जमुई: बिहार के जमुई में गांजा तस्करी के मामले में सजा सुनाई गई है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम धीरेंद्र बहादुर सिंह ने 42 किलो गांजा के साथ साउथ बिहार ट्रेन में पकड़े गए पश्चिमी चंपारण के दो तस्करों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा और 1-1 लाख का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक साल की सजा अतिरिक्त होगी. सरकार की ओर से इस मामले में एनडीपीएस मामलों के विशेष लोक अभियोजक बिंदेश्वरी रजक और बचाव पक्ष की ओर से प्रदीप सिंह और राजेश कुमार सिंह अधिवक्ता ने अपनी अपनी दलीलें पेश की.
दो तस्करों को किया गया गिरफ्तार: झाझा रेल थाने में दर्ज कांड संख्या 152 /2021 मामले में, तीन लोगों को नामजद करते हुए एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में दोषी पाया गया. साउथ बिहार एक्सप्रेस में एस्कॉर्ट कर रही पुलिस को संदेह होने पर उसने झाझा रेल थाने को सूचित किया था. जिसके बाद झाझा स्टेशन पर दो ट्रॉली बैग और तीन पिट्ठू बैग के साथ पश्चिमी चंपारण के 24 वर्षीय राजन कुमार गौड़ और 21 वर्षीय विजय चौहान को गिरफ्तार किया गया था.
ओडिशा से ला रहे थे गांजा: इस मामले में तीन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. तलाशी के दौरान उनके बैग से 42 किलो गांजा पैकेट में बना कर रखा हुआ बरामद किया गया. जानकारी मिली कि यह गांजा ओडिशा से तस्करी कर ला रहे थे. इस मामले में बड़े माफिया को पुलिस उद्भेदित नहीं कर पाई है. पुलिस की जांच और गवाहों के बयान के आधार पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडीजे प्रथम धीरेंद्र बहादुर सिंह ने दोनों को 10-10 साल की सजा सुनाई और जुर्माना भी लगाया है. तीसरे अभियुक्त का ट्रायल अलग से चल रहा है.
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