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पुलिस ने किया खुलासा : सिपाही भर्ती परीक्षा से ठीक पहले झांसा देकर कर रहे थे वसूली, 9 लाख रुपयों के साथ तीन गिरफ्तार

यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा से ठीक पहले भर्ती के नाम (UP Police Constable Recruitment Exam) पर झांसा देकर वसूली करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से एक कार, 8 लाख 84 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 2:26 PM IST

कौशाम्बी : जिले में यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा शुरू होने के पहले जिले के पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. एसओजी और साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने भर्ती के नाम पर झांसा देकर वसूली करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने एक कार, 8 लाख 84 हजार रुपए नकद के अलावा पुलिस की फर्जी आईडी, लैपटॉप, मोबाइल आदि बरामद किया है. पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर उसके बाद उनका चालान कर दिया गया है.

कार सवार तीन युवक गिरफ्तार : पुलिस के मुताबिक, मामला मंझनपुर कोतवाली के ओसा नहर पुलिया के पास का है. जहां पुलिस को सूचना मिली थी कि यूपी में चल रही पुलिस भर्ती को लेकर शातिरों का गैंग जिले में सक्रिय हो चुका है. पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लोगों को झांसा देकर उनसे लाखों रुपये की वसूली हो रही थी. एडीजी और आईजी के निर्देश पर एसपी ने साइबर सेल और एसओजी टीम को सक्रिय किया गया. साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश प्रसाद और एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के ओसा नहर पुलिया के पास एक कार में कुछ युवक अभ्यर्थियों से अवैध वसूली करने के फिराक में खड़े हैं और अभ्यर्थियों की तलाश कर रहे हैं. मुखबिर की इस सूचना पर पुलिस की संयुक्त टीम ने ओसा नहर पुलिया के पास से कार सवार तीन युवकों को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में दी चौंकाने वाली जानकारी : पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें से 8 लाख 84 हजार रुपये, एक फर्जी पुलिस आईडी, पांच मोबाइल, दो लैपटॉप, 18 पुलिस भर्ती के प्रवेश पत्र, दो फर्जी दस्तावेज, तीन हस्ताक्षर सहित चेक बरामद हुए. इसके बाद पुलिस ने पकड़े गये युवकों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह भर्ती शुरू होते ही अपने रिश्तेदार, परिचित के माध्यम से सक्रिय हुए थे. युवाओं ने अपना परिचय आयुष पांडेय पुत्र विनोद कुमार पांडेय निवासी भमनपुरा थाना रानीगंज जिला मऊ, पुनीत सिंह पुत्र धीरेंद्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम जोगिनका थाना गोपीगंज भदोही, नवीन सिंह पुत्र फतेह बहादुर सिंह निवासी हरपुर मऊ में दिया. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने भी आरोपियों से पूछताछ की. इस दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. पुलिस भर्ती में झांसा देकर लोंगों से रुपया वसूलने वाले गैर जनपद के शातिर कहां से आये, किसकी मदद से आये. किस आधार पर लोंगों ने लाखों रुपये की रकम इस गैंग को दिया?, इन सब बिंदुओं पर जांच कर रही है. पुलिस के निशाने में कई अन्य लोग भी हैं.


गैंग के अन्य सदस्यों की जल्द होगी गिरफ्तारी : एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, जनपद की साइबर सेल, सर्विलांस टीम, स्वाट टीम ने एक गैंग के तीन सदस्यों आयुष पांडेय, नवनीत सिंह और पुनीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी विभिन्न परीक्षाओं में बैठ रहे अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने का झांसा देकर अवैध वसूली करते थे. इस गैंग के द्वारा नकली दस्तावेज भी तैयार किए जाते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह पहले प्रतियोगी परीक्षा दिया करते थे. उसमें असफल होने पर इन्होंने अपराधिक कूटरचित तरीके से अभ्यर्थियों से पैसे लेना शुरू कर दिया. इनके पास से 8 लाख 84 हजार रुपये जो इन्होंने विभिन्न अभ्यर्थियों से लिए थे, वह बरामद हुए हैं. गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए हमारी टीम लगी हुई है. जल्द ही हम उनकी भी गिरफ्तारी करेंगे. थाना मंझनपुर में उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. घटना की गंभीरता को देखते हुए हम उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई करेंगे.

