बेतियाः बिहार के बेतिया में 16 साल पुराने मामले में कोर्ट ने पूर्व डीएम पर कार्रवाई का आदेश दिया है. अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने पूर्व डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ 7 आपराधिक धाराओं में दोषी मानते हुए उनको नोटिस जारी किया है. 15 दिनों में उन्हें बेतिया में आकर नोटिस का जवाब देना होगा. ऐसा नहीं करने पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा.
पावर का गलत इस्तेमाल कियाः दरअसल, मामला 2008 का है. महावीरी अखाड़े के दौरान दो समुदाय के बीच विवाद हुआ था. इस दौरान जमकर मारपीट हुई थी. कोर्ट में परिवाद दायर करने वाले परिवारवादी का कहना है कि डीएम ने अपने पावर का गलत इस्तेमाल किया था और कई लोगों के साथ गलत व्यवहार किया था. शांति समिति की बैठक के बाद अधिवक्ता समेत दो लोगों के साथ मारपीट, गिरफ्तारी और रात में ही जेल भेजने का आरोप है.
दो बार खारिज हुई अपीलः परिवादी ब्रजराज श्रीवास्तव ने बताया कि 22 अगस्त 2008 को इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में तत्कालीन डीएम दिलीप कुमार के खिलाफ परिवाद दायर किया था. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने परिवाद को खारिज कर दिया था. इसके बाद खिलाफ जिला जज के न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन दायर किया. सुनवाई के उपरांत जिला जज ने भी क्रिमिनल रिवीजन को भी खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित को दी थी राहतः अनुमंडल और जिला कोर्ट में मामला खारिज होने के बाद पीड़ित ने हाईकोर्ट पटना में क्रिमिनल मिसलेनियस वाद दायर किया था. उच्च न्यायालय पटना ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और जिला जज के आदेश को निरस्त करते हुए अभियुक्त दिलीप कुमार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया था. इसके बाद तत्कालीन डीएम ने भी इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय पटना के आदेश को हीं सही ठहराया था.
हिन्दुओं के साथ मारपीटः कोर्ट के आदेश के आलोक में अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने पश्चिम चंपारण के पूर्व डीएम के खिलाफ 295-ए, 298, 323, 342, 427, 500, 504 धाराओं में संज्ञान लिया है. अधिवक्ता व परिवादी ने आरोप लगाया कि तत्कालीन डीएम ने दूसरे पक्ष पर कार्रवाई के बदले समझौता कराने लगे थे. उन्होंने कहा कि दूसरे समुदाय के लोगों ने हिन्दुओं पर अत्याचार किया था. कई लोग भाला, तलवार और चाकू के हमले में घायल हो गए थे.
"2008 में जिले के करनमया में महावीरी झंडा लगाया जा रहा था. दूसरे समुदाय के लोगों ने झंडा फाड़ दिया. विरोध करने पर कई लोगों के साथ मारपीट कर जख्मी कर दी. इस मामले में डीएम दूसरे समुदाय पर कार्रवाई के बदले शांति समिति की बैठक में समझौता कराने लगे. इस समझौता का विरोध करने पर डीएम ने मेरे और विजय कश्यप के साथ मारपीट और देर रात जेल भेजने का काम किया था. इसी मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है." -ब्रजराज श्रीवास्तव, अधिवक्ता