा पानी, किसानों की बढ़ी परेशानी - no water in canals of Raebareli

रायबरेली की तमाम नहरों में पानी नहीं (No Water in Canals of Raebareli) छोड़ा जा रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा धान की बेरन पर है. किसान धान की फसल के उत्पादन को लेकर परेशान हो रहे हैं.

रायबरेली की सूखी नहर.
रायबरेली की सूखी नहर. (Photo Credit-Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 6:34 PM IST

रायबरेली की नहरों में पानी नहीं. (Video Credit-Etv Bharat)

रायबरेली: जेठ के महीने में पड़ रही प्रचंड गर्मी से चारों तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है. वहीं सूखी नहरें किसानों के साथ साथ जीव जंतुओं के लिए पानी की समस्या भी पैदा कर रहे हैं. भीषण गर्मी को देखते हुए शासन ने जिला अधिकारियों को पानी की व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं.

आदेश के मुताबिक नहरों और तलाबों में पानी की व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए, लेकिन रायबरेली के डार्क जोन कहे जाने वाले सरेनी और खीरों क्षेत्र में नहर और तालाबों का पानी सूख गया है. इलाके के खजूर गांव रजबहा की नहरें सूखी हुई हैं. इसके कारण खेतों में धान के लिए तैयार किए बेरन सूखते जा रहे हैं. यही नहीं सूखी नहरों व तलाबों के कारण पशु व पक्षियों को भी पानी नसीब नहीं हो रहा है.

किसान कमला शंकर ने बताया कि नहर तो सूखी पड़ी है. कभी इसमें पानी नहीं आता है. उच्च अधिकारियों की अनदेखी के कारण नहर से हमें कोई फायदा नहीं हो रहा है. शासन के आदेश का असर अधिकारियों पर नजर नहीं आ रहा है. पानी यदि नहर में आ जाए तो सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. पशु पक्षियों के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा, लेकिन फिलहाल नहरों में पानी नहीं आ रहा है. ऐसा नहीं है कि इसमें पानी कभी नहीं आया.

इससे पहले भी पानी आता रहा. जिससे हम लोग को फायदा मिला. पानी को नहरों में भेजा जाए ताकि हम लोगों को फायदा मिल सके. किसान राम किशोर का कहना है कि नहर में पानी न आने से समस्या बिकराल होती जा रही है. खेतों में धान की बेरन सूख रही है. इससे धान की पैदावार प्रभावित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है.

यह भी पढ़ें : 8 साल में पहली बार चावल उत्पादन में भारी गिरावट, क्या सरकार एक्सपोर्ट पर बैन बढ़ाएगी!

यह भी पढ़ें : Ban On Rice Export : 'क्या भारत के पास चावल की कमी हो गई', मोदी सरकार ने निर्यात पर क्यों लगाया बैन, जानें वजह

रायबरेली की नहरों में पानी नहीं. (Video Credit-Etv Bharat)

रायबरेली: जेठ के महीने में पड़ रही प्रचंड गर्मी से चारों तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है. वहीं सूखी नहरें किसानों के साथ साथ जीव जंतुओं के लिए पानी की समस्या भी पैदा कर रहे हैं. भीषण गर्मी को देखते हुए शासन ने जिला अधिकारियों को पानी की व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं.

आदेश के मुताबिक नहरों और तलाबों में पानी की व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए, लेकिन रायबरेली के डार्क जोन कहे जाने वाले सरेनी और खीरों क्षेत्र में नहर और तालाबों का पानी सूख गया है. इलाके के खजूर गांव रजबहा की नहरें सूखी हुई हैं. इसके कारण खेतों में धान के लिए तैयार किए बेरन सूखते जा रहे हैं. यही नहीं सूखी नहरों व तलाबों के कारण पशु व पक्षियों को भी पानी नसीब नहीं हो रहा है.

किसान कमला शंकर ने बताया कि नहर तो सूखी पड़ी है. कभी इसमें पानी नहीं आता है. उच्च अधिकारियों की अनदेखी के कारण नहर से हमें कोई फायदा नहीं हो रहा है. शासन के आदेश का असर अधिकारियों पर नजर नहीं आ रहा है. पानी यदि नहर में आ जाए तो सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. पशु पक्षियों के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा, लेकिन फिलहाल नहरों में पानी नहीं आ रहा है. ऐसा नहीं है कि इसमें पानी कभी नहीं आया.

इससे पहले भी पानी आता रहा. जिससे हम लोग को फायदा मिला. पानी को नहरों में भेजा जाए ताकि हम लोगों को फायदा मिल सके. किसान राम किशोर का कहना है कि नहर में पानी न आने से समस्या बिकराल होती जा रही है. खेतों में धान की बेरन सूख रही है. इससे धान की पैदावार प्रभावित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है.

यह भी पढ़ें : 8 साल में पहली बार चावल उत्पादन में भारी गिरावट, क्या सरकार एक्सपोर्ट पर बैन बढ़ाएगी!

यह भी पढ़ें : Ban On Rice Export : 'क्या भारत के पास चावल की कमी हो गई', मोदी सरकार ने निर्यात पर क्यों लगाया बैन, जानें वजह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.