नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ गई है. इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मार्च में उनको गिरफ्तार किया था. अब बुधवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया. अरविंद केजरीवाल को फौरी तौर पर जमानत मिलना अब आसान नहीं रहा, ऐसे में दिल्ली के राजनीतिक समीकरण और सरकारी कामकाज पटरी पर कब लौटेंगे इस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.
विकास कार्य और सरकारी योजनाएं लंबित: दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में करीब छह महीने का समय बचा है. ऐसे में तमाम विकास कार्य और सरकारी योजनाएं कैसे रफ्तार पकड़ेंगी, इस पर अब असमंजस की स्थिति है. गिरफ्तारी के बाद भी केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में सरकार से जुड़े प्रशासनिक फैसले भी लंबित हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल का कहना है मुख्यमंत्री के जेल जाने के बाद सबसे बड़ा असर प्रशासनिक फैसलों पर आ रहा है.
मुख्यमंत्री की गैर मौजूदगी की वजह से अभी तक कैबिनेट की बैठकें नहीं हो पाई हैं. इस वजह से 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं और योजनाओं को मंजूरी नहीं मिल पाई है. इसमें दिल्ली सरकार की कई बड़ी योजनाएं शामिल हैं, जैसे मोहल्ला बस सेवा, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, महिला सम्मान योजना आदि. केजरीवाल सरकार ने इनका ऐलान चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करने के दौरान विधानसभा में था. महिला सम्मान योजना के तहत आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की महिलाओं को एक हजार रुपये महीना देने का ऐलान किया हुआ है. लेकिन यह योजना इसलिए रुकी हुई है, क्योंकि प्रशासनिक मंजूरी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है.
मंत्री और अधिकारियों के पद पड़े हैं खाली: केजरीवाल के जेल में होने से दिल्ली सरकार में मंत्री और अधिकारियों की नियुक्तियां प्रभावित हो रही हैं. बीते दिनों दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद से यह पद खाली है. इसके अलावा कई विभागों में अधिकारियों के पद खाली हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान मिली अंतरिम जमानत के वक्त मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजकुमार आनंद के इस्तीफा को मंजूर करने की सिफारिश तो कर दी, लेकिन उनकी जगह नए मंत्री की नियुक्ति नहीं हुई है.
समाज कल्याण जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी एक तरह से खाली पड़ा है. इतना ही नहीं, कई विभागों में अधिकारियों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए बनाई गई कमेटी की भी बैठकें नहीं हुई है. तीन सदस्यीय इस कमेटी के प्रमुख खुद मुख्यमंत्री हैं, जबकि दो अन्य सदस्यों में से एक दिल्ली के गृह विभाग के सचिव और एक मुख्य सचिव होते हैं. मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद से अभी तक कमेटी की बैठक नहीं हो पाई है.
मेयर चुनाव लंबित: इतना ही नहीं दिल्ली नगर निगम में भी मेयर चुनाव नहीं हो पाया है. समय सीमा खत्म होने के बावजूद दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव अभी तक लंबित है. इससे जुड़ी फाइल मुख्यमंत्री के जरिए ही आगे जाती है. अभी तक मुख्यमंत्री की तरफ से मेयर चुनाव कराने को लेकर कोई स्वीकृति या प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. ऐसे में केजरीवाल कब और कैसे मेयर चुनाव प्रक्रिया को शुरू कराएंगे, यह सवाल बना हुआ है. मेयर चुनाव नहीं होने से इसका असर नगर निगम के कामकाज पर भी पड़ रहा है.
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आगामी चुनावों में राजनीतिक समीकरण पर प्रभाव: दिल्ली में प्रचंड बहुमत से सरकार में काबिज हुई आम आदमी पार्टी, सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से बैकफुट पर आ गई है. लोकसभा चुनाव में भले ही प्रचार करने के लिएकेजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन चुनाव नतीजे पक्ष में नहीं रहे. ऐसे में आम आदमी पार्टी जो अब एक राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है, आने वाले महीनों में दिल्ली विधानसभा चुनाव, पार्टी के लिए खास हो जाता है. शराब घोटाले में गिरफ्तार पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ही अब अरविंद केजरीवाल का भी तिहाड़ जेल में होने से पार्टी विधानसभा चुनाव में क्या हैट्रिक लगा पाएगी, यह एक बड़ा सवाल है.
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