यह भी पढ़ें : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा कल से, एग्जाम सेंटर पर जाने से पहले जान ले जरुरी बातें

यह भी पढ़ें : भव्य चर्च में प्रार्थना सभा कराता था कर्नाटक का पादरी, रोग दूर करने का झांसा देकर होता था धर्मांतरण

कौशाम्बी : जिले में यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा शुरू होने के पहले जिले के पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. एसओजी और साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने भर्ती के नाम पर झांसा देकर वसूली करने वाले गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने एक कार, 8 लाख 84 हजार रुपए नकद के अलावा पुलिस की फर्जी आईडी, लैपटॉप, मोबाइल आदि बरामद किया है. पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर उसके बाद उनका चालान कर दिया गया है.

कार सवार तीन युवक गिरफ्तार : पुलिस के मुताबिक, मामला मंझनपुर कोतवाली के ओसा नहर पुलिया के पास का है. जहां पुलिस को सूचना मिली थी कि यूपी में चल रही पुलिस भर्ती को लेकर शातिरों का गैंग जिले में सक्रिय हो चुका है. पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लोगों को झांसा देकर उनसे लाखों रुपये की वसूली हो रही थी. एडीजी और आईजी के निर्देश पर एसपी ने साइबर सेल और एसओजी टीम को सक्रिय किया गया. साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर गणेश प्रसाद और एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि मंझनपुर थाना क्षेत्र के ओसा नहर पुलिया के पास एक कार में कुछ युवक अभ्यर्थियों से अवैध वसूली करने के फिराक में खड़े हैं और अभ्यर्थियों की तलाश कर रहे हैं. मुखबिर की इस सूचना पर पुलिस की संयुक्त टीम ने ओसा नहर पुलिया के पास से कार सवार तीन युवकों को गिरफ्तार किया.

पूछताछ में दी चौंकाने वाली जानकारी : पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें से 8 लाख 84 हजार रुपये, एक फर्जी पुलिस आईडी, पांच मोबाइल, दो लैपटॉप, 18 पुलिस भर्ती के प्रवेश पत्र, दो फर्जी दस्तावेज, तीन हस्ताक्षर सहित चेक बरामद हुए. इसके बाद पुलिस ने पकड़े गये युवकों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह भर्ती शुरू होते ही अपने रिश्तेदार, परिचित के माध्यम से सक्रिय हुए थे. युवाओं ने अपना परिचय आयुष पांडेय पुत्र विनोद कुमार पांडेय निवासी भमनपुरा थाना रानीगंज जिला मऊ, पुनीत सिंह पुत्र धीरेंद्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम जोगिनका थाना गोपीगंज भदोही, नवीन सिंह पुत्र फतेह बहादुर सिंह निवासी हरपुर मऊ में दिया. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने भी आरोपियों से पूछताछ की. इस दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. पुलिस भर्ती में झांसा देकर लोंगों से रुपया वसूलने वाले गैर जनपद के शातिर कहां से आये, किसकी मदद से आये. किस आधार पर लोंगों ने लाखों रुपये की रकम इस गैंग को दिया?, इन सब बिंदुओं पर जांच कर रही है. पुलिस के निशाने में कई अन्य लोग भी हैं.


गैंग के अन्य सदस्यों की जल्द होगी गिरफ्तारी : एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, जनपद की साइबर सेल, सर्विलांस टीम, स्वाट टीम ने एक गैंग के तीन सदस्यों आयुष पांडेय, नवनीत सिंह और पुनीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी विभिन्न परीक्षाओं में बैठ रहे अभ्यर्थियों को परीक्षा पास करने का झांसा देकर अवैध वसूली करते थे. इस गैंग के द्वारा नकली दस्तावेज भी तैयार किए जाते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह पहले प्रतियोगी परीक्षा दिया करते थे. उसमें असफल होने पर इन्होंने अपराधिक कूटरचित तरीके से अभ्यर्थियों से पैसे लेना शुरू कर दिया. इनके पास से 8 लाख 84 हजार रुपये जो इन्होंने विभिन्न अभ्यर्थियों से लिए थे, वह बरामद हुए हैं. गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए हमारी टीम लगी हुई है. जल्द ही हम उनकी भी गिरफ्तारी करेंगे. थाना मंझनपुर में उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है. घटना की गंभीरता को देखते हुए हम उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई करेंगे.

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